सौ.वृ.त. श्री राजेंद्रसूरि त्रिस्तुतिक जैन श्वेतांबर श्री संघ के तत्वाधान में रथ यात्रा का आगमन हुआ

????????????????????????????????????
????????????????????????????????????

गुरुदेव की 421 हाथों से बने हुए चित्रो प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया

रतलाम। 30 नवंबर 2025 रविवार को खेरादीवास स्थित नीम वाले उपाश्रय में नगर आगमन पर सौ.वृ.त. श्री राजेंद्रसूरि त्रिस्तुतिक जैन श्वेतांबर श्री संघ के तत्वाधान में चित्र प्रदर्शनी रथ यात्रा आगमन हूआ है। परम पूज्य अभिधान राजेंद्र कोष के रचयिता, मोहनखेड़ा के नायक,पुण्य ऊर्जा के पुंज, नाम स्मरण से हाजरा हुजूर,कलिकाल कल्पतरु प्रभु श्रीमद्विजय राजेंद्रसुरिश्वरजी म.सा. के 200 जन्म जयंती 2027 में आ रही है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए परम पूज्य मुनिराज श्री लाभेषविजयजी म.सा द्वारा संयोजित गुरुदेव के 421 चित्रों की रथ यात्रा पूरे देश में भ्रमण कर रही है। इस रथ यात्रा का उद्देश्य विश्वपूज्य दादा गुरुदेव श्रीमद् विजय राजेंद्र सुरिश्वर जी म.सा. के सिद्धांतों का प्रचार प्रसार करना है। इसी तारतम में मालवा की हृदयस्थली रतलाम में यह रथ यात्रा 30 नवंबर व 1 दिसंबर को प्रदर्शनी लगाई गई। जिसका उद्घाटन मोहनखेड़ा महातीर्थ महामंत्री श्री फतेह लाल कोठारी, श्री संघ अध्यक्ष श्री सुशील छाजेड़ द्वारा किया गया। मंगलाचरण साध्वी जी श्री शाश्वत प्रिय श्री जी म.सा. द्वारा किया गया और गुरुदेव के जीवन को श्रावकों के सामने रखा। तथा उन्होंने कहा कि 2027 में 200 साल पूरे हो जाएंगे उसको लेकर भव्य कार्य कार्यक्रम किया जाएगा तत्पश्चात गुरुदेव के चित्र पर माल्यार्पण धूप दीप किया गया जिसमें फतेह लाल कोठारी, सुशील छाजेड़,राजकमल दुग्गड,रवि नाहर,राकेश नाहर, जीवनलाल गुगलिया, प्रशांत गूगलिया, संतोष ओहरा, राजेंद्र धारीवाल,दीपक कोठारी,पारस कोठारी,जिनेश कोठारी, राजेश मालवी, प्रवीण गुगलिया, चेतन गुगलिया,पंकज धींग द्वारा किया गया साथ ही रथ यात्रा के सारथी राजेश भाई जैन एवं उनकी टीम का बहुमान गुगलिया परिवार एवं नाहर परिवार द्वारा किया गया। कार्यक्रम का उद्बोधन रथ यात्रा सारथी राजेश जैन ने दिया और कहा कि यह रथ यात्रा संपूर्ण भारत में भ्रमण करते हुए यहां पहुंची है कुछ तस्वीरें तो ऐसी बनाई है जिनका कोई जवाब नहीं जैसे दीपक के काजल से तस्वीर बनाई,एक ही चित्र में गुरुदेव के 36 गुणो का वर्णन करना सरल बात नहीं है इस तरह से 421 अद्भुत चित्र प्राप्त हुए हैं।
श्री फतेह लाल जी कोठारी ने कहा कि मैं मोहनखेड़ा महातीर्थ से उस समय से जुड़ा हुआ हूं। जब वहां पर पांच कमरे भी नहीं थे आज मोहनखेड़ा तीर्थ महान तीर्थ बन गया है सब गुरुजी की कृपा है उनका ही आशीर्वाद है। सुशील छाजेड़ ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम भी रतलाम में 2027 में 200 वीं तिथि पर नवाचार करेंगे।
साध्वी जी श्री शाश्वत प्रिय श्री जी म.सा. ने द्वि शताब्दी पर मार्मिक प्रवचन दिए। उन्होंने कहा कि यह रथ यात्रा संपूर्ण भारत में घूम रही है एक साथ एक ही जगह पर एक ही व्यक्ति के भिन्न-भिन्न फोटो इकट्ठे होना बड़ी बात है और जब तक गुरु हृदय में नहीं बैठते तब तक उनका ज्ञान उनकी चेतना उनका चित्र बनाना आसान नहीं है जिन्होंने भी यह चित्र बनाए हैं गुरुदेव निश्चित ही उनके हृदय में विराजित है।
कार्यक्रम के मंच का संचालन चंदन मादरेचा ने किया तथा आभार राजकमल दुग्गड ने माना।जिसमें दादा गुरुदेव के 421 चित्र हाथों से बने हुए हैं जो दार्शनीय और अलौकिक है।
1 दिसंबर 2025,सोमवार को प्रदर्शनी का अवलोकन प्रातः 9:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक रहेगा। स्थान खेरादीवास स्थित नीम वाला उपाश्रय रहेगा । सौ.वृ.त. श्री राजेंद्रसुरि त्रिस्तुतिक जैन श्वेतांबर श्री संघ रतलाम निवेदन करता है कि अधिक से अधिक संख्या में पधार कर प्रदर्शनी का अवलोकन कर पुण्य अर्जित करें।