मरने के बाद तो सभी तर्पण, श्राद्ध और बरसी करते हैं, जीते जी भी पितरों को प्रसन्न रखें

मरने के बाद तो सभी तर्पण, श्राद्ध और बरसी
करते हैं, जीते जी भी पितरों को प्रसन्न रखें

श्रद्धा सुमन सेवा समिति के तत्वावधान में हंसदास मठ पर निःशुल्क तर्पण अनुष्ठान जारी

इंदौर, । आज यदि हम अपने पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध कर रहे हैं तो निश्चित ही कल हमारी संतान भी हमारे लिए करेगी। मरने के बाद तो सभी अपने दिवंगतों के लिए तर्पण, श्राद्ध, बरसी एवं विभिन्न रस्में करते हैं लेकिन कोशिश यही होना चाहिए कि जीते जी भी हम उनकी सेवा और प्रसन्नता में कोई कसर नहीं छोड़े। हमारे कर्म ऐसे हों कि बाद में पश्चाताप नहीं करना पड़े।
बड़ा गणपति, पीलियाखाल स्थित हंसदास मठ पर आचार्य पं. पवन तिवारी ने श्रद्धा सुमन सेवा समिति द्वारा आयोजित 17 दिवसीय निःशुल्क तर्पण अनुष्ठान के दौरान उक्त प्रेरक विचार व्यक्त किए। महामंडलेश्वर स्वामी रामचरण दास महाराज के सान्निध्य, प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती अर्चना जायसवाल एवं परशुराम महासभा के पं. पवनदास शर्मा के विशेष आतिथ्य में भगवान हरि विष्णु के पूजन के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच आज द्वितीय दिवस के तर्पण का शुभारंभ हुआ। प्रारंभ में संस्था के संयोजक हरि अग्रवाल, अध्यक्ष मोहनलाल सोनी, राजेन्द्र गर्ग, जगमोहन वर्मा, मुरारीलाल माहेश्वरी, श्रीमती सोनिया शुक्ला, भगवती प्रसाद कुमावत, डॉ. चेतन सेठिया, आशीष जैन आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। आज श्राद्ध की द्वितीया तिथि पर बड़ी संख्या में साधकों ने विधि-विधान पूर्वक पं. तिवारी के निर्देशन में अपने पितरों के प्रति तर्पण क्रिया संपन्न की। तर्पण के बाद निर्धनों, पशु-पक्षियों के लिए खीर प्रसाद की व्यवस्था भी यहां प्रतिदिन रखी गई है। इस बार एक तिथि अधिक होने से यह क्रम 17 दिनों तक चलेगा। सभी साधकों के लिए तर्पण सामग्री, थाली, कलश, दूध, दुर्वा, तिल्ली, जौ, पुष्प एवं जनेऊ सहित सभी सामग्री एवं बर्तन की व्यवस्था समिति की ओर से निःशुल्क कराई जा रही है। संचालन हरि अग्रवाल ने किया और आभार माना मोहनलाल सोनी ने। आज भी तर्पण के दौरान दिवंगत पूर्वजों, स्वतंत्रता सेनानियों, देश के लिए शहीद हुए जवानों, इंदौर रियासत के पूर्व शासकों एवं कोरोना में दिवंगत हुए शहर के नागरिकों तथा गौमाता के लिए भी मोक्ष की कामना के साथ विश्वशांति एवं जन मंगल के अनुष्ठान किए गए। प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती अर्चना जायसवाल के साथ 11 अन्य महिलाओं ने भी तर्पण अनुष्ठान में भाग लिया। उन्होंने आरती में भी शामिल होकर बताया कि राज्य के सभी जिलों में उनकी पार्टी की कार्यकर्ता तर्पण कार्यक्रम आयोजित करेंगी। भाजपा नेता जगमोहन वर्मा एवं पूर्व पार्षद श्रीमती सोनिया अतुल शुक्ला ने भी तर्पण में भाग लिया।
आचार्य पं. तिवारी ने तर्पण की विभिन्न क्रियाओं के दौरान कहा कि हम दुनिया के कितने ही तीर्थ कर लें, मां-बाप की सेवा नहीं की तो कोई फल नहीं मिलेगा। भले ही कभी मंदिर नहीं जाएं या तीर्थ यात्रा नहीं करें लेकिन यदि हमने अपने माता-पिता को उनके जीवनकाल में प्रसन्न बनाए रखा तो फिर हमें किसी तीर्थ यात्रा की जरूरत नहीं। तर्पण तो उनकी तिथि वाले दिन ही नहीं, पूरे 365 दिनों तक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गणेशोत्सव दस दिन, नवरात्रि 9 दिन लेकिन पितरों का महोत्सव 16 दिन का रखा गया है। स्पष्ट है कि पितरों को देवताओं से भी अधिक स्थान दिया गया है।
समिति के अध्यक्ष मोहनलाल सोनी, संयोजक हरि अग्रवाल एवं राजेंद्र गर्ग ने बताया कि श्राद्ध पक्ष में 6 अक्टूबर तक प्रतिदिन सुबह 8 से 10 बजे तक 17 दिवसीय तर्पण अनुष्ठान होगा। आम श्रद्धालु यहां आकर निःशुल्क तर्पण कर सकेंगे। तर्पण मे प्रयुक्त सभी सामग्री की व्यवस्था समिति द्वारा की जाएगी। जिन परिजनों को अपने पितरों के निधन की तिथि ज्ञात है, वे उस तिथि के दिन प्रातः 7.30 बजे तक घर से स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनकर हंसदास मठ पहुंच जाएं जहां समिति की ओर से सभी व्यवस्थाएं रखी गई हैं। जिनके पितरों की तिथि ज्ञात नहीं है, वे सर्वपितृ अमावस्या पर शामिल हो सकते हैं।