बाल विवाह से मुक्ति की ओर अग्रसर रतलाम

रतलाम 30 अप्रैल 2025/ बाल विवाह सिर्फ एक गंभीर सामाजिक समस्या नहीं बल्कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अंतर्गत एक अपराध भी है। बाल विवाह अपराध घोषित होने के बाद भी एक वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार विश्व की एक तिहाई बाल दुल्हन भारत में हैं। यह आंकड़े बाल विवाह की गंभीर सामाजिक समस्या प्रकट करते हैं।
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 NALSA Child Friendly Legal Services for Children Scheme 2024 के अंतर्गत सदस्य सचिव, म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रतलाम सुश्री नीना आशापुरे के मार्गदर्शन तथा न्यायाधीश/सचिव श्री नीरज पवैया के निर्देशन में जिला विधिक सहायता अधिकारी/नोडल अधिकारी सुश्री पूनम तिवारी, रतलाम द्वारा एक दिवसीय विशेष अभियान हेतु पैरालीगल वालेंटियर्स/न्याय मित्रों की एक टीम गठित की गई। उस टीम एवं प्रशासन द्वारा गठित टीम द्वारा रतलाम जिले के संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा किया जाकर बाल विवाह न करने के संबंध में जागरूक किया गया तथा एक बाल विवाह भी रूकवाया गया।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी वर्ष 2024 में पारित अपने एक निर्णय में विवाहों को रोकने, पीड़ितों के पुर्नवास और उन्हें समाज में पुनः स्थापित करने के लिये व्यापक दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इन निर्देशों के पालन में समाज को बाल विवाह के बालक-बालिकाओं के मानसिक एवं शारीरिक विकास पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के संबंध में जागरूक किया जाना है। इसके लिए सभी स्टेक होल्डर्स के बीच समन्वय स्थापित कर बाल विवाह रोकथाम कानून को प्रभावी रूप से लागू किया जाना है।
प्रशासन एवं जिला प्राधिकरण, रतलाम की टीम में पैरालीगल वालेंटियर्स एवं पैनल अधिवक्ताओं द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से विद्याथियों में जागरूकता फैलाई गई। इस अभियान में ग्राम पंचायतों में बाल विवाह न होने देने की शपथ ली गई और उस शपथ को गांवों में चस्पा किया गया। जिससे आमजन भी बाल विवाह रोकने हेतु प्रेरित हों। गांवो के स्वसहायता समूह की दीदीयों द्वारा ग्रामीणजन से चर्चा कर उन्हें समझाईश दी गई।
पुलिस एवं पंचायत विभाग द्वारा 18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं की जानकारी एकत्र कर उन परिवारों पर विशेष रूप से निगरानी रखी जा रही है। साथ ही बाल विवाह के दुष्परिणामों का आमजन के बीच सघन एवं व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। बाल विवाह की रोकथाम के लिये सूचना दल एवं कंट्रोल रूम का गठन किया गया है। प्रत्येक क्षेत्र में स्थापित कंट्रोल रूम में 24×7 हेल्पलाईन नंबर अथवा बेबसाईट https://stopchildmarrige.wc.gov.in पर सूचना देकर बाल विवाह को रोका जा सकता है। इस संबंध में अपील है कि आमजन इस कार्य में सहयोग देकर इस सामाजिक कुरीति को दूर करने में अपना योगदान दें।