पूरे भारत में अपने पदचिह्नों का विस्तार करने की बना रहा योजना
• *सर्कुलर इकोनॉमी के लिए स्मार्ट और स्वच्छ शहरों और वेस्ट टू वेल्थ को बढ़ावा देने के सरकार के मिशन को दे रहा बढ़ावा*
इंदौर. इंदौर में चल रहे स्मार्ट सिटी कॉन्क्लेव के अवसर पर, एवरएनवायरो रिसोर्स मैनेजमेंट ने मंगलवार को इंदौर स्थित अवंतिका गैस लिमिटेड (एजीएल) की पाइपलाइन में कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) के इंजेक्शन का उद्घाटन किया। सीबीजी पाइपलाइन इंजेक्शन क्रोमैटोग्राफ के माध्यम से गैस की गुणवत्ता पर नजर रखता है एवं एजीएल की उत्पादकता को भी बढ़ाएगा। इस उन्नत सुविधा से कम्प्रेशन, ईंधन और परिवहन पर खर्च में कटौती होगी, जिससे शहर में CO2 उत्सर्जन में काफी हद तक कमी आएगी। यह यूनिट सप्लाई ग्रिड में प्रतिदिन पांच से छह टन गैस डालने की क्षमता रखती है। उद्घाटन समारोह में अवंतिका गैस लिमिटेड, इंदौर के एमडी श्री अनुपम मुखोपाध्याय, एवरएनवायरो रिसोर्स मैनेजमेंट के एमडी और सीईओ श्री महेश गिरधर और गेल के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
*इस अवसर पर एवरएनवायरो के श्री गिरधर ने कहा* “माननीय प्रधानमंत्री जी की “वेस्ट-टू-वेल्थ” पहल एवं जीरो-वेस्ट और सर्कुलर इकोनॉमी के दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त करने की महत्वाकांक्षा के तहत, हमने यह अत्याधुनिक तकनीक की स्थापना की है। 550 टन प्रति दिन क्षमता वाला यह बायो-सीएनजी प्लांट्स हमारे शहरों के आने वाले कल के लिए एक नई जीवन शैली को नया आकार देने वाले इनोवेशन को बढ़ावा देता है।”
*श्री गिरधर ने आगे कहा* “हम म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट (एमएसडब्ल्यू), एग्रो वेस्ट और एग्रो-इंडस्ट्रियल वेस्ट सहित अलग अलग तरह के फीडस्टॉक के आधार पर पूरे भारत में 100 से अधिक सीबीजी प्लांट स्थापित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हमारा लक्ष्य अगले 4-5 वर्षों में पूरे भारत में 1000 मीट्रिक टन का डेली सीबीजी आउटपुट प्राप्त करना है।“
*सीबीजी प्लांट्स के विकास की स्थिति:*
• एवरएनवायरो पहले ही लगभग 2000 करोड़ के महत्वपूर्ण पूंजी निवेश के साथ मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब राज्यों में लगभग 20 सीबीजी प्रोजेक्ट्स चला रहा है, जिसके परिणामस्वरूप सीबीजी का प्रति दिन 320 मीट्रिक टन (टीपीडी) उत्पादन होने की उम्मीद है।
• पिछले वर्ष (जुलाई 22 से जुलाई 23) के दौरान, प्लांट ने 1.75 लाख टन से अधिक जैविक कचरा संसाधित किया है, जिससे वित्त वर्ष 23 में 1 लाख टन से अधिक जीएचजी उत्सर्जन (CO2e) को रोका जा सका है।
देश में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों को बढ़ावा देने में इंदौर सबसे आगे रहा है। यहाँ एवरएनवायरो द्वारा भारत का सबसे बड़े बायोगैस प्लांट लगाया गया है, जो शहर के कचरे को ऊर्जा में बदल देता है। यह प्लांट पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत संचालित हो रहा है, एवरएनवायरो और इंदौर नगर निगम के बीच साझेदारी ने प्लांट से अधिकतम उत्पादन को सुनिश्चित किया है। ये उपलब्धियाँ रिन्यूएबल एनेर्जी और वेस्ट टू वेल्थ, सस्टेनेबल फ्यूचर को बढ़ावा देने और शहरवासियों के लिए स्वच्छ हवा प्रदान करने के प्रति भारत के समर्पण को दर्शाती हैं।
इसके अलावा, यह प्लांट फर्मेंटेड ऑर्गेनिक मैन्योर (एफओएम) उत्पन्न करता है जो मिट्टी के लिए आवश्यक है और इसका उपयोग इको-फ्रेंडली उर्वरक के रूप में किया जा सकता है, जिससे रिजनरेटिव कृषि को बढ़ावा मिलता है। बायो-सीएनजी प्लांट्स का प्रभाव इंदौर से कहीं अधिक बड़े पैमाने पर फैला हुआ है जो कम्युनिटी और राष्ट्र दोनों को योगदान देगा।