चार-दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत 8 नवंबर से*
इंदौर: सूर्य आराधना का सबसे बड़ा पर्व – चार दिवसीय छठ महोत्सव की शुरुआत सोमवार 8 नवंबर सोमवार को नहाय खाइ से होगी। 9 नवंबर (मंगलवार) को खरना का आयोजन होगा। छठ महापर्व का मुख्य आयोजन 10 नवंबर (बुधवार) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होगा जिसमें व्रती महिलाएं एवं पुरुष अस्ताचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य देंगे। छठ महापर्व का समापन चौथे दिन 11 नवंबर (गुरुवार) कोई श्रद्धालुओं द्वारा उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात समाप्त होगा।
पिछले वर्ष कोरोना महामारी के कारण शहर में रह रहे पूर्वांचल के श्रद्धालुओं ने अपने घरों के परिसर में ही कृत्रिम जलकुंड का निर्माण कर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया था l इस वर्ष कोरोना की स्थिति में सुधार को देखते हुए शहर के दो दर्जन से अधिक छठ पूजा आयोजन समितियों द्वारा पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्य प्रदेश के नेतृत्व में जिला प्रशासन से सार्वजनिक रूप से प्राकृतिक एवं कृत्रिम घाटों पर छठ महापर्व मनाने की अनुमति मांगी गयी थी। छठ श्रद्धालुओं के धार्मिक आस्था का संज्ञान लेते हुए प्रशासन द्वारा इस वर्ष सशर्त सार्वजनिक घाटों पर छठ महापर्व मनाने की अनुमति दी गयी है। प्रशासन द्वारा छठ पूजा आयोजन समितियों से कहा गया है कि छठ महापर्व मनाते समय आयोजन समिति यह सुनिश्चित करें कि छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की बहुत भीड़ इकट्ठी नहीं हों तथा श्रद्धालुओं द्वारा यथासंभव कोरोना निमयों का पालन किया जाए क्क शहर में रह रहे पूर्वांचल वासियों की शीर्ष संस्था – पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह, महासचिव के के झा तथा सचिव अजय कुमार झा ने कहा कि इस वर्ष कोरोना महामारी को देखते हुए प्रशासन के आदेशानुसार पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्य प्रदेश द्वारा शहर भर के छठ पूजा आयोजन समितियों को सार्वजनिक घाटों पर छठ महापर्व मनाते समय प्रशासन के आदेशानुसार कोरोना सुरक्षा निमयों का अनुपालन करने को कहा गया है।
के के झा ने कहा कि प्रशासन की अनुमति प्राप्त करने के पश्चात छठ पूजा आयोजन समितियों द्वारा शहर के सभी सार्वजनिक एवं निजी घाटों, तालाबों की साफ़ सफाई आयोजन समितियों के साथ साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से की जा रही है।
ज्ञात हो शहर एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष 80 से अधिक स्थानों पर छठ पूजा आ आयोजन होता है जहाँ शहर में रह रहे पूर्वांचल – विशेष रूप से बिहार, झारखण्ड एवं उत्तर प्रदेश के श्रद्धालुगण डूबते एवं उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं।
ठाकुर जगदीश सिंह ने कहा कि वैसे तो छठ महापर्व का आयोजन बड़े एवं छोटे स्तर पर 7 दर्जन से अधिक स्थानों पर होता है पर सबसे मुख्य आयोजन स्किम न 54, 78 , बाणगंगा, सुखलिया, श्याम नगर, तुलसी नगर, पिपलियाहना तालाब, कैट रोड, कालानी नगर , एरोड्रोम रोड, सिलिकॉन सिटी देवास नाका, निपानिया, राउ, पीथमपुर इत्यादि जगहों पर बड़े पैमाने पर होता है।
छठ महापर्व कार्यक्रम विवरण
8 नवंबर: दिन: सोमवार: नहाय खाय से छठ पूजा का प्रारंभ।
09 नवंबर: दिन: मंगलवार: खरना।
10 नंवबर: दिन: बुधवार: छठ पूजा, डूबते सूर्य को अर्घ्य।
11 नवंबर: दिन: गुरुवार: उगते हुए सूर्य को अर्घ्य, छठ पूजा समापन।