सामाजिक परिवेश में बदलाव के लिए छटपटाता है लेखक-कैलाशचंद्र पंत

सामाजिक परिवेश में बदलाव के लिए छटपटाता है लेखक-कैलाशचंद्र पंत

इंदौर। । नगर के वरिष्ठ साहित्यकार योगेश यादव की पांच कहानियों पर संबोधित करते हुए देश के वरिष्ठ साहित्यकार एवं मध्य प्रदेश राष्ट्रभाषा समिति के प्रमुख कैलाश चंद्र पंत ने अपने संबोधन में कहा कि योगेश यादव की कहानी सामाजिक राजनीतिक परिवेश में बदलाव के लिए एक बैचेनी हैं, उनकी कहानियों में साफगोई है, सामाजिक विषमता के प्रति स्वीकार्यता है। कहानियों में समाज के खोखलेपन को सच्चाई से लिखा गया है।

स्थानीय गौशाला में आयोजित इस लोकार्पण समारोह में यह विचार श्री पंत अध्यक्षीय भाषण देते हुए वक्त कर रहे थे। समारोह के मुख्य अतिथि हिंदी परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरे राम वाजपई ने कहा कि कहानियों में गहराई है, यादव ने पांच कहानियां नहीं वरन संक्षिप्त उपन्यास लिखा है, अपने नाम को सार्थक करते हुए वे साहित्य के दद्दू हो गए हैं । कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार डॉ प्रकाश हिंदुस्तानी ने कहा कि कहानीकार ने अपने स्वभाव एवं समाज के मूल तत्व का वर्णन बेबाकी एवं ईमानदारी से किया है, हम सभी इस दृश्य को देख रहे हैं लेकिन कहने का साथ नहीं जुटा पा रहे है, मुझे खुशी हुई कि कहानी में महू की माटी की महक है।

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर शोध संस्थान की कुलपति डॉ. आशा शुक्ला ने अपने अतिथि संबोधन में कहा कि महू प्रतिभावान एवं राष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित करने वाले महापुरुषों का नगर है, मैं बहुत प्रभावित हूं कि श्री यादव राजनीतिज्ञ के के अलावा एक अच्छे लेखक भी है, इस गरीमामय समारोह में उपस्थित होकर मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। विशिष्ट अतिथि शंकर कलाकार ने कहा कि वह श्री यादव को विगत 40 वर्षों से पढ़ रहा हूं, वह रंगमंच कलाकार, पत्रकार एवं रेडियो के नाटक लेखक रह चुके हैं, वह महा उर्जावान है।

साहित्य संस्था शब्द की ओर से आयोजित कार्यक्रम के प्रारंभ में डा कुसुम यादव की ओर से सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। सभी अतिथियों को शॉल श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया।

समारोह के विशिष्ट अतिथि समाजवादी दृष्टि के प्रधान संपादक डॉ. रामलाल प्रजापति ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है। यादव जी की कहानियां उनके मूल व्यक्तित्व का आभास देती है। कहानियों की समीक्षात्मक व्याख्या वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. संतोष महंती एवं श्रीमती रश्मि चौधरी ने विस्तार से प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन नगर की कवित्री तृप्ति मिश्रा ने किया। आधार प्रदर्शन कहानीकार प्रभु त्रिवेदी की ओर से किया गया। लोकार्पण समारोह में भोपाल इंदौर एवं महू के साहित्यकार बुद्धिजीवी एवं पत्रकार भारी संख्या में उपस्थित हुए।