(सरदार सिंह बाबा की शौर्य स्थली और ग्वालियर स्टेट के समय जिले का तमगा अपने पास रखने वाला नगर हर बार खाली का खाली रहा)
धर्मेंद्र श्रीवास्तव की रिपोर्ट-:
लगभग 100 पंचायतों के साथ सबसे बड़ा जनपद क्षेत्र भौगोलिक स्तर से सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा सरदारपुर तहसील यह नगर हर क्षेत्र में धार्मिक सामाजिक राजनीतिक एवं ऐतिहासिक स्थलों को अपने में समाए पिछले कई वर्षों से अधूरा के अधूरा रहा कई मुख्यमंत्री इस नगर में सभाएं और रेलिया करके चले गए किंतु इसका विकास अधूरा के अधूरा रहा क्षेत्र से लगी ग्राम पंचायत और उनके नेता रेलवे का कार्य आरंभ होने के साथ ही अपने-अपने तर्क प्रस्तुत करने लगे हैं रेलवे स्टेशन रेलवे डिपो रेलवे जंक्शन को धार्मिक स्थानों और अन्य बातों का हवाला देकर अपनी ओर खींचने के प्रयास करने लगे हैं किंतु, इन सभी ग्रामों से जुड़ी प्रमुख तहसील और साधारण भाषा में कहा जाए तो मुख्य वटवृक्ष सरदारपुर इसमें विभिन्न राजनीतिक दलों से अनेक अनेक नेता अपनी अपनी राजनीतिक रोटियां सेकते रहे हैं अपने अपने स्वार्थ को सिद्ध करते रहे हैं बड़े-बड़े भाषणों और रैलियों के माध्यम से मतदाताओं को बेवकूफ बनाते रहे कहीं (277 बीघा) जमीन के मामले को लेकर नेता परिषद के अध्यक्ष और विधायक तक बन गए, किंतु कभी पुरजोर तरीके से नगर परिषद को साथ में लेकर इस मुद्दे पर कोई कार्य नहीं किया, अभी विधानसभा चुनाव निकट है, कई और नए राजनेता पैदा होंगे अपनी-अपनी तूती बजाएंगे, मतदाताओं को भरमाएंगे अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करके राजनीतिक पद पर आसीन हो जाएंगे किंतु??
किसी भी तर्क सम्मत विषय पर कभी भी प्रादेशिक और राष्ट्रीय पटल पर नगर के विकास , की बात नहीं रख पाएंगे पिछले 1 सप्ताह से जिले भर में सरदारपुर क्षेत्र से लगे ग्रामीण क्षेत्रों के नेतागण पत्रकार बंधु अपने-अपने ग्रामों को विकसित करने में लग गए हैं,
नक्शे बनाकर प्रस्तुत किए जा रहे हैं,
यह धार्मिक क्षेत्र, यह लाभ यह लाभ बताकर केंद्रीय , शासन और प्रशासन को अपनी तरफ आकर्षित किया जा रहा है, वही चारों ओर से संभागीय सीमा को अपने में समाए इस अत्यंत प्राचीन नगर के नेता मोन और सुषुप्त अवस्था में बैठे हुए हैं, संभाग इंदौर के साथ-साथ धार रतलाम झाबुआ अलीरजपुर बड़वानी जिलों का मध्य स्थल सरदारपुर नगर जहां भरपूर शासकीय जमीन उपलब्ध होने के पश्चात भी किसी भी प्रकार की विकासशील रणनीति पूर्वक गतिविधि इस नगर को लेकर रेलवे की ओर से दिखाई नहीं देती,
मैं अपनी कलम के माध्यम से क्षेत्र के समस्त नेतागणों समाजसेवियों धार्मिक क्षेत्र में अग्रणी कार्यकर्ताओं से आवाहन करता हूं,
कि अभी समय है,
इस क्षेत्र में भी अपनी आवाज को बुलंद कीजिए अन्यथा विभिन्न – विभिन्न विशेषताओं का हवाला देकर रेलवे के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में हो जाएंगे और हमारे नगर का युवा केवल और केवल ताकता रह जाएगा… और विकास कहीं और चला जाएगा!
यह नगर हर क्षेत्र में धार्मिक सामाजिक राजनीतिक और ऐतिहासिक स्थलों को अपने में समाए पिछले कई वर्षों से अधूरा रह गया है,
कई मुख्यमंत्री इस नगर में सभाएं और रेलिया करके चले गए, किंतु यह महत्वपूर्ण नगर विकास से सदैव दूर रहा क्षेत्र से जुड़ी पंचायत ग्रामों को विकसित किया और उनके नेताओं ने रेलवे का काम आरंभ होते ही, अपने-अपने तर्क प्रस्तुत करना आरंभ कर दिया है, रेलवे स्टेशनों, रेलवे डिपो, रेलवे स्टेशनों को धार्मिक स्थलों और अन्य स्थलों का हवाला देकर अपनी ओर खींचने के प्रयास करने लगे हैं, ग्रामों से जुड़े प्रमुख तहसील और सामान्य शब्दों में कहा जाए तो मुख्य वटवृक्ष, सरदारपुर, विभिन्न राजनीतिक दलो से कई नेता अपनी-अपनी राजनीतिक रोटियां सेकते रहे हैं और अपने-अपने स्वार्थ को सिद्ध करते रहे हैं। रोड शो के माध्यम से तो कहीं ( 277) के ,मामले को लेकर नेता परिषद के अध्यक्ष और विधायक तक बन गए, और अब तक इस मुद्दे पर कोई काम नहीं किया गया, विधानसभा चुनाव करीब हैं, कई और नए राजनेता पैदा होंगे- अपनी , अपनी ढपली बजाएंगे मतदाताओं को मूर्ख बनाएंगे और राजनीतिक पद पर आसीन हो जाएंगे किसी भी तर्क सम्मत विषय पर कभी भी प्रादेशिक और राष्ट्रीय पटल पर इस विधानसभा क्षेत्र की बात नहीं रखेंगे पिछले 1 सप्ताह से जिला भर में सरदारपुर क्षेत्र से लगे ग्रामीण क्षेत्र के नेतागण पत्रकार बंधन अपने-अपने ग्रामों को विकसित करने में लग गए है। यह धार्मिक क्षेत्र, यह लाभ, यह लाभ, बताकर केंद्रीय प्रशासन को अपनी तरफ आकर्षित किया जा रहा है।
और इस अति प्राचीन नगर के नेता मोन और सुषुप्त अवस्था में हैं,
धार, झाबुआ, रतलाम अलीराजपुर बड़वानी एवं अन्य जिलों और गुजरात तक से अपनी निकटता को बनाए रखने वाला नगर सरदारपुर,
जिसे लेकर किसी भी प्रकार की कोई प्रभावी रणनीति के तहत इस नगर को लेकर रेलवे की ओर से कोई विकसित कार्यप्रणाली दिखाई नहीं देती,
मैं , अपनी कलम के माध्यम से क्षेत्र के सभी नेता गणों समाजसेवियों धार्मिक के क्षेत्र में अग्रणी समितियों से आह्वान करता हूं की इस क्षेत्र में भी अपनी आवाज को मजबूत करना है,
अन्यथा विभिन्न विभिन्न , क्षेत्रों एवं रेलवे के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में हो जाएंगे और हमारे नगर का युवा केवल और ताकत रहेगा। …और विकास कहीं और चला जायेगा!
(ग्रामीण क्षेत्रों से आए नक्शे)
जिन्हें प्रस्तुत करके अपने अपने क्षेत्र में और रेलवे जंक्शन को बनाएं जाने की मांग की जा रही है, किंतु धार जिले का मध्य स्थल…. सरदारपुर नगर जहां अपार संभावनाएं हैं, विकास के क्षेत्र में उसको लेकर कोई अपनी बात रखता नजर नहीं आ रहा,
मैं (मध्य प्रदेश दर्शन न्यूज़ पोर्टल)
के माध्यम से नगर के समाजसेवीगण, युवागण ,वकील, पत्रकार बंधु, राजनेता, विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संस्थानों के पदाधिकारियों से आवाहन करता हूं, कि अभी समय….
है जाग जाइए आप भी मांग कीजिए कि हमारे नगर को मूल रूप से जंक्शन एवं रेलवे स्टेशन प्रदान कर इस नगर को भी महानगर की ओर ले जाने का सार्थक प्रयास किया जाए,
क्योंकि इस नगर में वर्षों से अपार संभावनाएं थी और आज भी उतनी ही संभावनाएं विद्यमान है,
अभी नहीं तो कभी नहीं!