रतलाम 30 अक्टूबर। उपसंचालक श्रीमती नीलम चौहान ने बताया कि जिले में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में कृषक ओवरड्यू होने के कारण एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों से केसीसी लोन लेने कारण समितियो के सदस्य ना होने से उर्वरक लेने के लिये मार्कफेड के 5 नगद विक्रय केंद्रों रतलाम में दिलीप नगर एवं बिरियाखेडी, आलोट एवं ताल तथा जावरा (भूतेडा) पर जातें है । विकास खण्ड सैलाना, बाजना, रावटी, पिपलौदा एवं आलोट में मार्केटिंग सोसायटी के 1-1 नगद विक्रय केन्द्र उपलब्ध हैं। जिलें की 20 प्राथमिक कृषि साख सेवा सहकारी समितियों को उर्वरक वितरण व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालन हेतु 20 केन्द्र बनाए गए है। जहां पर प्रतिदिन एक निजी विक्रेता/मार्कफेड की पीओएस मशीन से उर्वरक वितरण हेतु पर्ची काटने की व्यवस्था लागू की गई है । सभी केन्द्रो पर 2-2 शासकीय कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई है। कृषकों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुयें उपरोक्त व्यवस्था बनाई गई है। इस संबंध में कुछ कृषि आदान विक्रताओं द्वारा अपनी समस्याओं से अवगत कराया गया है। इन समस्याओं का समुचित निराकरण किया जायेगा । जिले में उर्वरक की उपलब्धता सहकारिता एवं निजी में यूरिया क्रमशः 4107 मेट्रिक टन एवं 2302 मेट्रिक टन कुल 6409 उपलब्ध है, सहकारिता एवं निजी में डीएपी क्रमशः 781 मेट्रिक टन एवं 1056 मेट्रिक टन कुल 1837 मेट्रिक टन उपलब्ध है, तथा सहकारिता एवं निजी में एनपीके क्रमशः 2525 मेट्रिक टन एवं 3084 मेट्रिक टन कुल 5609 मेट्रिक टन एवं एसएसपी क्रमशः 3481 मेट्रिक टन एवं 6818 मेट्रिक टन कुल 10299 मेट्रिक टन उपलब्ध है। जिले में किसी भी प्रकार की उर्वरक की कमी नहीं है । प्राथमिक कृषि साख सेवा सहकारी समिति एवं निजी विक्रेताओं के यहां उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है ।
