नए वस्त्र धारण करने से पहले, रखो सावधानी, मध्य प्रदेश दर्शन न्यूज़ पोर्टल जिला ब्यूरो चीफ धर्मेंद्र श्रीवास्तव,

नए वस्त्र धारण
करने से पहले, 
सावधानी आवश्यक…… 
धर्मेंद्र श्रीवास्तव✍✍
जब भी कोई व्यक्ति महिला पुरुष नए वस्त्र खरीदता है,

तो उन्हें पहनने की जल्दी बहुत रहती है,

कोविड-19 के इस दौर में जहां यह खतरनाक महामारी

चोरी- छुपे संक्रामक तरीके से एक दूसरे में फैल रही है,

  हम सभी को सावधान रहना आवश्यक है, 

खास करके जब तब हम रेडीमेड कपड़े खरीद रहे हो, 

क्योंकि इन कपड़ों को हमसे पहले कईयों ने फिटिंग जांच करने हेतु, पहने और उतारे होंगे, जब कोई भी महिला पुरुष व बच्चे नए कपड़े खरीदते हैं, तो उन्हें शीघ्र पहनने की उत्सुकता रहती है, इसी पर हमें धैर्य पूर्वक लगाम लगाना है,

उन्हें बिना धोए कदापि धारण नहीं करना है,

यही सावधानी का मुख्य अंग है, 

कारण रसायनों का दुष्प्रभाव, 

जब नए कपड़े बनाए जाते हैं, तो उनमें कई तरह के रसायनों का उपयोग किया जाता है,

एलर्जी की समस्या के कारण हमारा शरीर दाद खाज खुजली जैसे संक्रमण का सामना कर सकता है,

संक्रमित हो सकता है, 
फंगस का खतरा-:
वस्त्रों की दुकानों पर कपड़े कई समय से रखे रहते हैं,

जिससे कपड़ों में धूल भी जमा हो जाती है,

यदि हम इन कपड़ों को बिना, साफ किए पहनते हैं

तो जिन लोगों को धूल मिट्टी की एलर्जी है, 

उनके लिए परेशानी बढ़ सकती है, 
अन्य लोगों के द्वारा कपड़ों को बार बार ट्रायल किया जाना
हम लोगों के कपड़े खरीदने से पहले उन कपड़ों को कई लोगों ने पहन कर देखा होगा जिसके कारण अगले व्यक्ति के शरीर का पसीना उन कपढ़ो में लग जाता है,

एवं एक नहीं कई लोगों के द्वारा उसे पहना और उतारा जाता है, 

जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, 

बीमारी का भय-:
कई लोगों के हाथों उंगली और नाखूनों में संक्रमण होता है, जिससे वह संक्रामकता कपड़े में फैल जाती है, जब इन कपड़ों को हम बिना धोए पहनते हैं, तो त्वचा रोग के साथ-साथ अन्य बीमारियां हमारे शरीर में घर कर सकती है, 
कोविड-19 का संक्रमण होने का खतरा…….. उस कपड़े को पैकिंग करते समय यदि पैकर्स को छींक आदि आई हो तो उस के माध्यम से संक्रमण का खतरा, संक्रमण का खतरा किसी अन्य व्यक्ति ने उसको पहन कर देखा हो और वह कोविड-19 से संक्रमित हो तो अन्य व्यक्ति के द्वारा उस कपड़े को पहनने से संक्रमण का खतरा, 
बच्चों को रखना चाहिए विशेष सावधानी, 
इस महामारी के काल में सबसे ज्यादा बच्चों के अभिभावकों को सतर्क रहना आवश्यक है,

क्योंकि त्योहारों के समय बच्चे जैसे ही नहीं कपड़े खरीदते हैं, तुरंत उन्हें  पहनने की जिद करते हैं,

इस दौरान अभिभावकों को सतर्क रहते हुए ,

नए खरीदे गए कपड़ों को अच्छे से धो कर ही बच्चों को पहनने के लिए देना चाहिए, 

बच्चों की त्वचा नाजुक और मुलायम होती है

जिससे संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ता है! 
होगी सतर्कता, और सावधानी, 
तभी बचेगी जिंदगानी………….