क्षमा ऐसी मांगे कि दोनों की आंखों से अश्रुधारा बह निकले

क्षमा ऐसी मांगे कि दोनों की आंखों से अश्रुधारा बह निकले

इंदौर, । क्षमा वीरों का आभूषण कहा गया है लेकिन हमारा प्रायश्चित ऐसा होना चाहिए कि मन में किसी तरह का कचरा बाकी न रह जाए। तप-आराधना कम होगी तो चलेगा लेकिन क्षमा ऐसी मांगना कि दोनों की आंखो से अश्रुधारा बह निकले। आज के युग में अंहकार और अभिमान से भरे मनुष्य का झुकना बहुत मुश्किल है लेकिन याद रखें कि पूरे पर्युषण का मूल क्षमा ही है। मिच्छामि दुक्कड़म केवल वाणी से नहीं, मन से होना चाहिए। जिन जिन के मन को दुखाया है, उन्हे जरूर याद करें और क्षमा मांगे।
जैन श्वेतांबर तपागच्छ उपाश्रय ट्रस्ट एवं श्रीसंघ रेसकोर्स रोड़ के तत्वावधान में बास्केटबाल काम्पलेक्स पर चल रहे पर्वाधिराज पर्युषण के आठवें और अंतिम दिन की धर्मसभा में प.पू. पन्यास प्रवर प्रसन्नचंद्र सागर म.सा. ने संवत्सरी प्रतिक्रमण के दिव्य अनुष्ठान में उक्त प्रेरक विचार व्यक्त किए। इसके पूर्व सुबह बारसा सूत्र बोहराने की बोली, ज्ञान पूजा एवं अष्टप्रकारी पूजा में भी समाज बंधुओं ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। वारसा सूत्र का लाभ जया-मनीष, पुखराज सुराणा परिवार एवं ज्ञान पूजा और पटदर्शन का लाभ डॉ. प्रतिभा कीर्तिभाई डोसी परिवार ने लिया। बारसा सूत्र के पूजन एवं अक्षत वर्षा में भी समाज बंधुओं में होड़ मची रही। प्रारंभ में श्रीसंघ की ओर से यशवंत जैन, दिलीप सी. जैन, विपिन सोनी, जयसिंह जैन, विपिन कोचर, मनीष सुराणा, सौमिल कोठारी, प्रकाश भटेवरा, राजीव भांडावत, भरत कोठारी, कीर्तिभाई डोसी, प्रवीण गुरूजी, महेंद्र गुरूजी आदि ने सभी श्रावकों की अगवानी की।
बास्केटबाल काम्पलेक्स से बैंड बाजों सहित चैत्य परिपाटी का जुलूस निकला। इसमेें तीन से आठ दिनों तक की तपस्या करने वाले पुरूष एवं महिलाएं भी साधु साध्वी भगवंतो के साथ शामिल हुए। संवत्सरी प्रतिक्रमण बास्केटबाल काम्पलेक्स पर संपन्न हुआ। क्षमापना का प्रसंग आते ही हजारों आंखे सजल हो उठीं। इस अवसर पर विभिन्न जैन श्रीसंघों के प्रीतेश ओस्तवाल, ललित सी. जैन, अशोक जैन पुष्परत्न, अशोक जैन राजगढ़वाला, प्रकाश बड़नगर सहित अनेक विशिष्टजन उपस्थित थे। समस्त संघ एवं गुरू भगवंत से क्षमायाचना का लाभ राजीव भांडावत ने लिया। आज दिनभर संवत्सरी के बाद मिच्छामि दुक्कड़म के माध्यम से एक-दूसरे से क्षमा मांगने का क्रम चलता रहा। आज संवत्सरी के चलते श्वेतांबर जैन समाज के अपने प्रतिष्ठान और कारोबार बंद रखे तथा दिनभर बास्केटबॉल काम्प्लेक्स पर आयोजित कार्यक्रमों में सौल्लास उपस्थिति दर्ज कराई।