इंदौर में 231943 मामले लंबित 183429 मामले क्रिमिनल एवं 48514 सिविल मामले

लंबित मामलों पर की गई रिसर्च एवं आंकड़ों पर आधारित सुझाव

इंदौर में 231943 मामले लंबित 183429 मामले क्रिमिनल एवं 48514 सिविल मामले

(संविधान की 12वीं अनुसूची में स्थानीय स्वशासन के अंतर्गत किया जा सकता है नवीन प्रयोग)

इंदौर। संस्था न्यायाश्रय के अध्यक्ष एवं इंदौर के अधिवक्ता एवं विधि व्याख्याता पंकज वाधवानी द्वारा मध्य प्रदेश और इंदौर के लंबित मामलों के आंकड़ों पर रिसर्च करते हुए केस के शीघ्र निपटान हेतु कुछ महत्वपूर्ण सुझाव निकाले गए हैं जो की राज्य सरकार तक पहुंचाएं जाएंगे, जिससे कि मामलों का शीघ्र निराकरण हो सके और इंदौर और मध्य प्रदेश पूरे देश भर में रोल मॉडल के रूप में सामने उभर कर आए। एडवोकेट वाधवानी ने बताया कि भारतीय संविधान की 11वीं एवं 12वीं अनुसूची के अंतर्गत स्थानीय स्वशासन किताब नवीन प्रयोग कर विवादों को प्रारंभिक स्तर पर ही सुलझाया जा सकता है जिससे कि विवादों को काम किया जा सकता है।

जून 2024 तक के आंकड़े –एक नजर में

देशभर के लंबित मामलों में विशेष कर मध्य प्रदेश और इंदौर के लंबित मामलों की ओर नजर डाले तो जून 2024 तक के आंकड़ों को एक नजर में इस प्रकार देखा जा सकता है :-

मध्य प्रदेश में कुल 2011347 मुकदमे पेंडिग जिसमें से 1602065 क्रिमिनल एवं 408682 सिविल मामले

इंदौर में 231943 मामले लंबित 183429 मामले क्रिमिनल एवं 48514 सिविल मामले

इंदौर में 57263 मामले 1 साल पुराने एवं 58216 मामले 1 से 3 साल पुराने

इंदौर में 20 से 30 साल पुराने 54 मामले की लंबित है एक मुकदमा 20 साल से भी ज्यादा पुराना लंबित

इंदौर में सिविल मामले में सबसे ज्यादा इशू फ्रेमिंग अर्थात वाद प्रश्न विचरण के लिए 33540 मामले लबित हैं

इंदौरमें क्रिमिनल मामलों में चार्ज फ्रेमिंग करने के लिए 134204 मामले लबित हैं

इंदौर में पिछले जून महीने में सिविल के 124 मामले में लगाए गए एवं 75 मामलों का निपटारा किया गया

इंदौर में पिछले जून महीने में क्रिमिनल मामलों में 3115 नए प्रकरण लगाए गए वहीं 1711 प्रकरणों का निराकरण किया गया

वार्ड स्तर पर मेडिएशन सेंटर की स्थापना

सरकार को भेजे गए सुझावों में एडवोकेट पंकज वाधवानी ने सरकार को लिखा है किलंबित मामलों को समाप्त करने के लिए स्थानीय स्तर पर कानून द्वारा मान्य मेडिएशन सेंटर स्थानीय सरकार अर्थात नगर निगम द्वारा प्रारंभ की जानी चाहिए। यह मेडिएशन सेंटर वार्ड स्तर पर होना चाहिए, जिससे अनेक मामले स्थानीय स्तर पर ही आपसी समझौते के माध्यम से समाप्त हो सकते हैं। जिस प्रकार से स्वच्छता में इंदौर में अपना परचम फहराया है उसी प्रकार पूरे देश में इंदौर प्रकरण को निपटान करने के लिए एक रोल मॉडल देश को दे सकता है।

—-पंकज वाधवानी
(हाई कोर्ट एडवोकेट एवं विधि विशेषज्ञ )
मोबाइल नंबर-9827396423