राजस्व संग्रहण और उपभोक्ता शिकायत निवारण पर फोकस रखे
इंदौर। पारदर्शिता एवं तकनीकी उन्नयन का दौर है। अब उपभोक्ताओं, हितग्राहियों के बैंक खातों के माध्यम से राज सहायता यानि सब्सिडी मिलेगी। किसानों को सिंचाई के लिए दी जाने वाली सब्सिडी की रकम भी अब प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से प्रदान की जाएगी। इसकी इंदौर समेत विभिन्न जिलों में विभागीय तैयारी की जा रही है। बिजली बिलों का राजस्व संग्रहण के साथ ही उपभोक्ता शिकायत निवारण पर गंभीरता से कार्य किया जाए।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री अमित तोमर ने मंगलवार को उक्त निर्देश दिए। बिजली कंपनी क्षेत्र के सभी 15 जिलों के इंजीनियरों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि झाबुआ के किसानों को डीबीटी से सब्सिडी प्राप्त हो रही है, आगे जाकर इंदौर व रतलाम के किसानों को इसी तरह बैंक खातों के माध्यम से सब्सिडी मिलेगी। सभी किसानों के पंपों का सर्वें एवं जीआईएस लोकेशन दर्ज होगी। इससे कार्य तकनीकी तौर पर और भी अच्छा होगा। पंप कनेक्शन चेक करने में आसानी होगी। श्री तोमर ने कहा कि मासिक लक्ष्यों की आपूर्ति एवं उपभोक्ता सेवाओं को लेकर दैनिक योजना बनाकर लक्ष्यार्जन करना होगा, तभी माह की अंतिम तिथि पर लोड की स्थिति नहीं आएगी। श्री तोमर ने कहा कि मालवा-निमाड़ में बिजली आपूर्ति 11 केवी के 6771 फीडरों के माध्यम से की जाती है। इन फीडरों की खपत समय पर पोर्टल पर दर्ज की जाए, इससे लास एवं राजस्व संग्रहण की जानकारी निकालने में आसानी होगी। श्री तोमर ने नए सर्विस कनेक्शन भी समय पर देने के निर्देश दिए, जिस दिन कनेक्शन दिए जाए, इसी दिन पोर्टल पर इंट्री भी अनिवार्य रूप से की जाए। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिकारीगण सर्वश्री मनोज झंवर, पुनीत दुबे, एसएल करवाड़िया, बीएल चौहान, मनोज शर्मा, डीएन शर्मा आदि ने भी विचार रखे।