अपनी बेटी की इच्छा पूरी करने के लिए शहर के गुप्ता दम्पति इसी माह कराएंगे 21 बेटियों के हाथ पीले

इंदौर । पांच वर्ष पूर्व 24 नवम्बर 2017 को अमेरिका में रहने वाली, इंदौर मूल की वैज्ञानिक बेटी महिमा गुप्ता ने अपने विवाह के समय माता-पिता डॉ. सुनील-डॉ. दिव्या गुप्ता के समक्ष इच्छा जताई थी कि मेरे विवाह के साथ 21 अन्य उन बेटियों के भी हाथ पीले किए जाएं, जिनके माता-पिता किसी भव्य समारोह का आयोजन करने में असमर्थ हैं। गुप्ता दम्पति ने तब अपनी बेटी की इस इच्छा को खुशी-खुसी पूरा किया, बल्कि महिमा के साथ ही 21 निर्धन बेटियों का सामूहिक विवाह समारोह भी आयोजित किया और यह संकल्प भी किया कि अब हर वर्ष वे इस विवाह के प्रेरक प्रसंगों को संजोए रखने के लिए हर वर्ष इसी तरह न्यूनतम 21 बेटियों के हाथ पीले कराएंगे। पिछले दो वर्षों के कोरोना काल को छोड़कर गुप्ता दम्पति और उनके कुछ मित्रों एवं शहर के समाजसेवी बंधुओं ने भी आगे आकर वर्ष 2018 एवं 2019 में क्रमशः 21 एवं 22 बेटियों के सामूहिक विवाह संपन्न कराए हैं। अब इस वर्ष फिर 24 अप्रैल को 21 बेटियों के सामूहिक विवाह की तैयारियां शुरू हो गई है। यह आयोजन एमआर 10 रोड स्थित दिव्य शक्तिपीठ पर होगा।

        वैश्य महासम्मेलन की जिला ईकाई के संरक्षक दिनेश मित्तल एवं संस्था सेवा संकल्प के संयोजक राजेश कुंजीलाल गोयल ने बताया कि रविवार 24 अप्रैल को विभिन्न समाजों की 21 बेटियों का सामूहिक विवाह दिव्य शक्तिपीठ परिसर, रेडिसन होटल के सामने वैदिक पद्धति से संपन्न होगा। इन सभी बेटियों को विवाह के बाद विदाई की बेला में गृहस्थी चलाने योग्य लगभग 40 उपहारों की भेंट भी दी जाएगी। 24 अप्रैल को सुबह 10 बजे से वर-वधु पक्ष एवं उनके मेहमान विवाह स्थल पहुंच जाएंगे। इस बार जिन समाजों के जोड़े इस समारोह में शामिल होंगे, उनमें यादव, राजपूत, अग्रवाल, ब्राह्मण एवं अन्य पिछड़े वर्ग के युगल भी शामिल हैं। ये युगल गुजरात के सूरत, राजस्थान के झालावाड़,  देपालपुर, बगड़ी, जावरा, नसरुल्लागंज, रतलाम, देवास, घाटाबिल्लौद, मल्हारगढ़, कन्नोद, दिग्ठान, मानपुर एवं इंदौर के जोड़े भी इस विवाह में शामिल होंगे। विवाह की रस्में विद्वान आचार्यों के निर्देशन में दोपहर से प्रारंभ हो जाएंगी। दूल्हे-दुल्हनों की शोभायात्रा शक्तिपीठ के एक परिसर से प्रारंभ होकर दूसरे परिसर तक जाएंगी। अक्सर बारात में नाचने-गाने से लेकर आतिशबाजी और सड़कों पर बिखरने वाले फूलों के कचरे की समस्या के साथ ही यातायात जाम की परेशानी को देखते हुए बारात शक्तिपीठ से रेडिसन चौराहा होते हुए पुनः विवाह स्थल आ जाएगी। दूल्हे घोड़ियों पर और दुल्हनें बग्घियों में सवार रहेंगी। विवाह स्थल पर 21 लग्न वेदी, 21 मंडप, 21 छत्र-चंवर, 21 तोरण और 21 पंडितों की व्यवस्था की गई है, जो शुभ विवाह संपन्न कराएंगे। प्रत्येक युगल को विदाई की बेला में पलंग, आलमारी, चुनरी बेस, सूट, गृहस्थी के बर्तन, टीवी एवं गृहस्थी चलाने योग्य लगभग 40 अपहार भेंट किए जाएंगे।

        डॉ. दिव्या गुप्ता के अनुसार यह आयोजन उन गरीब और वंचित परिवारों की बेटियों के लिए हो रहा है, जिनके पालक कमजोर, आर्थिक स्थित वाले हैं। वर्ष 2017 में हमने 21 कन्याओं के विवाह का खर्च स्वयं उठाया था। वर्ष 2018 में कुछ मित्रों ने भी इसमें योगदान किया। वर्ष 2019 में 22 बेटियों के विवाह में कुछ अन्य मित्र भी आगे आए और उन्होंने भी भागीदारी की। इस बार भी कई अन्य मित्र चाहते हैं कि जब विदेश में कार्यरत महिमा गुप्ता अपनी शादी के साथ निर्धन बेटियों के विवाह कराने जैसा आदर्श सोच रख सकती हैं और गुप्ता दम्पति भी अपनी बेटी की इच्छा पूरी कर 21 बेटियों के विवाह का संकल्प पूरा कर चुके हैं तो समाज के अन्य सक्षम लोग भी ऐसे अनूठे कामों में आगे आकर समाज का सोच तो बदल ही सकते हैं। रविवार 24 अप्रैल को होने वाले सामूहिक विवाह के दौरान वर-वधू पक्ष एवं उनके मेहमानों के लिए दोपहर के भोज एवं रात्रि भोज की व्यवस्था भी पूरी तरह निःशुल्क रहेगी। इस अनूठे विवाह समारोह में शहर के अन्य गणमान्य नागरिक, उद्योगपति, राजनेता एवं प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल होंगे। वर्ष 2017 में हुए बेटी के विवाह के साथ 21 बेटियों के हाथ पीले करने का समाचार जानकर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी गुप्ता दम्पति को बधाई देने स्वयं उनके निवास पर आए थे।