इंदौर, 24 अप्रैल। एमआर-10 रोड स्थित दिव्य शक्तिपीठ पर आज दिनभर 21 युगलो के सामूहिक विवाह का जश्न चलता रहा। गुजरात, राजस्थान और म.प्र. के विभिन्न जिलों से आए इन युगलों ने सांझ ढलते ही जब शक्ति पीठ की सीढ़ियों पर क्रमवार खड़े होकर एक-दूसरे को वरमाला पहनाई तो दो एकड़ क्षेत्र में फैला शक्तिपीठ का परिसर शहनाई, वैदिक मंत्रों और बैण्ड-बाजों की सुर लहरियों से गूंज उठा। इन नवयुगलों ने सात की जगह आठ फेरे लेकर जन्म-जन्मांतर के रिश्तों को अंगीकार किया, वृद्धाश्रम से आए बुजुर्गों के साथ अपने स्नेही स्वजनों से शुभाशीष प्राप्त किए और शहर के समाजसेवी बंधुओं के सौजन्य से गृहस्थी चलाने योग्य अनेकों उपहार भी स्वीकार किए। इस मौके पर शास्त्रोक्त सात फेरों के बाद आठवां फेरा जीव दया के प्रत्येक अनुष्टान में भागीदार बनने के लिए भी लिया गया।
शहर के समाजसेवी दंपत्ति डॉ. दिव्या-सुनील गुप्ता की बेटी महिमा का विवाह कराते समय गुप्ता दंपत्ति और उनके मित्रों द्वारा पांच वर्ष पूर्व लिए गए संकल्प के अनुरूप आज 21 नवयुगल परिणय सूत्र में बंध गए। वर्ष 2017 में 21, 2018 में भी 21 और वर्ष 2019 में 22 तथा इस वर्ष 21 – इस तरह अब तक 85 बेटियों के विवाह संस्था सेवा संकल्प, ज्वाला एवं दिव्य शक्तिपीठ महिला मंडल की मेजबानी में शहर के उदारमना समाजसेवी बंधुओं के सौजन्य से धूमधाम से संपन्न हुए हैं। गुप्ता दंपत्ति के साथ दिनेश मित्तल, पवन सिंघानिया, विष्णु बिंदल, टीकमचंद गर्ग, पुनीत अग्रवाल, गोविंद मंगल, अजय अग्रवाल, राजेश कुंजीलाल गोयल एवं उनके साथी पिछले कई दिनों से इस उत्सव की तैयारी में जुटे हुए थे। पहले दो सामूहिक विवाह निजी होटल में कराये गए थे लेकिन वर्ष 2019 तथा इस बार दिव्य शक्तिपीठ जैसा व्यवस्थित और सुविधा संपन्न धर्मस्थल उपलब्ध होने से सुबह से देर रात तक सभी रस्में इसी परिसर में संपन्न हुई, हालांकि दूल्हे-दुल्हनों को सजने-संवरने के लिए पास की तीन सितारा निजी होटल में सुसज्जित कमरे भी उपलब्ध कराए गए। नवयुगलों को टेंट से बने सुंदर कक्ष सुबह से ही आवंटित कर दिए गए थे। मेहमानों के लिए नाश्ते, भोजन, चाय-स्वल्पाहार के प्रबंध भी शक्तिपीठ परिसर में किए गए थे।
सर्विस रोड पर निकाली शोभायात्रा – संध्या को दुल्हनें बग्घियों पर और दूल्हे घेाड़ियों पर सवार होकर बैण्ड-बाजों सहित शोभायात्रा की शक्ल में सर्विस रोड पर निकले तो मेहमानों का नाच-गाना भी शुरू हो गया। सर्विस रोड पर ट्राफिक जाम की समस्या भी आडे नहीं आई। पूरे मार्ग में उनके स्वागत सत्कार का सिलसिला भी साथ में चलता रहा। वापसी में सभी दूल्हों ने शक्तिपीठ के प्रवेश द्वार पर एक साथ तोरण मारे और अन्य रस्मों के बाद आचार्य पं. संतोष शास्त्री के निर्दशन में 21 विद्वानों ने अलग-अलग मंडपों में शास्त्रोक्त विधि से अग्नि की साक्षी में वैदिक पद्धति से सात फेरे संपन्न कराए।
आठवां फेरा सामाजिक सरोकार के लिए – नवयुगलों को एक अतिरिक्त आठवां फेरा जीवदया के प्रत्येक अनुष्ठान में भागीदार बबने के लिए दिलाया गया। डॉ. दिव्या गुप्ता ने इस अवसर पर मूक परिंदों से लेकर श्वान, गो वंश एवं अन्य सभी पशु-पक्षियों के प्रति उदारता और दया का भाव अपनाने का संकल्प भी दिलाया। इसके पूर्व संध्या को शक्ति पीठ से एमआर-10 की सर्विस रोड पर यातायात व्यवस्था का पालन करते हुए शोभायात्रा भी निकाली गई। रात्रि को शहर के विशिष्टजनों की मौजूदगी में इन युगलो को उपहारों सहित सजल नेत्रों से विदाई दी गई।
गृहस्थी योग्य उपहारों सहित विदाई – विदाई में सभी युगलों को फ्रीज, टीवी, कूलर, अलमारी, पलंग, गादी-बिस्तर, मंगलसूत्र, पायजेब, बिछुड़ी, दूल्हे के लिए सूट, कुकर, पंखे, ओवन एवं गृहस्थी में काम आने वाली 40 से अधिक अनेक चीजें उपहार में भेंट की गई। शादी में आए मेहमानो ने भी अपने स्तर पर नवयुगलों को बधाई के साथ अनेक उपहार भी सौंपे। अनेक वृद्धाश्रमों से आए बुजुर्ग भी अपने साथ उपहार लेकर आए थे। आशीर्वाद समारोह में शहर के अनेक प्रबुद्धजन, राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी और विशिष्टजन उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत डॉ. दिव्या सुनील गुप्ता, दिनेश मित्तल, राजेश गोयल, विष्णु बिंदल, टीकमचंद गोयल, गोविंद मंगल, सुरेश रामपीपल्या आदि ने किया। सुबह हरिद्वार से आए महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी दिव्यानंद भिक्षु ने भी शक्तिपीठ आकर नवयुगलों को शुभाशीष एवं उपहार भेंट किए। इस मौके पर डॉ. दिव्या गुप्ता, दिनेश मित्तल, हरि अग्रवाल, मुरलीधर धामानी, राजेश कुंजीलाल गोयल सहित वैश्य संगठनों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद थे।