उच्च तापमान एवं सूखे का सोयाबीन पर प्रभाव”

इंदौर, मध्यप्रदेश. भारतीय सोयाबीन अनुसंधान सस्थान, इंदौर द्वारा बुधवार को संस्थान में प्रवासी भारतीय सम्मलेन का हिस्सा रहे प्रोफ.डॉ वी.पी. वराप्रसाद द्वारा संस्थान में मुख्य वक्ता के रूप में “उच्च तापमान एवं सूखे का सोयाबीन पर प्रभाव” विषय पर व्याख्यान दिया गया। प्रोफ.डॉ वराप्रसाद अमेरिका की कांसास स्टेट यूनिवर्सिटी की सस्टेनेबल इंटेंसीफिकेशन इनोवेशन लैब के निदेशक तथा क्रॉप इकोफिसिओलॉजी के महानुभवी प्राध्यापक है, साथ ही 2021 में क्रॉप साइंस सोसाइटी ऑफ अमेरिका के अध्यक्ष भी रह चुके है। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा, “हम कांसास यूनिवर्सिटी में सोयाबीन पर जलवायु से पढ़ रहे प्रभाव पर निरंतर शोध कर रहे है, जिसके आधार पर हमने यह पाया है, कि उच्च तापमान एवं सूखे की स्थिति में सोयाबीन की उत्पादकता में कमी आती हैं। जबकि वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से तापमान में वृद्धि होती है, जो लम्बे समय में फसल के लिए नुकसानदेह साबित होती है”। उन्होंने यह भी बताया की उनके द्वारा ड्रोन के उपयोग से किस तरह फसल का अवलोकन कर उसके विकास को नापा जाता है। इसी क्रम में प्रोफ.डॉ वराप्रसाद ने बताया कि समय पर बीज की उपलब्धता होने से किसानों को बीजोपचार के लिए पर्याप्त समय मिलता है, जिसकों सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों के साथ अपनाना सहायक के रूप में कार्य करता है। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ के. एच. सिंह द्वारा मुख्य वक्ता प्रोफ.डॉ वराप्रसाद के अनुभवी सम्बोधन के लिए उन्हें पुष्प गुच्छ तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।