12 फरवरी को क्षेत्र की भव्य माही पंचकोशी पदयात्रा को शासन के द्वारा अनुमति नहीं, मिलने से भक्तों में निराशा का भाव, जिला ब्यूरो चीफ जिला धार, धर्मेंद्र श्रीवास्तव की रिपोर्ट,

सुदूर क्षेत्र में माही पंचकोशी पदयात्रा नहीं निकाले जाने को लेकर भक्तों में आया निराशा का भाव,,

मध्य प्रदेश दर्शन न्यूज़ पोर्टल ,

जिला ब्यूरो चीफ जिला धार, 

धर्मेंद्र श्रीवास्तव की रिपोर्ट -:

(महिंद्रवे) 

(महीसागर नदी)

20600 तीर्थों का सार लिए अविरल बहती है, मही नदी……. 

12/ फरवरी को निकलने वाली थी यात्रा……..

12 फरवरी……. 

से होना था, 

(माही पंचकोशी पदयात्रा का आरंभ, )

नियमों के अनुपालन में नहीं मिली विशाल एवं भव्य पंचकोशी पदयात्रा को अनुमति भक्तों में , जागा निराशा का भाव दो दशकों से भी अधिक धार जिले के सरदारपुर क्षेत्र में इस भव्य एवं विशाल धर्म ध्वजा वाहक सत्य सनातन धर्म प्रसार रथ का पहिया रुका,

एक आदेश से अखंड परंपरा हो जाएगी खंडित,

ग्यारस तिथि से लेकर पूर्णिमा तिथि तक क्षेत्र के विभिन्न मार्गो से होकर पांच पड़ाव के माध्यम से निकलने वाली इस भव्य पंचकोशी पद यात्रा पर शासकीय नियमों के चलते इस वर्ष 2022 में लगा विराम,

धार जिले एवं निमाड़ क्षेत्र सहित गुजरात एवं राजस्थान से उमड़ता है,

भक्तों का जनसैलाब भक्तजन धूमधाम से भक्ति भाव से ओतप्रोत होकर लेते हैं इस पंच दिवसीय माही पंचकोशी पदयात्रा में भाग,

किंतु…..????????? 

इस बार शासन की ओर से अनुमति नहीं मिलने से नहीं हो पाएगा इस विशाल एवं भव्य पंचकोशी पदयात्रा का आयोजन, जहां एक ओर देश में केंद्र और प्रदेश की स्वास्थ्य रिपोर्ट में बताया जा रहा है, कि इस बार का कोविड-19 खतरनाक नहीं है,

इससे संक्रमित लोगों की बहुत ही न्यूनतम प्रतिशत दर में मृत्यु हो रही है,

वही जिले के स्वास्थ्य आंकड़ों में कोविड-19 संक्रमित के आंकड़े तेजी से बढ़ते पर बताए जा रहे हैं,

किंतु वहीं दूसरी ओर संक्रमित लोग स्वस्थ होकर भी घर जा रहे हैं,

शासन और प्रशासन को धार्मिक भावना ध्यान में रखते हुए माही पंचकोशी पदयात्रा समिति द्वारा दिए गए आवेदन पर पुनर्विचार करना चाहिए,

और कहीं ना कहीं पदयात्रा को निकालने की अनुमति देने की ओर विचार करना चाहिए,

क्योंकि पदयात्रा फरवरी माह में आयोजित है!