जीवन हो रहा सफल,
मिल रही आर्थिक पहचान,
जल जीवन मिशन,
राजोद समूह जल प्रदाय योजना,
मध्य प्रदेश जल निगम का उपक्रम,
मध्य प्रदेश दर्शन न्यूज़ पोर्टल के लिए,
कहानी संकलन-: धर्मेंद्र श्रीवास्तव,
संकलन करता,
आकाशवाणी केंद्र इंदौर में वार्ताकार है,
और (आई. एस. ए.) वसुधा विकास संस्थान धार में परियोजना समन्वयक के पद पर कार्यरत है,
महिलाएं बन रही अपने परिवार की आंखों का तारा,,
श्रीमती ताराबाई राठौर कहती है,
(मेरी बहू बेटे के समान है!)
हर घर जल से जीवन हो रहा समृद्ध,
सफलता की कहानी गायत्री प्रकाश राठौर की जुबानी,
गायत्री पति प्रकाश,
उम्र 35 वर्ष,
शिक्षा छठी कक्षा उत्तीर्ण,
ग्राम गोंदी खेड़ा चारण,
ग्राम पंचायत बोडिया,
ब्लॉक सरदारपुर,
जिला धार,
यह ग्राम आता है जल जीवन मिशन के अंतर्गत,
“राजोद समूह जल प्रदाय योजना”
जो की मध्य प्रदेश जल निगम का उपक्रम है,
“गायत्री” इसी ग्राम में किराए के मकान में अपने परिवार के कुल पांच सदस्यों के साथ निवास करती है,
संताने दो पुत्र चंदन और विष्णु जिनकी उम्र क्रमशः 21 और 18 वर्ष है,
जो 11वीं एवं 12वीं की पढ़ाई कर रहे हैं,
गायत्री के साथ परिवार में उनकी सासूजी भी रहती है,
जो बुजुर्ग अवस्था में है, ससुरजी का स्वर्गवास हो चुका है,
गायत्री बता रही है-: अपने जीवन में बसे संघर्ष की कहानी किस प्रकार से उसने संघर्ष के साथ अपने परिवार का पालन पोषण किया वह बताती है कि जब तक हमारे घर पर नल नहीं पहुंचा था उसके पहले हमारी आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब थी मैं सिलाई एवं कढ़ाई का कार्य जानती हूं सौंदर्य प्रसाधन का कार्य भी मुझे आता है, मेरे पति मजदूरी करते हैं और मेरी बुजुर्ग सास भी भी हमारे साथ ही रहती है किंतु हमारी आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण मेरे बच्चे भी मजदूरी करते थे, इसी से हमारे परिवार का भरण पोषण होता था, पानी की समस्या से तो पूरा ग्राम ही जूझ रहा था और उस समय दिन भर में तीन से चार बार पानी लेने के लिए हमें कुआं हैंडपंप आदि पर जाना पड़ता था, जिसमें हमारा बहुत सा समय बर्बाद हो जाता था, लगभग 4 से 6 घंटे प्रतिदिन हमारे पानी लाने में ही खर्च हो जाते थे किंतु जब से हमारे घर पर नल लगा है हमें पानी की समस्या से निजात मिल गई है, अब घर पर ही नल के माध्यम से पानी आता है और इससे मेरा बहुत सा समय बच जाता है, मैं सिलाई एवं कढ़ाई और सौंदर्य प्रसाधन का कार्य तो जानती ही थी मैंने थोड़े-थोड़े पैसे बचा कर एक सिलाई मशीन खरीद ली और अब में इस सिलाई के माध्यम से महिलाओं के अंग वस्त्र की सिलाई करती हूं और मुझे बाहर पानी लेने नहीं जाना पड़ता है इससे मेरा बहुत सा समय बच जाता है अब मैंने अपनी कमाई से कुछ बचत करना भी आरंभ कर दिया है इन बचत के रुपयो से मैं अपने बच्चों को अच्छी पढ़ाई करवाऊंगी ताकि भविष्य में वह भी अपने पैरों पर खड़े हो सके हम गांव की महिलाओं को अब पता चला कि जितना समय हमारे पास अब बच रहा है वह सारा के सारा समय हमारा केवल और केवल पानी लाने में ही प्रतिदिन चला जाता था, इस बचे हुए समय से हम कितना कार्य कर रहे हैं और हमारी आर्थिक स्थिति भी ठीक होती जा रही है, यह बात हमें हमारे घरों तक नल पहुंचने के बाद पता चली,
सरकार की यह हर घर नल घर-घर जल,
(सभी चित्र गायत्री प्रकाश के साथ)
(उनके साथ साक्षात्कार के अवसर के)
जल जीवन मिशन योजना बहुत ही अच्छी है!