अब एमबीए जैसी उच्च शिक्षा प्राप्त युवती कृति कोठारी भी चली संयम और त्याग की राह  पर

अब एमबीए जैसी उच्च शिक्षा प्राप्त युवती कृति कोठारी भी चली संयम और त्याग की राह  पर

जैनाचार्य प.पू. मणिप्रभसागर म.सा. इंदौर में दीक्षा प्रदान करेंगे-जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ द्वारा निर्णय का स्वागत

इंदौर 26 अक्टूबर। पिछले दस वर्षों से सियागंज में स्वयं द्वारा स्थापित इलेक्ट्रिक व्यवसाय करने वाली, एमबीए जैसी उच्च शिक्षा की डिग्री प्राप्त करने वाली और हमेशा पाश्चात्य परिधान में रहने वाली 27 वर्षीया सुश्री कृति कोठारी अब त्याग और संयम की राह पर अग्रसर होगी। सोमवार को पालीताणा तीर्थ पर आचार्य प.पू. मणिप्रभसागर म.सा. ने इंदौर की इस युवती को डेढ़ सौ से अधिक साधु साध्वी भगवंतों की निश्रा में दीक्षा जीवन में प्रवेश की अनुमति प्रदान कर दी है। दीक्षा समारोह इंदौर में बहुत जल्द आयोजित होगा।

       श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ जानकी नगर के दिलसुखराज कटारिया, दिनेश डोसी एवं प्रेमचंद कटारिया ने बताया कि सुश्री कृति शहर के महेन्द्र-पुष्पा कोठारी की छोटी बिटिया है। पिछले दस वर्षों से कृति सियागंज में अपना स्वयं का इलेक्ट्रिक दुकान का कारोबार संभाल रही है। इसी दौरान उसने पढ़ाई करते हुए एमबीए जैसी उच्च शिक्षा की डिग्री भी हासिल की । वर्ष 2018 में जानकी नगर मंदिर में चातुर्मास के दौरान साध्वी प.पू. विरलप्रभाजी एवं प.पू. विपुलप्रभाजी के संपर्क में आई और तब से ही उसने धीरे-धीरे अपनी सारी जिम्मेदारियां अपने अन्य परिवारजनों तथा नजदीकी रिश्तेदारों को सौंपना शुरू कर दी थी। कृति की बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। पिता महेन्द्र कोठारी अब इस दुनिया में नहीं है। माता श्रीमती पुष्पा कोठारी के साथ रहते हुए कृति ने पिछले तीन वर्षों से अध्यात्म जीवन एवं दीक्षा पश्चात कठोर जीवन को समझने एवं सीखने का अभ्यास भी किया है। सोमवार को पालीताणा तीर्थ में आयोजित एक समारोह में खतरगच्छाधिपति प.पू. आचार्य श्री मणिप्रभ सागर म.सा. ने कृति को दीक्षा अंगीकार करने की अनुमति प्रदान कर दी है। दीक्षा समारोह जल्द ही इंदौर में आयोजित होगा।

       पालीताणा में आयोजित इस कार्यक्रम में आचार्यश्री के अलावा डेढ़ से अधिक साधु-साध्वी, भगवंत एवं एक हजार से अधिक आराधकों ने भी भाग लिया। जानकी नगर स्थित जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ के जेठमल नाहर, सुरेन्द्र कोठारी एवं उत्तमराज कटारिया ने कृति के दीक्षा जीवन में प्रवेश की अनुमति मिलने पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा है कि एक उच्च शिक्षित सफल व्यवसायी, आत्मविश्वास से लबरेज साहसी युवती का आत्मकल्याण के मार्ग की ओर प्रशस्त होना उनके स्वयं के लिए, समाज के लिए और देश के लिए भी दूरगामी एवं सुखद परिणाम देने वाला निर्णय साबित