सात दिवसीय अ.भा. गीता जयंती महोत्सव में आएंगे देश के 60 से अधिक जाने-माने संत

सात दिवसीय अ.भा. गीता जयंती महोत्सव में
आएंगे देश के 60 से अधिक जाने-माने संत

इंदौर, । मालवांचल के प्रसिद्ध आस्था केंद्र, मनोरमागंज स्थित गीता भवन पर सात दिवसीय 64वें अ.भा. गीता जयंती महोत्सव का आयोजन 12 से 18 दिसंबर तक किया जा रहा है। देश में एकमात्र गीता भवन ही ऐसा स्थान है जहां लगातार 63 वर्षों से यह महोत्सव मनाया जा रहा है। अब 64वें अ.भा. गीता जयंती महोत्सव का शुभारंभ रविवार 12 दिसंबर को पुरी पीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के सान्निध्य एवं अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज की अध्यक्षता में रामजन्म भूमि न्यास अयोध्या के कोषाध्यक्ष आचार्य गोविंददेव गिरि महाराज प्रातः 10 बजे शंख-ध्वनि एवं वैदिक मंगलाचरण के बीच करेंगे। देश के जाने-माने 60 से अधिक आचार्य, संत, महामंडलेश्वर एवं विद्वतजन प्रतिदिन दोपहर 1.30 से सायं 6.30 बजे तक महोत्सव के दौरान अपने प्रवचनों की अमृतवर्षा करेंगे।

गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष गोपालदास मित्तल, मंत्री राम ऐरन एवं सत्संग समिति के संयोजक रामविलास राठी ने बताया कि महोत्सव में इस बार वल्लभाचार्य गोस्वामी वल्लभराय महाराज (सूरत), जगदगुरू रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य महाराज (अयोध्या), निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती (अहमदाबाद), परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के शंकराचार्य चैतन्य महाराज, सनातन आर्श विद्या प्रतिष्ठान के महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती, अमरज्ञान निरंजनी आश्रम शक्करगढ़, लाल का खेड़ा (राजस्थान) के महामंडलेश्वर स्वामी जगदीशपुरी महाराज, विश्वनाथ सन्यास आश्रम दिल्ली के महामंडलेश्वर निरंजनी पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी पुण्यानंद गिरि, श्री श्रीविद्याधाम इंदौर के महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती, अन्नपूर्णा आश्रम इंदौर के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि, अखंड धाम इंदौर के महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. चैतन्य स्वरूप, हरिद्वार भगवतधाम के महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद, जीवन प्रबंधन गुरू पं. विजयशंकर मेहता (उज्जैन), वृंदावन के युवा कथा रसिक पुंडरिक गोस्वामी, बिट्ठलनाथ मंदिर नाथद्वारा-उदयपुर के युवा वैष्णवाचार्य युवराज गोस्वामी, वागधीश बाबाश्री, गोवर्धननाथ मंदिर नाथद्वारा- इंदौर के गोस्वामी श्री दिव्येश कुमार महाराज, गोधरा की साध्वी परमानंदा सरस्वती, डाकोर (गुजरात) के नरहिर सेवा आश्रम के स्वामी देवकीनंदनदास, रामकृष्ण मिशन इंदौर के सचिव स्वामी निर्विकारानंद महाराज, चिन्मय मिशन इंदौर के आचार्य प्रबुद्धानंद सरस्वती, उज्जैन के वेदांत दर्शनाचार्य स्वामी वितरागानंद महाराज, साधना सदन हरिद्वार के स्वामी सर्वेश चैतन्य महाराज, उज्जैन के स्वामी असंगानंद महाराज, सप्तसरोवर हरिद्वार के स्वामी गोपालानंद सरस्वती, बड़ा रामद्वारा जोधपुर के संत हरिराम शास्त्री रामस्नेही, नागोर (राज.) संत अमृतराम रामस्नेही, टोंक के रामनिवास रामस्नेही, चित्तोड़गढ़ के दिग्विजयराम रामस्नेही, जूना रामद्वारा जोधपुर के संत रामशरण महाराज, मंदसौर के संत रामनिवास रामस्नेही, गोराकुंड रामदवारा इंदौर के संत अमृतराम रामस्नेही एवं छावनी रामद्वारा के संत रामस्वरूप रामस्नेही, नेमिषारण्य के स्वामी पुरुषोत्तमानंद सरस्वती, हरिद्वार के महंत प्रकाश मुनि एवं गोपाल मुनि महाराज, आगरा के स्वामी महावीर महाराज, आगरा के ही राष्ट्रसंत हरियोगी, अजमेर की साध्वी अनादि सरस्वती, पानीपत की साध्वी ब्रह्मज्योति सरस्वती, भदोही (उ.प्र) के पीयूषजी रामायणी, सुरेशशरण रामायणी, वाराणसी के पं. रामेश्वर त्रिपाठी रामायणी एवं गोंडा के पं. प्रहलाद मिश्र सहित 60 से अधिक संतों की स्वीकृति मिल चुकी है।