108 सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं रथावर्तन महोत्सव का सातवा दिन
भगवान की भक्ति हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती हैं- मुनिश्री प्रमाण सागर
– विजय नगर बिजनेस पार्क स्थित आईडीए ग्राउंड पर आयोजित महोत्सव में बुधवार को इंद्र-इंद्राणी व श्रावक-श्राविकाओं ने 512 अर्घ समर्पित किए,
– शुक्रवार 15 नवंबर को निकलेगी अनूठी शोभायात्रा, 108 मंडलों के साथ 108 स्वर्ण व रजत रथ रहेंगे यात्रा में आकर्षण का केंद्र
– इन्दौर शहर की धर्मप्रेमी जनता से धर्म प्रभावना समिति ने प्रात: 7 से दोपहर 12 बजे तक शोभायात्रा के मार्ग में वाहनों से आवागमन नहीं करने का किया निवेदन
इन्दौर । भगवान की भक्ति हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती है और यही भक्ति हमारे जीवन की उन्नति का आधार बनती है। उपरोक्त उदगार मुनिश्री प्रमाण सागर महाराज ने विजय नगर बिजनेस पार्क स्थित आईडीए ग्राउंड पर आयोजित आठ दिवसीय 108 श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान एवं रथावर्तन महोत्सव के सातवे दिन सभी श्रावक-श्राविकाओं को प्रवचनों की अमृत वर्षा करते हुए व्यक्त किए। मुनिश्री ने आगे अपने प्रवचन में कहा कि जैन परंपरा में भगवान की पूजा, आराधना के दो ही उद्देश्य हुआ करते हैं। पहला है व्यक्तिगत निराकुलता और दूसरा है विश्व कल्याण की भावना। इसीलिए प्रतिदिन पूजा की शुरुआत शांति धारा के मंत्रो से तथा पूजा का समापन शांति पाठ के मंत्रों से सभी जीवों की सुख शांति व विश्व में शांति की भावना से की जाती है। उन्होंने कहा कि आज पंच परमेष्टी की आराधना करते हुए पांच सौ बारह अर्घ प्रभु चरणों मैं समर्पित किए तथा आने वाले दिनों में भक्ति का चरम रूप प्रस्तुत होगा एवं एक हजार चौवीस अर्घ चड़ाकर भगवान के सहस्त्रनाम पूजा संपन्न की जाएगी। शुक्रवार को इस महा आराधना का समापन 108 रथावर्तन समारोह से होगा। जिसकी छंटा अलग ही निराली होगी। उन्होंने कहा कि इस महापूजा में सभी लोग सम्मलित नहीं हो पाए सभी का प्रवेश सम्भव नहीं हो पाया। इतना बड़ा पांडाल भी छोटा पड़ गया। कोई बात नहीं अभी भी अवसर है जो लोग इस पांडाल में आकर पूजा नहीं कर पाए हैं वह सभी को समवशरण देखने का यह अवसर छूटना नहीं चाहिए और 15 नवम्वर को 108 रथावर्तन महोत्सव में भगवान के समवसरण का दर्शन करना चाहिए।
धर्म प्रभावना समिति, सकल जैन समाज एवं विधान संयोजक धर्मेंद्र जैन (सिनकेम), गिरीश जैन (गिन्नी ग्रुप), अशोक-रानी डोसी, नवीन-आनंद गोधा, प्रचार प्रमुख राहुल जैन (स्पोटर््स वल्र्ड), डीके जैन एवं प्रवक्ता अविनाश जैन ने बताया कि 7 नवम्वर को विधान 108 जिन बिम्बों के साथ 108 मंडल के द्वारा प्रारंभ किया गया था उसका समापन शुक्रवार 15 नवम्बर को विशाल रथावर्तन महोत्सव 108 रथों के साथ होगा। शोभायात्रा में मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों से तथा प्रमुख नगरों से स्वर्ण, रजत एवं काष्ठ रथों को एक साथ देखने का सौभाग्य इंदौर शहर के जैन धर्मावलंबियों को मिलेगा। विशाल रथयात्रा 15 नवम्वर को कार्यक्रम स्थल विजयनगर से प्रात: 8 बजे प्रारंभ होगी। यात्रा विजय नगर से प्रारंभ होकर एलआईजी चौराहा, पाटनी पुरा चौराहा, भमौरी चौराहा, रसोमा चौराहे से पुन: कार्यक्रम स्थल पहुंचेगी। 108 मंडलों के साथ 108 रथों की इस अनूठी शोभायात्रा में विभिन्न संगठनों द्वारा मंचों से अगवानी भी की जाएगी। धर्म प्रभावना समिति एवं सकल जैन समाज ने समग्र दिगंबर जैन समाज बंधुओं से महोत्सव में सहपरिवार शामिल होने की अपील की है। वहीं इन्दौर शहर की धर्मप्रेमी जनता से प्रात: 7 दोपहर 12 बजे तक शोभायात्रा के मार्ग में वाहनों से आवागमन नहीं करने का निवेदन भी किया। बुधवार को महामंडल विधान में प्रदीन जैन (शास्त्री), डीके जैन, गजेंद्र-गौत्तम-गौरव-गिरीश जैन (गिन्नी परिवार), हर्ष जैन, जैनेश झांझरी, पवन सिंघाई, प्रकाश जैन (अभिनंदन प्रेस), राजीव निराला सहित हजारों की संख्या में समग्र दिगंबर जैन समाज मौजूद उपस्थित थे।
प्रचार प्रमुख राहुल जैन (स्पोटर््स वल्र्ड) ने बताया कि विजय नगर बिजनेस पार्क स्थित आईडीए ग्राउंड पर 17 नवंबर तक यह आयोजन जारी रहेगा। जिसमें प्रतिदिन धार्मिक आयोजन के साथ ही शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। गुरूवार 14 नवंबर को प्रात: 6 बजे अभिषेक, पूजा, विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ हवन पूजन विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ हवन होगा। शुक्रवार 15 नवंबर को प्रात: 6 बजे अभिषेक, वृहत शांतिधारा, पूजन का क्रम चलेगा एवं प्रात: 7 बजे 108 श्रीजी की अनूठी व भव्य शोभायात्रा व रथयात्रा निकाली जाएगी। रथयात्रा में 108 रथ विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगे। आठ दिवसीय महोत्सव में शोभायात्रा के दौरान निकलने वाली झांकियों को भी इस दौरान पुरस्कृत किया जाएगा। शनिवार 16 नवंबर को गुणायतन एवं सेवायतन परिवार का राष्ट्रीय अधिवेशन होगा एवं रविवार 17 नवंबर को भव्य पिच्छिका परिवर्तन महोत्सव के साथ ही इस आठ दिवसीय आयोजन का समापन होगा।