भारतीय संस्कृति का उजला पक्ष है तर्पण

भारतीय संस्कृति का उजला पक्ष है तर्पण

इंदौर, । तर्पण वह क्रिया है जो हमें आत्मा से परमात्मा और अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करती है। दुर्लभ मनुष्य जन्म भारत भूमि में लेकर हमें जो सौभाग्य मिला है, उसकी सार्थकता हमारे कर्मों से ही संभव है। हमारे अंतर्मन में अपने पूर्वजों और पितरों के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव इसी क्रिया से सृजित होगा। भारतीय संस्कृति का यह सबसे उजला पक्ष है।
ये प्रेरक विचार हैं आचार्य पं. पवन तिवारी के, जो उन्होने बड़ा गणपति, पीलियाखाल स्थित हंसदास मठ पर श्रद्धासुमन सेवा समिति के तत्वावधान में चल रहे निशुल्क तर्पण महोत्सव में सााधकों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। मठ पर तर्पण के साथ मोक्षदायी भागवत कथा भी जारी है। हंसपीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी रामचरणदास महाराज एवं गोराकुंड रामद्वारा के संतप्रवर अमृतराम रामस्नेही के सानिध्य, पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल, परशुराम महासभा के पं. पवनदास शर्मा के विशेष आतिथ्य में आज तर्पण अनुष्ठान में बड़ी संख्या में साधकों ने शामिल हो कर अपने दिवंगत परिजनों के लिए तर्पण किया। आरती में डॉ. चेतन सेठिया, मोहनलाल सोनी, हरि अग्रवाल, राजेंद्र गर्ग, शंकरलाल वर्मा, अशीष जैन, माणकचंद पोरवाल आदि ने भाग लिया। उधर दोपहर में मोक्षदायी भागवत में आज गोवर्धन पूजा एवं छप्पन भोग का उत्सव मनाया गया। समाजसेवी श्रीमती चंदा सिसोदिया एवं शरद सिसोदिया के आतिथ्य में गोवर्धन पर्वत का पूजन किया गया। व्यासपीठ का पूजन अमित- पिंकी सोनी, मनीष-रजनी सोनी, राजेंद्र मित्तल मुरलीधर धामानी, सुश्री किरण ओझा, सूरजसिंह राठौर आदि ने किया। संचालन हरि अग्रवाल ने किया और आभार माना राजेंद्र गर्ग ने। तर्पण स्थल पर गौ वंश के लिए हरा चारा तथा साधकों के लिए खीर प्रसाद की व्यवस्था भी की गई है।