- जिले में जल संवर्धन के लिए अधिक से अधिक वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाये
- जल शक्ति अभियान की समीक्षा बैठक संपन्न
रतलाम 11 जून 2025। जनसहभागिता के बिना जल संवर्धन संभव नहीं है लोगों को जल संवर्धन के लिए जागरूक करें। अधिक से अधिक ट्रेन्च निर्माण करे, चेक डेम बनाये ताकि भू-जल स्तर बढ़ सके। जल संवर्धन के लिए जितने भी शासकीय भवन बने उनमें वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाये, जल स्त्रोत एवं हेण्डपम्प के पास रिचार्ज पिट अनिवार्य रूप से बनाये। मनरेगा योजना अंतर्गत जल संवर्धन के काम प्राथमिकता से करें। उक्त निर्देश रतलाम जिले के लिए नियुक्त केन्द्रीय नोडल अधिकारी जल शक्ति अभियान श्री संदीप रेवाजी राठौड़ युवा कार्यक्रम एवं खेल विभाग भारत सरकार ने जिले में जल स्रोतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिए किए गए कार्यों की समीक्षा के दौरान दिए। समीक्षा बैठक केन्द्रीय नोडल अधिकारी श्री राठौड़ एवं श्री चित्रारंजन बिसवाल वैज्ञानिक की अध्यक्षता में आज कलेक्टर कार्यालय के समकक्ष में संपन्न हुई। बैठक में कलेक्टर श्री राजेश बाथम, सीईओ जिला पंचायत श्री श्रृंगार श्रीवास्तव सहित संबंधित विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे। समीक्षा के दौरान श्री राठौड़ ने जल संरचनाओं के निर्माण के दौरान स्थान चयन के लिए साफ्टवेयर के उपयोग एवं जिले में अंकुर अभियान के तहत पौधारोपण कार्य पर संतोष जाहिर करते हुए जिले में वृहद स्तर पर किए गए पौधारोपण कार्य के लिए जिला प्रशासन की प्रशंसा की।
बैठक में कलेक्टर श्री बाथम ने जिले में जल स्रोतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिए किए जा रहे कार्यो की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अंकुर कार्यक्रम के तहत जिले में वन विभाग एवं आमजन के सहयोग से लगभग साढे 6 लाख पौधों का रोपण किया गया है। इस वर्ष भी लगभग इतने ही पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत जन अभियान परिषद द्वारा जनसहभागिता के माध्यम से बावड़ी एवं जल स्त्रोत की सफाई और संरक्षण के कामों की जानकारी भी दी गई। जन अभियान परिषद द्वारा जिले में ‘‘हर सण्डे तीन घण्टे’’ की थीम लेकर बावड़ी एवं अन्य जल स्त्रोतों की सफाई की गई जिससे जिले में जल संवर्धन हो सकेगा। हार्टफूलनेस एवं वन विभाग के समन्वय से जिले में शिवगढ़ वनक्षेत्र विस्तार के लिए पौधारोपण एवं जल संवर्धन के लिए बनाये गए चेक डेम की जानकारी से भी केन्द्रीय टीम को अवगत कराया गया।
बैठक में सीईओ जिला पंचायत ने जल संवर्धन के लिए ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से किये गए कार्यों की जानकारी दी। बैठक में जिले मे बनाये गये खेत तालाब, कूप निर्माण, कन्टूर ट्रेन्च निर्माण, नदी जीर्णोद्धार, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जानकारी प्रदान की गई। जिले में जल स्रोतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिए नगर निगम, जल संसाधन विभाग, उद्यानिकी विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के माध्यम से किये गये कार्यों की जानकारी संबंधित जिला अधिकारी द्वारा बैठक में दी गई।
कुडेल नदी पुनर्जीवन के लिए किये जा रहे काम की जानकारी देते हुए श्रीश्री संस्था के प्रतिनिधि ने बताया कि कुडेल नदी उद्गम स्थल पर 104 किमी लंबी कुडेल नदी के पुनर्जीवन कार्य के 147 जल संरचनाओं का निर्माण किया जायेगा। हर घर नल से जल के लिए जल निगम द्वारा किये गए कार्यों की जानकारी भी संबंधित अधिकारी द्वारा पावर पॉइंट के माध्यम से बैठक में दी गई।