गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र रजनीकांत पटेल ने मेड-इन-इंडिया माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo App पर आधिकारिक तौर पर गुजराती भाषा को लॉन्च किया। गुजराती भाषा की लॉन्चिंग के साथ Koo App अब हिंदी, मराठी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, असमिया, पंजाबी, बंगाली और अंग्रेजी सहित 10 भाषाओं को सपोर्ट करता है। भारत का यह पहला बहुभाषी मंच देश में सभी 22 आधिकारिक भाषाओं को कवर करने के लिए अपना विस्तार करेगा। भारतीयों को अपनी मातृभाषा में खुद को आज़ादी से ऑनलाइन अभिव्यक्ति का अधिकार देने वाले Koo App ने हाल ही में 2 करोड़ डाउनलोड का आँकड़ा हासिल कर महत्वपूर्ण मील के पत्थर को पार कर लिया है और अगले एक वर्ष में 10 करोड़ डाउनलोड तक पहुंचने की ओर अग्रसर है।
लॉन्चिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने दोहराया कि गुजराती को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक प्रमुख स्थान हासिल करना चाहिए और गुजरात के लोगों को अपनी मूल भाषा में स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्ति करने, विचार साझा करने और ऑनलाइन बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
इस लॉन्च के बारे में बोलते हुए Koo App के सह-संस्थापक मयंक बिदावतका ने कहा, “गुजरात के माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल द्वारा Koo App पर गुजराती भाषा को लॉन्च किए जाने पर हम बहुत प्रसन्न और आभारी हैं। इसके साथ ही हमारी स्मार्ट सुविधाएँ अब 10 भाषाओं में उपलब्ध हैं- जो भारतीयों को अपनी पसंद की भाषा में अभिव्यक्ति, बातचीत करने और ऑनलाइन जु़ड़ने में सक्षम बनाती हैं। मार्च 2020 में लॉन्च होने के बाद से दो साल से भी कम समय में 2 करोड़ डाउनलोड तक पहुंचने के लिए हम काफ़ी रोमांचित हैं। यह मील का पत्थर वास्तव में अपनी मूल भाषा में खुद को ऑनलाइन अभिव्यक्त करने के लिए उत्सुक भारतीयों द्वारा हमें दिए गए प्यार और स्वीकारने का सबूत है। Koo App भाषा-आधारित माइक्रो-ब्लॉगिंग की दुनिया में एक नवाचार है और हम भारतीय भाषाओं में बातचीत को बढ़ावा देने में गर्व महसूस करते हैं।”
कू (Koo) के बारे में: Koo की स्थापना मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं के एक बहुभाषी, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में की गई थी, ताकि भारतीयों को अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति करने में सक्षम किया जा सके। स्मार्ट फ़ीचर्स वाला Koo App वर्तमान में हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, असमिया, बंगाली और अंग्रेजी समेत 10 भाषाओं में उपलब्ध हैं। भारत में, जहां 10% से अधिक लोग अंग्रेजी में बातचीत नहीं करते हैं, Koo App भारतीयों को अपनी पसंद की भाषा में विचारों को साझा करने और स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्ति के लिए सशक्त बनाकर उनकी आवाज को लोकतांत्रिक बनाता है। मंच की एक अद्भुत विशेषता अनुवाद की है जो मूल टेक्स्ट से जुड़े संदर्भ और भाव को बनाए रखते हुए यूजर्स को रीयल टाइम में कई भाषाओं में अनुवाद कर अपना संदेश भेजने में सक्षम बनाती है। यह यूजर्स की पहुंच को बढ़ाता है और प्लेटफ़ॉर्म पर सक्रियता तेज़ करता है। Koo App के अब 2 करोड़ डाउनलोड हो चुके हैं और राजनीति, खेल, मीडिया, मनोरंजन, आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति के मशहूर लोग द्वारा अपनी मूल भाषा में दर्शकों से जुड़ने के लिए सक्रिय रूप से मंच का लाभ उठाते हैं।