रतलाम 04 मार्च । कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री राजेश बाथम द्वारा जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (1) के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किया गया है।
जारी आदेश के तहत सीबीसई से संबंद्ध स्कूल, माध्यमिक शिक्षा मण्डल से सम्बद्ध विद्यालय प्रबंधन एवं प्राचार्य द्वारा सीबीएसई, एनसीईआरटी, एससीईआरटी से संबंधित पुस्तकों के साथ अन्य प्रकाशकों की अधिक मूल्य की पुस्तकें एवं अन्य सामग्री क्रय करने हेतु पालकों पर अनुचित दबाव बनाया जाकर विषयवार निर्धारित पाठ्यक्रम की पाठ्य पुस्तकों के स्थान पर अन्य प्रकाशकों की पाठ्य पुस्तकों को चयन कर अभिभावकों को दुकान विशेष, निर्धारित स्थान से पाठ्य पुस्तकें व अन्य शैक्षणिक सामग्री क्रय करने हेतु अप्रत्यक्ष रुप से बाध्य नहीं करेंगे।
जिले के सभी निजी स्कूल में संचालित की जा रही कक्षाओं के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम के पुस्तकों की सूची विद्यालय के सूचना पटल पर तथा अधिकृत वेबसाइट पर भी अपलोड की जावे। साथ ही स्कूल में प्रवेश देते समय निर्धारित पाठ्यक्रम की सूची भी अभिभावकों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। कक्षाएं प्रारम्भ होने के पूर्व पुस्तक सूची, उनका मूल्य एवं प्रकाशन की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को प्रेषित कर पावती ली जाए। स्कूल सेशन के मध्य पुस्तक सूची में परिवर्तन न किया जाए।
कोई भी निजी स्कूल प्रबंधन छात्र-छात्राओं, अभिभावकों को पुस्तकें, कापियां, यूनिफार्म आदि संबंधित स्कूल संस्थान अथवा किसी दुकान विशेष से क्रय करने हेतु बाध्य नहीं करेंगे। साथ ही ऐसी सामग्री जो निर्धारित पाठ्यक्रम से संबंधित नहीं है, का समावेश पाठ्य सामग्री के साथ नहीं किया जावे, न ही क्रय करने हेतु बाध्य करेंगे। यदि किसी विद्यार्थी के पास पूर्व से पुरानी पुस्तक उपलब्ध है, तो उसे पुनः नई पुस्तक क्रय करने हेतु बाध्य न करते हुए आवश्यकता अनुसार ही पुस्तकें विक्रेता द्वारा उपलब्ध कराई जावे।
सभी निजी स्कूल प्रबंधन यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भई स्थिति में निजी प्रकाशन, मुद्रक, विक्रेता स्कूल परिसर के भीतर या अन्य माध्यम से प्रचार-प्रसासर हेतु विद्यालय परिसर में प्रवेश नहीं करेंगे। नोट बुक (कापी) पर ग्रेड, किस्म, साईज, मूल्य, पेज की संख्या की जानकारी स्पश्ट रुप से उल्लेखित होना चाहिए। कोई भी स्कूल प्रबंधन अधिकतम दो से अधिक यूनिफार्म निर्धारित नहीं कर सकेंगे। ब्लेजर इसके अतिरिक्त होगा। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि स्कूल यूनिफार्म का निर्धारित इस प्रकार किया जाएगा कि कम से कम तीन सत्र तक उसमें परिवर्तन नहीं हो। कार्यक्रम विशेष हेतु भी विद्यार्थियों, अभिभावकों को वेशभूशा क्रय करने हेतु बाध्य नहीं किया जाए।
यदि कोई व्यक्ति शैक्षणिक संस्था प्रमुख, संचालक, स्कूल स्टाफ द्वारा इस आदेश का उल्लंघन करेगा तो वह भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध का दोशी माना जाकर उसे विधि के प्रावधानों के तहत आयोजित किया जाएगा।