जन आक्रोश संस्था शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने हेतु चौराहों पर भी अभियान चलाएगी

  सामाजिक संस्था ‘जन आक्रोश समूह’ ने स्वच्छता के बाद अब इंदौर शहर को यातायात व्यवस्था में भी नंबर वन बनाने का लक्ष्य रखते हुए सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण का वृहद कार्यक्रम शुरू करने का निश्चय किया है। इसके तहत संस्था के सदस्य शहर के प्रमुख निर्धारित चौराहों पर खड़े होकर वाहन चालकों एवं नागरिकों को सड़क पर सुरक्षा हेतु व्यावहारिक ज्ञान देंगे और क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में भारी वाहन चालकों के लिए सड़क सुरक्षा संबंधित प्रशिक्षण भी देंगे। प्रशिक्षण की इस योजना में शहर के सिटी बस चालक एवं स्कूलों से संबंद्ध बस चालकों के लिए भी सड़क सुरक्षा के लिए जागरुकता अभियान चलाएंगे, ताकि उन्हें यातायात नियमों का पालन करने की आदत हो जाए। संस्था के सदस्यों का एक क्वालिटी सर्कल समूह बनाने की भी योजना है जो सुरक्षा के संदेश को प्रचारित करने के साथ ही यातायात से जुड़े विषयों पर निरंतर सुधार के लिए काम करेंगे। शहर के पुलिस एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस अभियान में हरसंभव सहयोग हेतु आश्वस्त किया है, वहीं सहोदय ग्रुप के 150 से अधिक स्कूलों में भी यह अभियान चलाया जाएगा।

    संस्था जन आक्रोश समूह की इंदौर शाखा के तरुण मिश्र एवं सुधीर हरिदास ने आज पत्रकार वार्ता में उक्त जानकारी देते हुए बताया कि सड़क दुर्घटनाओं के तीन मुख्य कारण सामने आए हैं- 1. मानवीय त्रुटि, 2. सड़कों पर वातावरण 3. वाहन की स्थिति। दुर्भाग्य से सड़क दुर्घटनाओं में मानवीय त्रुटियां 81.4 प्रतिशत होती है। त्रुटियां अर्थात लापरवाही से वाहन चलाना और ट्रैफिक नियमों की अवहेलना करना। दुर्घटनाओं से बचाव और पूरे विश्व में इस पर नियंत्रण लाने हेतु सबसे ज्यादा जोर अंग्रेजी के चार-E पर है- जो 1. इंजीनियरिंग, 2. इन्फोर्समेंट (प्रवर्तन), 3. एज्युकेशन, 4. इनवायरमेंट (पर्यावरण) हैं। जन आक्रोश समूह द्वारा इन चारों में से तीसरे ई अर्थात शिक्षा को अपना लक्ष्य मानते हुए सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम को शहर में संचालित करने का निर्णय लिया गया है। इसमें विद्यालयों और विद्यार्थियों की भूमिका को भी महत्वपूर्ण माना गया है।

सहोदय संस्था की अध्यक्ष श्रीमती कंचन तारे ने इस अवसर पर बताया कि स्कूली बच्चों को यदि अभी से सड़क सुरक्षा संबंधित प्रशिक्षण दिया जाए तो वे आने वाले समय में सावधानीपूर्वक वाहन चलाएंगे और यातायात नियमों का पालन भी करेंगे। वाहन चालकों को प्रशिक्षण देने से बहुत हद तक दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। जन आक्रोश संस्था द्वारा शहर एवं आसपास के जिलों के 150 से अधिक स्कूलों, कालेजों एवं कोचिंग संस्थानों के विद्यार्थियों के लिए भी सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ करने की योजना है। इन संस्थानों की सहभागिता से ही विभिन्न स्थानों पर सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम पीपीटी प्रेंजेटेशन देकर संचालित करने का प्रयास किया जाएगा। जन आक्रोश संस्था द्वारा प्रत्येक माह की एक निश्चित तारीख को ‘नो हार्न डे’ के क्रियान्वयन का भी प्रस्ताव है। शहर के प्रमुख चौराहों पर इसका नियमित पालन कराने का प्रयास भी किया जाएगा। शहर की यातायात व्यवस्था को देश में नंबर वन पर लाने के लिए संस्था द्वारा निरंतर नए आयडिया, नए सोच और नए चितंन के साथ विभिन्न क्षेत्रों में लागू करे एवं ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए भी संस्था द्वारा शहर वासियों, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों और विद्यार्थियों को वालेंटियर के रूप में जोड़ने हेतु प्रयास किए जाएंगे।

जन आक्रोश संस्था का मुख्यालय नागपुर में है और केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इस संस्था की सक्रिय  गतिविधियों की अनेक राष्ट्रीय मंचों से तारीफ कर चुके हैं। संस्था को अनेक पुरस्कार भी मिल चुके हैं। पत्रकार वार्ता में नागपुर से आए जन आक्रोश समूह के डॉ. श्यामकांत जोशी ने भी बताया कि देश में प्रत्येक वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में 1 लाख 50 हजार व्यक्ति अपने जान गंवाते हैं। प्रतिदिन औसतन 400 लोगों की मृत्यु सड़क हादसों में होती है। ऐसी दुर्घटनाओं से व्यथित होकर मृतकों और गंभीर घायलो की जानकारियों से व्यथित होकर प्रख्यात समाजसेवी रवीन्द्र कासखेड़ीकर ने नागपुर में जन आक्रोश समूह की स्थापना की और समाज के सभी लोगों को जोड़कर सड़क सुरक्षा संबंधित अभियान से जोड़ा है। यह संस्था सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत पंजीकृत है। नागपुर में इसके 130 सदस्य हैं, जो बिना किसी पारिश्रमिक, प्रमाण पत्र और प्रशंसा के वहां की यातायात व्यवस्था को संवारने में मदद कर रहे हैं। उसी तर्ज पर अब इंदौर में भी जन आक्रोश समूह की स्थापना शहर की यातायात व्यवस्था को देश में नंबर वन पर लाने के संकल्प के साथ की गई है। इस संस्था की शाखाएं नासिक, अमरावती, धुले, रायपुर, दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर, जबलपुर, भोपाल और अब इंदौर में शुरू की गई है।