155 दिव्यांग बच्चों ने एक साथ दीप जलाकर मनाया अपना जन्मोत्सव

युग पुरूष धाम पर 155 दिव्यांग बच्चों ने एक
साथ दीप जलाकर मनाया अपना जन्मोत्सव

इंदौर, । उन्हें न तो अपना जन्म स्थान पता है और न ही जन्म तारीख। पिछले कुछ वर्षों से वे पंचकुईया स्थित युगपुरूषधाम बौद्धिक विकास केंद्र पर रहकर अपनी शिक्षा-दीक्षा इस तरह पूरी कर रहे हैं मानो यही उनका घर हो। इन सब निराश्रित या दिव्यांग बच्चों को युगपुरूष स्वामी परमानंद गिरि ने पिता के रूप में और डाॅ. अनिता शर्मा ने माता के रूप में अपने नाम दिये हैं। ऐसे 155 दिव्यांग बच्चों ने मंगलवार को एक साथ 155 दीप जलाकर अपना जन्मदिन मनाया। सामाजिक एवं न्याय विभाग की संयुक्त संचालक सुचिता तुर्की बैस मुख्य अतिथि के रूप मंे शामिल हुई।
संस्था की अध्यक्ष जान्हवी पवन ठाकुर एवं सचिव तुलसी शादीजा ने बताया कि युगपुरूष धाम पर पिछले कई वर्षों से मानसिक दिव्यांगता के क्षेत्र मंे शिक्षण-प्रशिक्षण देकर इन बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। संस्था की प्राचार्य डाॅ. अनिता शर्मा का जन्मदिन भी इन बच्चों के साथ ही मनाया गया। जन्मोत्सव के साथ दिव्यांग बच्चों ने स्वयं अपना ही मिनी सराफा चाट चैपाटी भी लगाई और अपने द्वारा निर्मित नमकीन, चाट, मिठाई, पाॅपकार्न की खरीदी-बिक्री भी की। इसका उद्देश्य यही था कि ये दिव्यांग बच्चे बाजार के तौर तरीकों और व्यवहार का प्रशिक्षण भी प्राप्त कर सकें। कुछ बच्चों ने केक, पानी पतासे, भेल के स्टाॅल भी लगाए। पूरे परिसर को रात में लगने वाले सराफा चैपाटी बाजार जैसा सजाया गया था।
प्राचार्य डाॅ. अनिता शर्मा के निर्देशन में इन बच्चों ने मेहमानों के स्वागत के लिए अपने हाथों से पुष्प एवं अन्य उपहार भी तैयार किए और उन्हें भेंट किए। जन्मदिन पर दीप जलते ही ‘हैप्पी बर्थडे…’ की गूंज को दृष्टिबाधित दिव्यांगों ने अपना संगीतमय स्वर देकर और मधुर बना दिया। कार्यक्रम में परमानंद हाॅस्पिटल के संचालक डाॅ. जीडी नागर, महिला बाल विकास विभाग की उपसंचालक अंशुबाला मसी उपस्थित थे। केंद्र की शिक्षिकाओं ने प्राचार्य डाॅ. अनिता शर्मा के प्रति अपने लिखित विचार भी प्रस्तुत किए, जिसमें डाॅ. शर्मा द्वारा सबको साथ लेकर चलने की खुले मन से प्रशंसा की गई। संचालन प्राचार्य डाॅ. अनिता शर्मा ने किया और आभार माना सचिव तुलसी धनराज शादीजा ने। दिव्यांग बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर इस उत्सव को और अधिक मौजूं बना दिया।