रतलाम । त्रिस्तुतिक जैन परंपरा के आचार्यदेव श्री हेमेंद्र सुरीश्वर जी म.सा.के अंतेवासी शिष्यरत्न एवं आचायदेव श्री ऋषभचंद्र सुरीश्वर जी म.सा.के समुदायवर्ती रतलाम नगर में जन्मे परम पूज्य प्रवचन प्रभावक,सिद्धितप प्रेरक, मुनिराज श्री चंद्रयश विजय जी म.सा. मुनिराज श्री जिनभद्र विजय जी म.सा.आदि ठाणा का इस वर्ष का चातुर्मास आंध्रप्रदेश प्रांत के विजयवाड़ा नगर के त्रिस्तुत्रिक जैन श्रीसंघ में तय हुआ हे जिनका चातुर्मासिक प्रवेश विजयवाड़ा की पावन धन्यधरा पर दिनांक 2 जुलाई को विभिन्न जैन श्रीसंघों की उपस्थिति में होगा । ज्ञात हो मुनिश्री का गत वर्ष का वर्षावास (म.प्र) के जावरा नगर में ऐतिहासिक हुआ था जिसमें 240 सिद्धितप के आराधकों ने कठिन तपस्या की थी आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा जैन संघ ने सभी जैन श्रीसंघो से आग्रह किया हे कि चातुर्मासिक नगर प्रवेश पधारकर विजयवाड़ा जैन श्रीसंघ का मान बढ़ावे यह जानकारी नगर के रत्नराज मित्र मंडल के अध्यक्ष अजय सिसोदिया ने दी।