आश्रय हस्त ट्रस्ट और स्माइल ट्रेन ने की साझीदारी – देश के सात राज्यों में अगले पांच साल तक कटे होंठ और तालू की चिकित्सा की सहायता के लिए की घोषणा

10,000 से भी ज्यादा बच्चे और उनके पिछड़े हुए परिवार को इस साझेदारी से होगा लाभ

इंदौर, | बेंगलुरु स्थित चैरिटेबल संस्था, आश्रय हस्त ट्रस्ट जिसकी स्थापना इन्फोसिस के को-फाउंडर श्री के. दिनेश व उनके परिवार द्वारा की गई है तथा क्लैफ्ट (कटे होठ और तालू) संबंधी समस्याओं पर केंद्रित विश्व का सबसे बड़ा व प्रतिष्ठित एनजीओ- स्माइल ट्रेन मिलकर सहायता का एक बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। उक्त दोनों संस्थाओं ने भारत में क्लैफ्ट केयर (कटे होठ और तालू की देखभाल) संबंधी व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लक्ष्य के साथ 5-वर्षीय साझेदारी की घोषणा की है। इसके अनुसार आश्रय हस्त ट्रस्ट, देश के 7 राज्यों में स्माइल ट्रेन ट्रीटमेंट सेंटर्स को 10,000 क्लैफ्ट सर्जरी (कटे तालू के लिए होने वाले ऑपरेशन), पांच क्षमता निर्माण प्रशिक्षण (कैपेसिटी बिल्डिंग ट्रेनिंग) व चिकत्सा हेतु सुरक्षा उपकरण (सेफ्टी मेडिकल इक्वीपमेंट) के लिए सहायता प्रदान करेगा। इन राज्यों में मध्यप्रदेश, बिहार, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू व कश्मीर शामिल हैं।

इस साझेदारी की घोषणा, स्माइल ट्रेन के ट्रीटमेंट पार्टनर, इंदौर के सीएचएल अस्पताल में आयोजित एक समारोह में की गई। इस अवसर पर आश्रय हस्त ट्रस्ट की ट्रस्टी, सुश्री आशा दिनेश, हॉस्पिटल की क्लैफ्ट टीम, स्माइल ट्रेन के अधिकारी क्लैफ्ट पीड़ित बच्चे व उनके परिवार उपस्थित थे।

आश्रय हस्त ट्रस्ट की ट्रस्टी सुश्री आशा दिनेश ने इस अवसर पर कहा*-‘हमने पिछले कई वर्षों से स्माइल ट्रेन इंडिया के साथ काम किया है और देशभर में कटे होठ और तालू के लिए सुरक्षित उपचार हेतु किये जा रहे उनके प्रयासों को बहुत नजदीक से देखा-समझा है। इस काम के प्रति उनका जूनून व प्रतिबद्धता, अद्वितीय व प्रेरक हैं। समय पर इलाज न मिलने से क्लैफ्ट यानी कटे होठ और तालू की समस्या से ग्रसित बच्चों को जिन स्थितियों का सामना करना पड़ता है वह बहुत गंभीर और स्थाई हो सकता हैं। मैं इस क्लेफ्ट यात्रा की सहभागी रही हूँ क्योंकि मेरी बेटि, दिव्या भी क्लेफ्ट समस्या के साथ पैदा हुई थी। सही और उचित इलाज के साथ, आज वह एक सफल महिला उद्यमी के रूप में सामान्य जीवन जी रही है। मैं उन माताओं के साथ समानुभूति रखती हूँ जो अपने बच्चों के लिए वह देखभाल और इलाज नहीं पा सकतीं जो बच्चों को स्वस्थ व सामान्य जीवन जीने के लिए जरूरी होता है। अब इस साझेदारी के साथ, हम जरूरतमंद बच्चों के लिए पूरी तरह सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण क्लेफ्ट केयर को बेहतर तरीके से उपलब्ध करवाने की दिशा में साथ मिलकर काम करने का उद्देश्य रखते हैं। हमें आशा है कि, हम साथ मिलकर स्वास्थ्य व चिकित्सा सुविधाओं को किफायती और सबकी उस तक आसान पहुंच बनाने का काम कर सकें और इस इकोसिस्टम से जुड़े प्रत्येक हितग्राही को प्रभावित कर सकें, ताकि वे नीतियों में बदलाव ला सकें, जिससे क्लेफ्ट संबंधी समस्या से ग्रसित कोई भी बच्चा बिना इलाज के न रहे।”

उल्लेखनीय है कि देश में, प्रत्येक वर्ष अमूमन 35,000 बच्चे कटे होठ और तालू के साथ जन्म लेते हैं और सैकड़ों-हजारों बच्चे इलाज न मिल पाने की स्थिति में एकांत में ज़िन्दगी गुज़ार देते हैl ऐसे बच्चों को भोजन करने, सांस लेने, बोलने और सुनने संबंधी तकलीफों का सामना करना पड़ता हैं। इस साझेदारी में हम 7 चुने हुए राज्यों में क्लेफ्ट ट्रीटमेंट में सहायता प्रदान करेंगे। साथ ही क्लेफ्ट केयर के संदर्भ में सुरक्षा और सर्वोत्तम अभ्यास को भी मजबूती प्रदान करेगी।

स्माइल ट्रेन की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट व रीजनल डायरेक्टर, एशिया, सुश्री ममता कैरोल*, ने आश्रय हस्त ट्रस्ट व इस कार्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए आभार प्रदर्शित करते हुए कहा-‘निशुल्क, सुरक्षित व गुणवत्तापूर्ण क्लेफ्ट ट्रीटमेंट उपलब्ध करवाना, स्माइल ट्रेन इंडिया के लिए प्राथमिकता है। अब इस प्रतिष्ठित साझेदारी के साथ हम उम्मीद करते हैं कि हम क्लेफ्ट की समस्या के साथ जन्मे कमजोर वर्ग के बच्चों को सक्षम बनाते हुए क्लेफ्ट ऑपरेशंस में निरंतर सहायता प्रदान करते रहेंगे, ताकि वे एक स्वस्थ और समृद्ध जीवन जीने की ओर बढ़ सकें। हम अपने स्थानीय क्लेफ्ट इकोसिस्टम को मजबूत बनाने का और देश के दूरस्थ इलाकों में इस समस्या से ग्रसित बच्चों तक मदद पहुंचाने का लक्ष्य रखते हैं।’

इस बारे में बात करते हुये, डॉ. जयदीप चौहान मैक्सिलोफेशियल सर्जन व स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट डायरेक्टर, सीएचएल हॉस्पिटल, ने कहा-‘ स्माइल ट्रेन इंडिया की मदद से सीएचएल हॉस्पिटल में हम वर्ष 2006 से क्लेफ्ट के मरीजों का उपचार कर रहे हैं। हम आभारी हैं कि आश्रय हस्त ट्रस्ट ने इस नेक काम में सहयोग देने केलिए आगे हाथ बढ़ाया है। सर्जरी, प्रशिक्षण व चिकित्सा उपकरणों के रूप में हमें मिलने वाला यह सहयोग हमें हजारों जरूरतमंद बच्चों को सुरक्षित क्लेफ्ट ट्रीटमेंट उपलब्ध करवाने में सक्षम बनाएगा।’