स्व. केशवप्रकाश विद्यार्थी स्मृति ग्रंथ और सरल गीता आने वाली पीढ़ी के लिए लाभकारी, इतिहास के पन्नों से वाकिफ कराना होगा : विधायक सिसौदिया

केशवप्रकाश विद्यार्थी स्मृति ग्रंथ और सरल गीता पुस्तक का विमोचन करते वरिष्ठ विधायकमंदसौर. नई पीढ़ी इतिहास के पन्नों से वाकिफ नहीं है। स्व. केशवप्रकाश विद्यार्थी स्मृति ग्रंथ और सरल गीता आने वाली पीढ़ी के लिए लाभकारी रहेगी। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, कवि, साहित्यकार रहते हुए स्व. विद्यार्थी ने उस दौर में किन कष्टों, परेशानियों को झेला और देश की आजादी में योगदान दिया, पुस्तक में उस समय का पूरा जिक्र है। लेखन सामग्री को परिवार ने बड़े परिश्रम से पुस्तक का रुप दिया है। स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थानों, लाइब्रेरी सहित रुचिकर लोगों तक यह ग्रंथ पहुंचे। स्व. विद्यार्थी आजादी के आंदोलन में हिस्सा लेने के साथ ज्ञानशील व्यक्तित्व के धनी रहे।
यह बात वरिष्ठ विधायक यशपालसिंह सिसौदिया ने कही। वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. केशवप्रकाश विद्यार्थी स्मृति ग्रंथ और सरल गीता पुस्तक के लोकार्पण अवसर पर श्रम शिविर में आयोजित समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा स्व. विद्यार्थी के जीवन से नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी।
साहित्यकार व चिंतक डॉ. पूरन सहगल ने कहा स्व. केशवजी ने अपने नाम के अनुरूप ही साहित्य, काव्य, पत्रकारिता क्षेत्र में प्रकाश फैलाया। नाम जिंदा है तो मनुष्य जिंदा है। स्व. विद्यार्थी ने कर्म, मन, धर्म से राष्ट्र सेवा की। स्वतंत्रता संग्राम गतिविधियों के अलावा जीवनकाल में उन्होंने अनेक संघर्ष भी देखे। कुछ लोग अपने कर्म से अमर हो जाते हैं। पुस्तक तैयार करने में स्व. विद्यार्थी की पुत्री सुश्री चंद्रकला विद्यार्थी का अथक परिश्रम रहा है। संबोधन के दौरान श्री सहगल ने स्व. विद्यार्थी के जीवन से जुड़े संस्मरण भी सुनाए। गांधी स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष त्रिदेव पाटीदार ने कहा स्व. विद्यार्थी ने साल 1940 के दौरान बच्चों के लिए उपयोगी ‘कन्या’ मासिक पत्रिका का प्रकाशन किया था, उस दौर में लेखन सामग्री इतनी पठनीय रहती थी कि पत्रिका के नए अंक प्रकाशन का पाठकों को इंतजार रहता था। स्व. विद्यार्थी ने साहित्य क्षेत्र को नई ऊंचाई दी। उनके द्वारा लिखे गए पत्रों के शब्द पठनीय रहते थे। यह ग्रंथ हम सभी को उनके जीवन से भी रूबरू कराएगा। आयोजन के प्रारंभ में गांधीजी के प्रिय भजन वैष्णवजन की प्रस्तुति गोपाल गुरू ने दी। अतिथियों का स्वागत समिति के कंवरलाल वर्मा, वरिष्ठ पत्रकार विक्रम विद्यार्थी, अभिषेक विद्यार्थी ने किया। संचालन राजेश दुबे ने किया। आलोक वर्मा ने आभार माना।
पुस्तक तैयार करने में हुए परिश्रम का वक्ताओं ने जिक्र किया
स्व. केशवप्रकाश विद्यार्थी स्मृति ग्रंथ व सरल गीता को पुस्तक के तौर पर तैयार करने में उनकी पुत्री सेवानिवृत्त प्राचार्य सुश्री चंद्रकला विद्यार्थी द्वारा किए परिश्रम एवं स्व. पं. रामगोपाल शर्मा ‘बाल’, स्व. महादेव प्रभुदयाल चौबे एवं स्व. राधेश्याम पंडित द्वारा दिए गए मार्गदर्शन का वक्ताओं विधायक श्री सिसौदिया, साहित्यकार डॉ. सहगल और ट्रस्ट अध्यक्ष श्री पाटीदार ने जिक्र किया। आयोजन के दौरान विभिन्न विषयों पर करीब 80 पुस्तकें लिखने वाले साहित्यकार डॉ. सहगल का अतिथियों व आयोजन समिति ने शाल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मान किया।