पानी ने लिख दी सफलता की कहानी….
आओ हम सुनते हैं अनीता जयराम की जुबानी….
यह कहानी है, सरदारपुर ब्लॉक के गोंदीखेड़ा चारण ग्राम की…..
जहां अनीता जयराम अपने तीन बच्चों के साथ निवास करती है,
मैं अपने पति श्री जय राम एवं अपने तीनों बेटे गोपाल, शुभम एवं पवन के साथ बहुत ही खुशहाली से जीवन व्यतीत कर रही हूं.….
सबसे बड़ा बेटा दसवीं क्लास में पढ़ रहा है उससे छोटा बेटा सातवीं क्लास में और सबसे छोटा बेटा पांचवी क्लास में अध्यनरत है……
मध्य प्रदेश दर्शन न्यूज़ पोर्टल के लिए……
संकलन-: धर्मेंद्र श्रीवास्तव,
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वार्ताकार आकाशवाणी केंद्र इंदौर एवं परियोजना समन्वयक आई. एस. ए. वसुधा विकास संस्थान धार,
जीवन में एक नई सुबह की शुरुआत होती है कुछ इस तरह जीवन के सफर की शुरुआत कहीं से भी की जा सकती है, और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाया जा सकता है हमें यह बताने जा रही है यह रोचक कहानी धार जिले के सरदारपुर एवं बदनावर ब्लॉक को मिलकर संयुक्त रूप से 79 ग्रामों की बनी योजना जिसे नाम दिया गया,
(राजोद समूह जलप्रदाय योजना)
इसी योजना के अंतर्गत आता है, “ग्राम गोंदीखेड़ा चारण”
जहां अपने पति एवं तीन बच्चों के साथ निवास करती है,
“अनीता जय राम ” जो बताती है कि इस योजना के आरंभ होने से पहले हमें पानी के लिए सुदूर क्षेत्र में भटकना पड़ता था दिन भर में लगभग तीन से चार बार पानी लाने के लिए हमें हैंडपंप एवं कुएं पर जाना पड़ता था जिससे हमारे पानी की सुविधा होती थी गर्मियों में तो परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती थी, तब और कभी-कभी जब परिवार में सामाजिक या मांगलिक आयोजन होते थे तो पानी की ओर ज्यादा आवश्यकता पड़ती थी ऐसी स्थिति में मैं अपने पति और बच्चों को भी पानी लेने के लिए भेजती थी जिससे हमारे पूरे परिवार का अधिक से अधिक समय पानी लाने में ही व्यतीत हो जाता था दिन भर में लगभग 4 से 6 घंटे का समय हमारा पानी की जुगत में ही चला जाता था मेरे पति कृषि का कार्य करते हैं और कभी-कभी मजदूरी पर भी जाते थे किंतु जब-जब पानी का संकट होता था हम पानी की जुगाड़ में लग जाते थे, जिससे मेरे पति मजदूरी पर नहीं जा पाते थे और हमें बहुत ज्यादा आर्थिक परेशानियों का सामना उठाना पड़ता था लेकिन जब जल जीवन मिशन के अंतर्गत हमारे क्षेत्र में पानी की पाइपलाइन डाली, पानी की टंकी बनी, और घरों तक नल कनेक्शन पहुंचे हमें घर पर ही पानी मिलने लग गया जिससे हम परिवार के लोगों सहित मेरा जो समय पानी लाने में समाप्त होता था उसकी बचत होने लगी समय बचने से मेरा कुछ समय आराम में व्यतीत होने लगा उसके पश्चात मैंने कुछ अतिरिक्त कार्य करने का विचार किया तब हमने एक (आटा चक्की) लगा ली और उसके संचालन का काम में और मेरे पति दोनों करने लगे धीरे-धीरे में पूर्ण रूप से चक्की चलाने लग गई जिससे मेरे पति के पास समय बचने लगा और वह अन्यत्र मजदूरी करने लग गए जिससे हमारी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई अब मेरा सपना है कि मेरे बच्चे बड़े होकर बाहर जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करें और व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करके अपने जीवन में कभी भी खराब आर्थिक स्थिति का सामना ना करें इसलिए मैं अभी आटा चक्की एवं अन्य स्रोतों से होने वाली कमाई से बच्चों को प्राइवेट ट्यूशन भी भेज रही हूं, ताकि मेरे बच्चे अच्छे से पढ़ाई कर सके पहले जब हमारी आर्थिक स्थिति खराब थी तो परिवार और समाज में भी लोग हमें घ्रणित दृष्टि से देखते थे किंतु अब परिवार और समाज के हर मांगलिक और पारिवारिक कार्यक्रमों में हम सम्मान के साथ सम्मिलित होते हैं,
और हम सभी का जीवन एक अच्छी राह पर चल पड़ा है,
जल जीवन मिशन भारत सर
कार, मध्य प्रदेश जल निगम की एक महत्वपूर्ण योजना है, और इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में घरों तक नलों के माध्यम से शुद्ध पानी पहुंच रहा है, जिससे महिलाओं की पानी को लेकर दिन भर में जो तीन चार यात्राएं होती थी वह भी समाप्त हो रही है और महिलाओं को आराम के लिए अतिरिक्त समय भी मिल रहा है,
हमारे घर तक नल और नल के माध्यम से शुद्ध पानी पहुंचने से हमारा पूरा परिवार प्रसन्न है!