पितृ पर्वत पर होने वाले शिवशक्ति महायज्ञ में कल प्रायश्चित कर्म

1 जून को दिव्य मंगल कलश यात्रा

शनिवार 4 जून को 1100 भक्त करेंगे सुंदरकांड का पाठ, 7 जून को कन्हैया मित्तल की भजन संध्य

इंदौर।पितृ पर्वत स्थित हनुमंत धाम पर श्री शिवशक्ति साधना समिति के तत्वावधान में आयोजित 9 दिवसीय शिवशक्ति महायज्ञ का शुभारभ बुधवार 1 जून को सुबह 8.30 बजे पितृ पर्वत स्थित प्राचीन शिव मंदिर से 151 सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा कलश पूजन एवं कलश यात्रा के साथ होगा। यह कलश यात्रा यज्ञशाला एवं परिक्रमा मार्ग की परिक्रमा करने के उपरांत हनुमनादजी की साक्षी में मंडप प्रवेश करेगी। इसके पूर्व मंगलवार 31 मई को सुबह 9 बजे यज्ञ में शामिल होने वाले लगभग 200 यजमानों द्वारा प्रायश्चित कर्म होगा शनिवार 4 जून को 1100 भक्त यहां एक साथ सुंदरकांड का सामूहिक पाठ भी करेंगे तथा 7 जून को प्रख्यात भजन गायक कन्हैया मित्तल की भजन संध्या भी होगी। आज पितृ पर्वत पर आयोजन समिति की बैठक में सभी कार्यक्रमों को अंतिम रूप दे दिया गया।

आयोजन समिति के संयोजक आचार्य पं. उमेश तिवारी, मार्गदर्शक आचार्य पं. राजेश शर्मा, आचार्य ब्रह्मचारी पं. प्रशांत अग्निहोत्री एवं आचार्य पं. आदर्श शर्मा ने शिवशक्ति महायज्ञ की करीब 7056 वर्गफीट (84×84) आकार में निर्मित 25 कुंडीय यज्ञशाला तथा इसके चारों और 15 फुट क्षेत्रफल में बने परिक्रमा मार्ग का अवलोकन कराते हुए पत्रकारों को बताया कि श्री श्रीविद्याधाम के महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के सानिध्य एवं श्री पितरेश्वर हनुमान धाम न्यास के प्रमुख कैलाश विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला एवं आकाश विजयवर्गीय तथा महेश दलोद्रा के विशेष सहयोग से पहली बार पितृ पर्वत पर हनुमानजी की साक्षी में शिवशक्ति महायज्ञ का  यह दिव्य अनुष्ठान हो रहा है। यज्ञ के दौरान प्रतिदिन सुबह 9 से 12 एवं दोपहर 3 से 6 बजे तक, दो पारियों में 25 कुंडों पर 200 विद्वान ब्राह्मणों के निर्देशन में महायज्ञ संपन्न होगा।

मुख्य यजमान पुलकित दीपक खंडेलवाल ने बताया कि मंगलवार 31 मई को सुबह 9 बजे से महायज्ञ में शामिल होने वाले करीब 200 यजमानों का प्रायश्चित विधान होगा, जिसके अंतर्गत सबसे पहले हेमाद्रि संकल्प, मृत्तिका भस्म, पंचगव्य, गोबर, स्वर्ण आदि पदार्थों से दसविद स्नान, पापहा महाविष्णु पूजन, पूर्वांग हवन, उत्तरांग हवन, दसदान सहित यजमानों को यज्ञोपवित धारण कराया जाएगा और सभी प्रकार के ज्ञात-अज्ञात पाप कर्मों के निवारण और महायज्ञ में शामिल होने के लिए शास्त्रों में वर्णित  प्रायश्चित का विधान कराया जाएगा। बुधवार 1 जून को सुबह 8.30 बजे पितृ पर्वत स्थित प्राचीन शिव मंदिर से 151 सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा मंगल कलश यात्रा निकाली जाएगी। यह मंगल कलश यात्रा सम्पूर्ण यज्ञशला एवं परिक्रमा मार्ग का भ्रमण करते हुए हनुमानजी की साक्षी में यज्ञशाला में मंडप प्रवेश करेगी। मंडप प्रवेश के बाद प्रधान संकल्प, पंचांग कर्म, मंडल स्थापना, अग्नि स्थापन तथा गृहशांति हवन के अनुष्ठान होंगे। गुरुवार 2 जून को मंडलस्थ देवताओँ के पूजन के बाद हवन प्रारंभ होगा। यह क्रम 9 जून तक चलेगा। इस दौरान शनिवार 4 जून को सायं 7 बजे से 1100 भक्तों द्वारा सुंदरकांड के सामूहिक पारायण का आयोजन पं. राजेश मिश्रा एवं उनके साथियों द्वारा किया जाएगा। इसी तरह मंगलवार 7 जून को को सांय 7 बजे से प्रख्यात भजन गायक कन्हैया मित्तल की भजन संध्या का आयोजन भी होगा। पूर्णाहूति 9 जून को गंगा दशहरा के उपलक्ष्य में अभिजीत मुहूर्त में महाआरती के साथ होगी। इस महायज्ञ में उत्तराखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली एवं मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ तथा बुंदेलखंड अंचल के श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में पुण्य लाभ उठाने आ रहे है।