गांधी जयंती के अवसर पर नशामुक्त जागरूकता अभियान के तहत किया ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

इन्दौर पुलिस द्वारा गांधी जयंती के अवसर पर नशामुक्त जागरूकता अभियान के तहत किया ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन।

इन्दौर – इन्दौर पुलिस द्वारा गांधी जयंती एवं विश्व मानसिक स्वास्थय दिवस के उपलक्ष्य में सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग एवं मानसिक चिकित्सालय इन्दौर द्वारा चलाये जा रहें म.प्र. नशामुक्त जागरूकता अभियान के तहत *मद्य निषेध* विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन आज दिनांक 02.10.21 को पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर जोन इन्दौर श्री हरिनारायणचारी मिश्र के मुख्य आतिथ्य एवं पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री मनीष कपूरिया की अध्यक्षता मे वेबिनार के माध्यम से किया गया। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान नशा करनें के कारण, नशा करनें के बाद मे शरीर मे होने वालें बदलाव, प्रकार, नशे से समाज मे होने वाले दुष्परिणाम, व्यक्ति को नशे से दुर करनें मे परिजनों का महत्व, इससे बचनें के उपाय के बारे मे बताया गया।
उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान विशेष अतिथि श्री डाॅ व्ही एस पाॅल, अधीक्षक मनोचिकित्सालय इन्दौर, अति पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्री मनीषा पाठक सोनी, अति पुलिस अधीक्षक पश्चिम जोन 2 श्री डाॅ प्रशांत चौबे, डां विजय निरंजन व श्री डाॅ अभय पालीवाल सहा प्राध्यापक मनोचिकित्सालय इन्दौर, श्री धीरज हासिजा उपाध्यक्ष मालवा मेटल हेल्थ आर्गेनाइजेशन इन्दौर, एए अल्कोहलिक एनानिमस संस्था एवं अल अनोन संस्था के सदस्यगण सहित इन्दौर पुलिस के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहें।
कार्यक्रम का संचालन करतें हुए श्री प्रशांत चैबे जी द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे मे जानकारी देते हुए वहां उपस्थित हुए अतिथिगणों का स्वागत करतें हुए इन्दौर पुलिस द्वारा चलाई जा रहे पहल के तहत उपस्थित अतिथिगणों को किताबें प्रदान कर उनका स्वागत किया गया। इस दौरान उन्होनें बताया कि इन्दौर पुलिस द्वारा निरंतर नशे के उपर प्रहार करतें हुए सप्लायरों एवं नशे का व्यापार करनें वालों के विरूद्व लगातार कार्यवाही की जा रही है। तथा इन्दौर पुलिस द्वारा 70 करोड रूपयें की ड्रग पकडी थी जिससें पुरे देश मे इन्दौर पुलिस का नाम हुआ था।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित विशेष अतिथिगणों द्वारा बताया गया कि नशा एक आदत ना होकर एक बीमारी है जो धीरे-धीरें बडती जाती है, शरीर शराब पीनें के लिए बना ही नही होता जिससे वह इसका अधिक सेवन करतें करतें इस बीमारी की और बढता जाता है। नशा का प्रमुख कारण मानसिक तनाव होता है जो व्यक्ति को इस और आकर्षित करता है। जिस प्रकार पुलिसकर्मियों को बिना रूके काम करना एवं उपलब्ध रहना पडता है जिससे वह मानसिक तनाव की और अग्रसर हो जाता है जिसके दुष्परिणाम घर मे एवं घर के बाहर दिखनें लगतें हैं। जिसके बाद हम सेल्फ मेडिटेशन करतें है और सोचते है दो पेग लगाकर सो जाते है और बाकि का कल देखेगे। हमे नशे से बचने के लिए अन्य बीमारियों की तरह ही मन की बिमारी के बारे मे सोचना होगा मन स्वस्थ रहेगो तो शरीर स्वस्थ रहेगा। उन्होने कहा कि हम इस प्रकार की पहल करे जिससे लोगो को जागरूक कर उनके परिजनों या आसपास के व्यक्ति जो इस प्रकार की बीमारी से ग्रसित है उन्हे बिना किसी कानुनी प्रकिया के मानसिक चिकित्सालय मे लाया जा सके व उनका इलाज किया जा सकें। अल्काहलिक एनानिमस संस्था के विश्व मे 50 लाख तथा देश मे लगभग 50 सदस्थ है जो छोटे-छोटे ग्रुपों मे कार्य कर रहे व लोगो को नशे से दुर रहनें के लिए जागरूक कर रहे है।
डीआईजी सर द्वारा उपस्थित हुए सभी अतिथिगणों का प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वारा प्रशिक्षण देने के लिए धन्यवाद दिया और बताया हमारे समाज मे नशा एक बीमारी बन कर फैल रहा है। बडे पैमानें पर जो भी अपराध गठित हो रहे है या तो नशे के लिए किए गये है या फिर नशे मे किये गये है। नशे का सीधा असर अपने एवं अपनें आसपास के पूरे परिदृश्य के उपर पडता है। पुलिस द्वारा इस दिशा मे कार्यवाही की जा रही है एवं इसके प्रति लोगो को जागरूक किया जा रहा है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईजी सर द्वारा बताया कि नशे की बीमारी समाज को सबसे कमजोर कर रही है। पहले हम देखे तो समाज मे अधिकतर बीमारिया संक्रामक होती थी। लेकिन पिछले 10 सालों मे देखे तो अधिकतर बिमारिया हमारी लाईफस्टाईल से जुडी हुई है जिन्होनें तकनीकी रूप से अपना असर दिखाया है। इसका सबसे बडा कारण नशा करना है जिसने हमारे समाज के सभी वर्ग के लोगो को प्रभावित किया है। व्यक्ति को नशे की और बढनें से रोकनें के लिए उनके परिजनों दोस्त आदि का व्यापक असर होता है। परिजनों की यह जिम्मेदारी होती है उन्हे अपने बच्चो के बारे मे सारा ज्ञान होना चाहिए जिन्हे गलत कदम रखने के पहले ही पहले कदम पर रोकना चाहिए। पुलिस द्वारा नशे की सप्लाय को रोकनें के निरतंर प्रयास किये जा रहे है जिससे अनेक समस्याओं को रोकनें मे सफलता प्राप्त होगी।
कार्यक्रम के समापन के दौरान अति पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्रीमती मनीषा पाठक सोनी द्वारा सभी का हार्दिक अभिनदंन करतें हुए आभार व्यक्त करतें हुए धन्यवाद दिया एवं कार्यक्रम मे उपस्थित सभी अतिथियों को स्मृति चिंह भेट किये गये। इस दौरान उन्होने बताया कि आज का दिन खास है हमें गांधी जी के विचारों पर चलना है एवं मिली आजादी से भारत की स्वतंत्रता व अंखडता को सम्भाल कर रखना हैं। देश की युवा पीडी को नशे की इस बीमारी से बचाना है एवं उन्हे राष्ट्र निर्माण एवं प्रगति की और ले जाना हैं। उन्होनें कार्यक्रम मे ऑनलाइन ऑफलाइन उपस्थित सभी जनों को आभार व्यक्त कर धन्यवाद दिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान बताया कि नशा लेने के बाद व्यक्ति मे मानसिक एवं शारीरिक रूप से कुछ बदलाव आने लगता है। नशा कई प्रकार का होता है जिसमें एल्कोहल, अफीम, माॅरफीन, तम्बाकू आदि लेकिन अधिकतर लोग एल्कोहल का नशा करते है। नशे की लत को रोकनें के लिए पहले फिजिकल व मानसिक रूप से बदलाव लाना होता है जिससे नशा करने की इच्छा को रोका जा सकें। मेडिकल इसे पुरी तरह रोकने का हिस्सा नही इसके लिए व्यक्ति के परिजनों का मार्गदर्शन व काउंसलिग जरूरी होता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान नशे से बचने तथा उससे दुर रहनें के उपाय बताये गयें।