दुग्ध उत्पादकों को उत्पादन में बढ़ावा देने के लिये कार्यक्रम चलाये जायेंगे

संभागायुक्त श्री दीपक सिंह द्वारा इंदौर सहकारी दुग्ध संघ की समीक्षा

इन्दौर 17 जनवरी । संभागायुक्त श्री दीपक सिंह द्वारा आज संभागायुक्त कार्यालय में इंदौर सहकारी दुग्ध संघ की समीक्षा बैठक ली गई। बैठक में कई महत्वूपर्ण निर्णय लिये गये। बैठक में संघ के अधिकारियों ने बताया कि यदि इंदौर सहकारी दुग्ध संघ से जुड़ी सभी 764 दुग्ध समितियों में आटोमैटिक मिल्क कलेक्शन यूनिट स्थापित की जाये, तो इससे केन्द्र और दुग्ध समिति दोनों को लाभ होगा। प्रत्येक दुग्ध समिति में आटोमैटिक मिल्क कलेक्शन यूनिट की स्थापना पर लगभग डेढ़ लाख रूपये का खर्च आयेगा। इस तरह इंदौर सहित देवास, धार, खरगोन, खण्डवा, बुरहानपुर, झाबुआ आलीराजपुर तथा बडवानी जिलों में कार्यरत सभी 764 दुग्ध समितियों में आटोमैटिक मिल्क कलेक्शन यूनिट की स्थापना पर कुल लागत 11 करोड़ 46 लाख रूपये व्यय होगा। इस पर संभागायुक्त श्री सिंह ने कहा कि आटोमैटिक मिल्क कलेक्शन यूनिट को लगाने संबंधी सभी आवश्यक कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी की जाये, इस काम में देरी नहीं होना चाहिए।
संभागायुक्त श्री सिंह ने कहा कि वर्तमान में इंदौर दुग्ध संघ आयकर अधिनियम के अनुसार शासन को टेक्स दे रहा है। इस पर धारा-80 जी के अंतर्गत अर्जित ब्याज पर छूट प्राप्त की जा सकती है। इस राशि का उपयोग दुग्ध उत्पादकों के कल्याण के लिये किया जाये। वर्तमान में इंदौर सहकारी दुग्ध संघ, दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध समितियों के माध्यम से माह में तीन बार भुगतान करता है, जिसे अब माह में 6 बार किया जाये, ताकि 75 हजार दुग्ध उत्पादकों को अपने पशुओं के लिये आहार एवं अन्य खर्च में सुविधा मिल सकें। दुग्ध उत्पादक संघ अपने यहां तकनीक का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें, इससे बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। दुग्ध संघ के पास दुग्ध उत्पादकों एवं दुग्ध समितियों के बड़ी संख्या में दस्तावेज है। सबका रिकार्ड सुरक्षित तरीके से रखें ताकि अन्होनी की स्थिति में रिकार्ड सुरक्षित रहे। इस कार्य में शासन के विभिन्न विभागों में संचालित तकनीकी विभागों के चयनित कर्मचारियों का प्रशिक्षण भी लिया जाये।

वर्ष 1982 में हुई थी इंदौर सहकारी दुग्ध संघ की स्थापना

बैठक में जानकारी दी गई है कि चांदा तलावली मांगलिया में स्थापित इंदौर सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित की स्थापना वर्ष 1982 में हुई थी। इस केन्द्र में चार लाख लीटर दूध रखने की क्षमता है। वर्तमान में यहां चार लघु डेयरी सयंत्र है। 10 दुग्ध शीत केन्द्र है। जिसमें एक लाख से अधिक दूध प्रतिदिन संग्रह किया जा रहा है। इस केन्द्र में प्रति 8 मेट्रिक टन सफेद मक्खन और घी का उत्पादन किया जा सकता है। यहां एक दूध का पावडर बनाने का सयंत्र है, जिसकी झमता 12 मेट्रिक टन प्रतिदिन है। इसके अलावा यहां नवीन आईस्क्रीम बनाने का सयंत्र है, जिसकी क्षमता दो हजार लीटर प्रतिदिन है।
संभागायुक्त श्री सिंह ने कहा कि दुग्ध संकलन को और अधिक बढ़ाये। दुग्ध उत्पादकों के परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की दृष्टि से दुग्ध संघ समय-समय पर चिकित्सा शिविर भी आयोजित करें। दुधारू पशुओं का दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिये दुग्ध संघ ऐसे पशु आहार तैयार करें, जो गुणवत्तापूर्ण होने के साथ रियायती दर पर उपलब्ध हो। दुग्ध संघ अपने प्रोडक्ट की बेहतर तरीके से मार्केटिंग करें और आवश्यकतानुसार मार्डर पॉर्लर भी लगायें, ताकि अधिक से अधिक नागरिक दुग्ध संघ के दूध के अलावा दही, छाछ, लस्सी, घी, मक्खन, मावा, आदि भी खरीदें। बैठक में दुग्ध संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री दीपक शर्मा श्री राकेश शर्मा सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।