इन्दौर। आनलाइन बाजार शुरू होने के बाद घर—घर जाकर सामान पार्सल डिलीवरी का काम अब तक सिर्फ पुरूषों द्वारा ही किया जाता रहा है। लेकिन अब इन्दौर में इस काम में महिलाएं भी नज़र आएगी। महिलाओं को तकनीकी रोजगार से जोड़ने की दिशा में सक्रिय संस्था समान सोसायटी द्वारा इन्दौर में महिलाओं को पार्सल डिलीवरी के रोजगार से जोड़ने की पहल की जा रही है। आज़ाद फाउण्डेशन एवं फूड कंपनी जुबिलेंट के सहयोग से समान सोसायटी द्वारा वर्तमान में 25 महिलाओं को दो पहिया वाहनों की ड्राईविंग सिखाई जा रही है। उल्लेखनीय है कि रोजगार के लिए जरूरतमंद कई महिलाएं टू—व्हीलर चलाना नहीं जानती । इस दशा में संस्था द्वारा दो पहिया वाहनों को नि:शुल्क ट्रनिंग दी जा रही है, साथ ही उन्हें जीपीएस पर पते तलाशने का अभ्यास भी करवाया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के अंतर्गत संवाद कौशल, अंग्रेजी का व्यावहारिक ज्ञान एवं पते पढ़ने, फस्टएड, सेल्फ डिफेंस की भी ट्रेनिंग दी जा रही है।
संस्था द्वारा युवतियों को टू—व्हीलर ड्राईविंग की ट्रेनिंग पिछले चार महीनों दी जा रही है तथा 10 से अधिक युवतियों को विभिन्न डिलीवरी कंपनियों जैसे डामिनोज, डिलिवरी डाट काम आदि में रोजगार से जोड़ा जा चुका है, जहां महिलाएं घर—घर जाकर सामान डिलीवरी कर रही हे। समान सोसायटी के डायरेक्टर राजेन्द्र बंधु ने बताया कि इस वर्ष इन्दौर में 40 महिलाओं को टू—व्हीलर ड्राईविंग सिखाकर डिलीवरी के रोजगार से जोड़ा जाएगा। जो महिलाएं इस रोजगार से जुड़ना चाहती है, वे संस्था के विदुर नगर स्थिति प्रशिक्षण केन्द्र में सम्पर्क कर सकती है। प्रशिक्षण पूरी तरह नि:शुल्क है तथा प्रशिक्षार्थियों का ड्राईविंग लाईसेंस भी संस्था की ओर से बनवाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले समान सोसायटी इन्दौर में महिलाओं ड्राईविंग एवं मैकेनिक जैसे पुरूष वर्चस्व वाले रोजगार से जोड़ चुकी। अब महिलाओं को पार्सल डिलीवरी के रोजगार से जोड़ने से इन्दौर शहर देश में ऐसा पहला शहर बन गया है, जहां महिलाएं जेण्डर के आधार पर रोजगार के बंटवार की प्रथा को चुनौती दे रही है और अपनी नई पहचान बना रही हैं।