मालवा-निमाड़ के सभी 111 निकायों में क्यूआर कोड से मीटर रीडिंग अनिवार्य

मालवा-निमाड़ के सभी 111 निकायों में क्यूआर कोड से मीटर रीडिंग अनिवार्य

 

इंदौर। तकनीकी उन्नयन एवं पारदर्शिता का युग है, हम आज के दौर में पुराने तौर तरीकों से कार्य नहीं कर सकते। हमें समय से साथ आगे बढ़ाना है, तकनीक के सहारे कार्य करना है। मालवा और निमाड़ के सभी 111 निकायों में क्यूआर कोड से ही मीटर रीडिंग होना है। इस मामले में किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।

मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री अमित तोमर ने ये निर्देश दिए। वे शुक्रवार को कंपनी क्षेत्र के सभी 15 जिलों के बिजली अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इंदौर जिले में क्यूआर कोड से मीटर रीडिंग की स्थिति अच्छी है। इसके अलावा अन्य 14 जिलों में तत्काल सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगले दो माह में सभी 111 नगरीय क्षेत्रों की मीटर रीडिंग क्यूआर कोड से ही होना चाहिए। इससे रीडिंग, बिलिंग को लेकर गड़बड़ी रूकेगी, साथ ही उपभोक्ता संतुष्टि में बढ़ोत्तरी होगी। प्रबंध निदेशक श्री तोमर ने सभी बकायादारों से राजस्व संग्रहण के लिए दैनिक कार्ययोजना बनाकर अमल करने, रबी सीजन की तैयारी, ट्रांसफार्मर फेल रेट कम करने, नगरीय निकायों के बिल 10 तारीख को जारी करने, 33 केवी एवं 11 केवी की ट्रिपिंग में कमी लाने, 11 सितंबर को आयोजित लोक अदालत की प्रभावी तैयारी के निर्देश दिए। उन्होंने प्रस्तावित नए सब स्टेशनों को लेकर विभागीय तैयारी करने एवं जमीन मामले में राजस्व अधिकारियों से संपर्क साधकर प्रगति लाने के निर्देश भी दिए। श्री तोमर ने कहा कि विभागीय प्राथमिकताएं पूर्ण करने के लिए लक्ष्यों की प्राप्ति की सतत समीक्षा होगी।

आन लाइन सेवाओं पर जोर. मुख्य महाप्रबंधक श्री संतोष टैगोर ने कहा कि आन लाइन सेवाएं जैसे ऊर्जस, स्पेक एवं आईईपीईसी माड्यूल, सीएम हेल्प लाइन आदि पर दर्ज प्रकरणों के समाधान एवं समय पर आन लाइन सेवाओं के मामले में गंभीरता से कार्य करे। श्री टैगोर ने कहा कि इन पोर्टलों पर बिजली संबंधी शिकायतों का लंबित होना हमारी छवि पर विपरीत असर डाल सकता है। उन्होंने मानव संसाधन कार्यों संबंधी प्रगति प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक श्री संजय मोहासे, श्री गजरा मेहता, वरिष्ठ अभियंतागण सर्वश्री कैलाश शिवा, पुनीत दुबे, एसएल करवाड़िया, एसआर बमनके, आरएस खत्री, रवि मिश्रा, कामेश श्रीवास्तव, डीएन शर्मा, अंतिम जैन, सुनील पाटौदी आदि ने विचार रखे।