अखिल ब्रह्मांड में धर्म केवल एक ही है,
(सत्य सनातन धर्म) 🚩🚩
इसके अतिरिक्त सारे के सारे पंथ है…..
मध्य प्रदेश दर्शन न्यूज़ पोर्टल के लिए,
त्वरित संकलन -: धर्मेंद्र श्रीवास्तव,
वार्ताकार आकाशवाणी केंद्र इंदौर…
जिस देश का इतिहास ही आदि – अनादि सत्य सनातन हो,
उसे समाप्त करने की बात करने वाले दू:शासन के तुल्य है,
जिस देश की राजनीति कई हजारों वर्षों से धर्म सम्मत रही हो,
उसे आप समाप्त करने की बात कर रहे हो,
धर्म अर्थ काम और मोक्ष के सिद्धांत पर जिसका अनुसरण विश्व के अनेक देश कर रहे हो, राक्षसी प्रवृत्ति के तुम लोग उस देश से सनातन को समाप्त करने की बात कर रहे हो इतिहास गवाह है जीस जीस ने इसे समाप्त करने की बात कहीं वह स्वयं ही समाप्त हो गया है, और होता आ रहा है फिर भी इतनी बड़ी बात करना मतलब स्वयं को समाप्त करना है,
सतयुग त्रेता और द्वापर में अखिल ब्रह्मांड का साम्राज्य केवल और केवल सनातन धर्म के बताए हुए सिद्धांतों के अनुसार राजनीति में चलता था जिसे आज कलयुग के प्रथम चरण के आरंभ में कुछ आतताई विधर्मी समाप्त करने की बात कर रहे हैं सनातन धर्म के मुख्य देवता आदि अनादि है जिन्हें भगवान शिव कहा जाता है, और उनके के साथ शक्ति क्षण क्षण विचरण करती है, अखिल ब्रह्मांड के कण कण में 33 कोटि देवताओं का वास है इस महान प्राचीनतम धर्म के अनुयाई सूर्य चंद्रमा जल वायु वृक्ष आकाश पृथ्वी सभी का पूजन करते हैं,
और आभार व्यक्त करते हैं कि आप ही के कारण इस शरीर में जीव है,
ऐसे महानतम प्रकृति प्रिय सत्य सनातन धर्म को मानने वाले 100 करोड लोग हो वहां राजनीतिक स्वार्थ के कारण सामूहिक मंच से कोई धूर्त राजनीतिज्ञ अपनी राजनीतिक रोटी सेकने के लिए ऐसी भाषा का प्रयोग करता हो तो इसका सीधा और सीधा अर्थ है कि वह अपनी एवं अपनी सहयोगी पार्टी को समाप्त करने के लिए ही ऐसा कर रहा है,
पिछले कुछ वर्षों से भारतवर्ष का मतदाता सनातन धर्म का अनुयाई जाग चुका है और वह अपने धर्म के प्रति दिए गए ऐसे बयानों को एक सच्चे सनातनी के रूप में प्रस्तुत करते हुए आने वाले प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय चुनाव में अपने मतदान का सदुपयोग करके इन सड़ी गली सोच के नेताओं और उनकी पार्टियों को धूल चटा कर बताएगा,
ऐसी सोच वाली राजनीतिक पार्टियां रसाताल में पहुंच जाएगी,
और सत्य सनातन धर्म की ध्वजा संपूर्ण ब्रह्मांड में लहराएगी!