राजशाही वैभव और होलकर कालीन अंदाज में पूणे से इन्दौर तक निकलेगी शौर्ययात्रा

– महाराजा यशवंतराव होलकर का पराक्रम, वीरता और साहस का करेंगे बखान

– पुणे से इन्दौर की 700 किलोमीटर की शौर्ययात्रा (वाहन रैली) में 7 पड़ाव रहेंगे, प्रतिदिन 100 से 125 किलोमीटर की होगी शौर्ययात्रा

इन्दौर । श्रीमंत यशवंतराव होलकर की प्रतिमा का अनावरण व सम्मान समारोह 13 मई को शाम 7 बजे कनाडिय़ा चौराहे पर आयोजित किया जाएगा। प्रतिमा अनावरण के पूर्व पुणे से इंदौर तक श्रीमंत यशवंतराव होलकर की भव्य शौर्य यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा के दौरान होलकरों के इतिहास के साथ ही उनके शौर्य, पराक्रम व वीरता से सभी जनमानस को रूबरू कराया जाएगा। 7 से 13 मई तक आयोजित शौर्ययात्रा की तैयारियां जोरो पर है। शौर्ययात्रा एवं प्रतिमा स्थापना समिति संयोजक सुधीर देडग़े, सहसंयोजक रविन्द्र भुसारी ने बताया कि श्रीमंत यशवंतराव होलकर (प्रथम) ने मराठा साम्राज्य को स्थापित करने में महती भूमिका निभाई है। उनके द्वारा अंग्रेजों के शासन काल में लड़े गए 18 युद्धों को नहीं भुलाया जा सकता। उनके शौर्य, पराक्रम और वीरता को जनमानस तक पहुंचाने के उद्देश्य से पूणे से इन्दौर तक भव्य शौर्ययात्रा निकाली जा रही है। 7 से 13 मई तक निकलने वाली इस यात्रा के मार्ग में सभी जनमानस को यशवंतराव होलकर के इतिहास से रूबरू कराया जाएगा।

पुणे से इंदौर आएगी शौर्ययात्रा – पूणे शौर्ययात्रा के मुख्य आयोजक अमरजीत राजे बारगल, स्वप्निल राजे बारगल ने बताया कि पूणे से शौर्ययात्रा की शुरूआत सुबह 11 बजे 13 फीट की प्रतिकात्मक प्रतिमा के अभिषेक-पूजन के साथ होगी। प्रतिमा का अभिषेक विद्वान पंडि़तों के सान्निध्य में 13 दंपत्ति जोड़ों द्वारा किया जाएगा। दोपहर 4 बजे सारसबाग स्थित खडोवा मल्हारी मार्तण्ड मंदिर से भव्य शौर्ययात्रा राजशाही वैभव व होलकर कालीन अंदाज के साथ निकाली जाएगी। यात्रा में बैंड़-बाजों के साथ ही होलकर राजाओं का इतिहास, वीरता, पराक्रम व उनके साम्राज्य स्थापित करने की गाथा भी जनमानस को सुनाई व बताई जाएगी। यात्रा में होलकर राजाओं की वेशभूषा में कलाकार शामिल होकर उस काल को जीवंत करेंगे। शौर्ययात्रा समापन के पश्चात पुणे में ही महाराजा यशवंतराव होलकर के जीवन चरित्र पर व्याख्यान आयोजित होगा एवं कोवाड़ों द्वारा नृत्य की विशेष प्रस्तुतियां दी जाएगी।

8 मई से शुरू होगा इन्दौर का सफर- योगेश धर्म, विट्ठलराव कडू एवं गणेश पुजारी ने बताया कि पूणे से इन्दौर तक शौर्ययात्रा में 7 पड़ाव रहेंगे। शौर्ययात्रा प्रतिदिन 100 से 125 किलोमीटर रहेगी। सोमवार 8 मई को प्रात: 8 बजे पूणे से शौर्ययात्रा प्रारंभ होगी जो विभिन्न मार्गों से होते हुए शिरूर पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी नगर पहुंचेगी। जहां इस यात्रा का विश्राम रहेगा एवं रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मंगलवार 9 मई को शौर्ययात्रा प्रात: 8 बजे शिरूर से प्रारंभ होकर राहुरी, शिर्डी होते हुए कोपरगांव पहुंचेगी जहां इस यात्रा का समापन होगा। बुधवार 10 मई को कोपरगांव से मनमाड़-मालेगांव, धुले होते हुए सोनगिर पहुंचेगी जहां विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा यात्रा का स्वागत किया जाएगा। गुरूवार 11 मई को प्रात: 8 बजे शिरपुर, जुलवानिया, अंजड़ पहुंचेगी। शुक्रवार 12 मई को ठीकरी, मानपुर होते हुए यात्रा इन्दौर में प्रवेश करेगी। जहां रात्रि का विश्राम गुमाश्ता नगर स्थित महाराजा यशवंतराव होलकर स्कूल में रहेगा।

13 मई को इन्दौर में निकलेगी शौर्ययात्रा- अध्यक्ष अविनाश भांड यात्रा प्रभारी किरण जोशी ने बताया कि पूणे से इन्दौर की यह शौर्ययात्रा 13 मई को शहर पहुंचेगी। इसी दिन ऊषा नगर स्थित महाराजा यशवंतराव होलकर स्कूल से भव्य शौर्ययात्रा दोपहर 3 बजे निकाली जाएगी। शौर्ययात्रा में दो पहिया एवं चार पहिया वाहन पर महिला, पुरूष, युवा व युवती शामिल होंगे जो महाराजा यशवंतराव होलकर के इतिहास से शहरवासियों को रूबरू कराएंगे। ऊषा नगर से प्रारंभ शौर्ययात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुए कनाडिय़ा चौराहा पहुंचेगी जहां इस यात्रा का समापन होगा।

13 फीट लंबी है प्रतिमा- शौर्ययात्रा में श्रीमंत यशवंतराव होलकर (प्रथम) की अश्वारूढ़ प्रतिमा जो कि ब्रांज धातु से बनकर तैयार की गई है। 13 फीट ऊंची और ढ़ाई टन वजनी इस प्रतिमा की प्रतिकात्मक फाईबर से निर्मित प्रतिमा की शोभायात्रा पूणे से इन्दौर तक निकलेगी। प्रसिद्ध मूर्तिकार विवेक खटावकर ने 10 माह में इस प्रतिमा को आकार दिया है। फाईबर प्रतिरूप की प्रतिमा पूणे से भव्य शौर्ययात्रा के माध्यम से इन्दौर तक आएगी।

नगर पालिका निगम व महापौर परिषद के सदस्यों की उपस्थिति में होगा लोकार्पण समारोह- शनिवार 13 मई को शाम 7 बजे आयोजित होने वाले इस लोकार्पण एवं सम्मान समारोह का आयोजन नगर पालिका निगम द्वारा किया जाएगा। प्रतिमा अनावरण समारोह में महापौर पुष्यमित्र भार्गव, एमआईसी सदस्य राकेश जैन, पार्षद प्रणव मंडल के साथ ही महापौर परिषद के एमआईसी सदस्य, विधायक, पार्षद सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहेंगे।

यशवंतराव होलकर का इतिहास- महाराजा यशवंतराव होलकर का जन्म 3 दिसंबर 1776 में किल्ले वाफगाव जिला पुणे में हुआ था। मराठा साम्राज्य को स्थापित करने में महाराजा यशवंतराव होलकर का विशिष्ट स्थान रहा है। वे मराठा साम्राज्य के सर्वश्रेष्ठ योद्धाओं में से एक थे। पिता श्रीमंत सुबेदार तुकोजीराव होलकर प्रथम के मार्गदर्शन में सन 1788 में उम्र के 12 वर्ष में ही रणक्षेत्र का प्रशिक्षण शुरू कर दिया था। छत्रपति शिवाजी महाराज के बाद महाराजा यशवंतराव होलकर प्रथम ऐसे योद्धा रहे हैं जिन्होंने स्वंय का राज्याभिषेक 6 जनवरी 1799 को कराया। उन्होंने अपने जीवन काल में कई युद्ध लड़े और मराठा साम्राज्य की स्थापना की। उनके द्वारा ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़े गए 18 युद्ध को आज भी याद किया जाता है। 28 अक्टूबर 1811 को 35 वर्ष की अल्प आयु में उनका निधन हुआ था।

भारत के नेपोलियन की संज्ञा दी- महाराजा यशवंतराव होलकर ने ब्रिटिश साम्राज्य का आधिपत्य कभी नहीं स्वीकार किया। उन्होंने न सिर्फ अंग्रेजों से लोहा लिया बल्कि भारत के कई राजाओं को भी एक किया। महाराजा यशवंतराव होलकर भारत के ऐसे एक मात्र राजा थे जिनके पास अंग्रेज शांति का समझौता लेकर पहुंचे। शांति समझौते के बावजूद भी उनका अंग्रेजों को हटाने का दृढ़ संकल्प कभी नहीं टूटा। अकाल मृत्यु ने भारत से एक ऐसा राजा छीन लिया जो शायद उसे गुलामी की जंजीरों से काफी पहले मुक्त करा सकता था। इतिहासकारों ने उन्हें भारत के नेपोलियन की संज्ञा दी है।