पीएनबी के वरिष्ठ प्रबंधक समेत दो आरोपियों की गिरफ्तारी
इंदौर 20 जून 2025 । मध्य प्रदेश के माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिनांक 09.05.2025 को तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। ये मामले इंदौर स्थित एक कंपनी द्वारा मध्य प्रदेश जल निगम लिमिटेड (एमपीजेएनएल) को 183.21 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी जमा करने से संबंधित एक बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े हैं।
कंपनी ने एमपीजेएनएल से 2023 में मध्य प्रदेश में 974 करोड़ रुपये की सिंचाई की 03 परियोजनाएं हासिल कीं। इन अनुबंधों का समर्थन करने के लिए 183.21 करोड़ रुपये की आठ फर्जी बैंक गारंटी जमा की गईं।
प्रारंभिक सत्यापन के दौरान, एमपीजेएनएल को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के आधिकारिक डोमेन का प्रतिरूपण करते हुए धोखाधड़ी वाली ईमेल प्रतिक्रियाएं मिलीं, जिनमें बैंक गारंटी की प्रामाणिकता की झूठी पुष्टि की गई थी। इन पुष्टियों पर भरोसा करते हुए, एमपीजेएनएल ने फर्म को तीन अनुबंध दिए, जिनकी कीमत 974 करोड़ रुपये से अधिक थी।
इस मामले में, सीबीआई ने दिनांक 19.06.2025 और 20.06.2025 को बड़े पैमाने पर अभियान चलाया, जिसमें पांच राज्यों यानी नई दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात, झारखंड और मध्य प्रदेश के 23 स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप कोलकाता से पंजाब नेशनल बैंक के एक वरिष्ठ प्रबंधक सहित दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई। दोनों व्यक्तियों को आज कोलकाता में स्थानीय क्षेत्राधिकार वाली अदालत में पेश किया गया और उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर इंदौर लाया जाएगा । अब तक की जांच से पता च है कि कोलकाता स्थित एक सिंडिकेट कई राज्यों में सरकारी ठेके हासिल करने के लिए व्यवस्थित रूप से फर्जी बैंक गारंटियां तैयार कर उन्हें प्रसारित कर रहा है।
आगे की जांच अभी जारी है।