व्यर्थ समय बिताना और अनर्थ चिंतन में अपनी ऊर्जा नष्ट करना भी पाप की श्रेणी में – प्रवीण ऋषि म.सा.

व्यर्थ समय बिताना और अनर्थ चिंतन में अपनी ऊर्जा
नष्ट करना भी पाप की श्रेणी में – प्रवीण ऋषि म.सा.

इंदौर,। हम प्रतिदिन व्यर्थ और अनर्थ जैसे पाप भी करते हैं। व्यर्थ समय बिताना और अपनी ऊर्जा को बेकार के चिंतन में खर्च करना भी पाप की श्रेणी में ही आता है। हमारा चिंतन मंगलकारी और तीर्थ जैसा पवित्र होना चाहिए। किसी भी काम को मजबूरी से नहीं, मजबूती से करना चाहिए। याद रखें कि परमात्मा और तीर्थंकर के आशीर्वाद लगातार 24 घंटे बरसते रहते हैं।
ये दिव्य विचार हैं उपाध्यायश्री प्रवीण ऋषि म.सा. के, जो आज एरोड्रम रोड स्थित महावीर बाग पर चल रहे चातुर्मास में पर्युषण के पांचवे दिन की धर्मसभा में ‘स्वस्थ जीवन के सूत्र’ विषय पर आशीर्वचन के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हम जिनके साथ जीते हैं, उनके साथ हमारे रिश्ते लाभकारी होना चाहिए। याद रखें कि जब तक हम दूसरों के लिए लाभकारी होंगे, तब तक ही हमारे रिश्ते पूजे जाएंगे। काम नहीं आने पर हम भी अपने दांत उखाड़कर फिकवा देते हैं। रिश्ते तब तक ही पूजे जाते हैं जब तक वे लाभकारी होते हैं, इसके बाद तो डस्टबिन में चले जाते हैं। हमेशा यह सोंचे कि मैं दूसरों के लिए कितना उपयोगी या लाभप्रद हूं। जीवन का सूत्र यह भी है कि दूध देने वाली गाय की लात भी सहन कर ली जाती है। साधु का जीवन मधुमक्खी की तरह होता है, जो एक फूल से पराग लेकर दूसरे फूल तक पहुंचाता है लेकिन उसकी भनक भी किसी को नहीं लगने देती। प.पू. तीर्थेश ऋषि म.सा., महासती आदर्श ज्योति म.सा. एवं आत्मज्योति म.सा. ने भी संबोधित किया।
धर्मसभा में चैन्नई से आई सुश्री प्रतिभा द्वारा लिखित पुस्तक ‘संत कौन’ का लोकार्पण भी उपाध्यायश्री की निश्रा में ट्रस्ट के रमेश भंडारी, जिनेश्वर जैन, प्रकाश भटेवरा, विमल चौरडिया, सुमतिलाल छजलानी, सतीशचंद्र तांतेड़, अभय झेलावत, गजेंद्र बोडाना, गजेंद्र तांतेड़, संतोष जैन, शैलेष निमजा, टी.सी. जैन आदि ने किया। आनंद तीर्थ महिला परिषद की ओर से सुनीता छजलानी, प्रमिला डागरिया, शोभना कोठारी एवं प्रवीणा जैन ने सभी श्रावकों एवं संतों की अगवानी की। प्रतिदिन तपस्वियों के सम्मान की श्रृंखला में आज भी अनेक तपस्वियों की अनुमोदना की गई। संचालन संतोष जैन मामा ने किया और आभार माना जिनेश्वर जैन ने। पर्युषण व्यवस्था समिति के संयोजक विमल चौरडिया ने बताया कि पर्युषण पर्व के चलते महावीर बाग पर सुबह से रात्रि तक विभिन्न आयोजन चल रहे हैं। । सुबह एवं दोपहर में उपाध्यायश्री एवं अन्य भगवंतों के प्रवचनों के अलावा महिलाओं के लिए शिविर, प्रश्न मंच एवं शनिवार-रविवार को युवाओं तथा महिलाओं के लिए जीवन से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम भी हो रहे हैं।