लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए दी गई कमल के 1500 पुष्पों की आहुतियां

इंदौर । पितृ पर्वत स्थित हनुमंत धाम पर चल रहे शिवशक्ति महायज्ञ में आज यज्ञशाला की परिक्रमा करने और यज्ञ देवता के जयघोष करने वाले भक्तों का सैलाब बना रहा। संध्या को तो यज्ञशाला एवं उसके आसपास की भूमि पर पैर रखने की जगह भी बमुश्किल बच पाई। सुबह यज्ञ का शुभारंभ गोसेवा के साथ हुआ। महायज्ञ में लक्ष्मीजी की प्रसन्नता के लिए 1500 कमल पुष्पों से यज्ञशाला में अर्चना की गई। इस अवसर पर श्री श्रीविद्याधाम के महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ने कहा कि हमारी संस्कृति में यज्ञ, दान और तप की विशेष महत्ता मानी गई है। ये तीनों तत्व पवित्र मनीषियों को भी पवित्र बनाते हैं।

महायज्ञ का पांचवें दिन आज रविवार होने से सुबह से ही पितृ पर्वत पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। संयोजक आचार्य पं. उमेश तिवारी ने बताया कि यज्ञ में भागीदार बनने के लिए बड़ी संख्या में देश के अन्य राज्यों के श्रद्धालु भी आ रहे हैं। मुंबई से रवि बूबना, जयपुर से पवन शर्मा, अजमेर से संजीव खंडेलवाल, जालंधर से संजय गोकुल एवं दिल्ली से पूर्व महापौर प्रीति अग्रवाल भी इस यज्ञ में आहुतियां समर्पित करने आए हैं। यज्ञ में आने वाले साधकों एवं संतों का स्वागत शैलेष पोरवाल, अमित शर्मा, सुनील मालू, शैलेष मूंदड़ा, बलदेव जाजू, नितिन माहेश्वरी, अशोक मेहता आदि ने किया। यज्ञशाला के चारों ओर परिक्रमा के लिए अनेक दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालु भी पहुंच रहे हैं। प्रतिदिन यज्ञ नारायण के साथ पितरेश्वर हनुमान की आरती एवं उनकी पुष्प सज्जा का क्रम भी पहले दिन से ही चल रहा है। आज संध्या को पं. राजेश मिश्रा एवं उनकी टीम द्वारा माता की चौकी का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ने मुख्य यजमान दीपक खंडेलवाल एवं सुनील जैन के साथ यज्ञ में सेवाएं दे रहे आचार्यों, पं. राजेश शर्मा, ब्रह्मचारी प्रशांत अग्निहोत्री, आदर्श शर्मा, आनंद शुक्ला, मनीष शर्मा सहित आचार्य मंडल के विद्वानों का सम्मान किया। महामंडलेश्वरजी ने कहा कि यज्ञ कर्म भी तप की श्रेणी में आता है। देवताओं के निमित्त किए गए कर्म मनुष्य को अनंत सुख और आनंद की प्राप्ति कराते हैं।

महायज्ञ में ललिता सहस्त्रनाम से आज कमल के 1500 पुष्पों से अर्चना भी की गई। संयोजक आचार्य पं. उमेश तिवारी ने बताया कि लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए कमल पुष्प से अर्चना की जाती है। इसी तरह आज सुबह गणपति, श्रीयंत्र एवं रूद्र का राजोपचार अभिषेक भी रजत मंडित पात्रों में फलों और फूलों के रस, स्वर्ण एवं रजत भस्म तथा रत्नों से किया गया। मंगलवार को हनुमानजी का विशेष श्रृंगार किया जाएगा हालांकि प्रतिदिन पितरेश्वर हनुमंत का पुष्प बंगला भी पहले दिन से ही श्रृंगारित किया जा रहा है