अपने भक्तों और प्रजा का हाल जानने पालकी एवं रथ में सवार होकर निकले भवानी शंकर

अपने भक्तों और प्रजा का हाल जानने पालकी एवं रथ में सवार होकर निकले भवानी शंकर

विमानतल मार्ग स्थित श्री श्रीविद्याधाम पर श्रावण में 31 विद्वानों द्वारा अभिषेकात्मक लघुरूद्र महायज्ञ जारी

इंदौरb। अपनी प्रजा एवं भक्तों का हाल जानने के लिए विमानतल मार्ग स्थित श्री श्रीविद्याधाम के भगवान भवानी शंकर सावन के चौथे सोमवार की शाम को भक्तों को दर्शन निकले। सुसज्जित पालकी में विराजित होकर जैसे ही भगवान भक्तों के बीच पहुंचे, जय-जयकार और जयघोष से समूचा मंदिर परिसर गूंज उठा।
आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के सानिध्य में आचार्य पं. राजेश शर्मा एवं अन्य विद्वानों द्वारा भगवान की पूजा-अर्चना के बाद यह पालकी शोभायात्रा के रूप में मंदिर परिसर से प्रारंभ होकर कालानी नगर चौराहा, अंजनि नगर, सुखदेव नगर, साठ फीट रोड एवं कान्यकुब्ज नगर होते हुए पुनः मंदिर पहुंची, जहां भक्तों के सैलाब ने भगवान भवानी शंकर की अगवानी की। बैंडबाजों और ढोल-ताशों की धुन पर नाचते हुए भक्तों ने अपनी खुशियां व्यक्त की। स्वामी गिरिजानंद सरस्वती वेद वेदांग विद्यापीठ के बटुकों ने भी कतारबद्ध होकर इस शोभायात्रा में भाग लिया। मार्ग में जगह-जगह भगवान के रथ एवं पालकी पर भक्तों ने पुष्प वर्षा कर पूजा-अर्चना की। मंदिर पहुंचने पर आश्रम परिवार के सदस्यों ने भी भगवान भवानी शंकर से देश, प्रदेश एवं शहर में सुख, शांति एवं सदभाव के लिए प्रार्थना की।
*31 विद्वानों द्वारा लघुरूद्र महायज्ञ*- श्रावण के चौथे सोमवार पर विद्याधाम पर महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के सानिध्य एवं आचार्य पं. राजेश शर्मा के निर्देशन में 31 विद्वानों द्वारा अभिषेकात्मक रघुरूद्र महायज्ञ (121 लघु रुद्र) किए गए। आश्रम परिवार के सुरेश शाहरा, यदुनंदन माहेश्वरी एवं पं. दिनेश शर्मा नेबताया कि संध्या को आश्रम परिसर स्थित शिव मंदिर पर पं. लोकेश शर्मा, पं. आशीर्वाद शर्मा एवं उनके साथियों ने सूखे मेवे एवं फूलों से भगवान भोलेनाथ का आकर्षक श्रृंगार किया, जिनके दर्शनार्थ देर रात तक भक्तों का तांता लगा रहा। आश्रम पर पूरे सावन माह में सुबह 9 बजे से अखंड दुग्ध धारा एवं तीर्थ जल से अभिषेकात्मक लघुरूद्र महायज्ञ तथा सायं 5 बजे से सामूहिक शिव महिम्न पाठ, 5.30 बजे से सामूहिक लक्षार्चन आराधना एवं रात्रि 9 बजे से सामूहिक शिव आराधना के अनुष्ठान जारी हैं ।