दिगंबर जैन समाज ने रचा इतिहास, अनूठी शोभायात्रा में 28 राज्यों के साथ ही विदेशों के जैन धर्मावलंबी बने इस ऐतिहासिक दिन के साक्षी
*स्वर्ण व रजत रथों पर निकली शोभायात्रा को पूरे शहर की जनता ने निहारा, गुरूवर का आशीर्वाद पाने के लिए भक्तों में मची होड़*
– 108 बेदियों में 108 जिन प्रतिमाओं के समक्ष 108 विशाल मंडल विधान एवं 108 स्वर्ण व रजत रथों की निकली भव्य व दिव्य शोभायात्रा
– समग्र दिगंबर जैन समाज उमड़ा, जगह-जगह हुई शोभायात्रा की अगवानी,
– रथावर्तन महोत्सव के तहत निकली शोभायात्रा ने गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में भी अपना नाम दर्ज कराया
– शोभायात्रा का मार्ग रंगोली, धर्म ध्वजा, रथावर्तन महोत्सव के साथ हुआ 108 श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान का समापन
इन्दौर । संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज के परम प्रभावक शिष्य गुणायतन भावना योग तथा शंका समाधान के प्रणेता मुनिश्री प्रमाण सागर महाराज, मुनिश्री निर्वेग सागर महाराज एवं मुनिश्री संघान सागर महाराज के सान्निध्य में शनिवार को प्रात:काल 108 रथ जिसमें स्वर्ण चांदी तथा काष्ट एवं गजरज पर मंगल विहार हुआ। मंगल गीतों की धुन पर श्रद्धालु प्रभु और गुरू की भक्ति में लीन होकर नृत्य कर रहे थे। इस अवसर पर पर्यावरण एवं लोक संस्कृति की कई झांकियां भी निकाली गई एवं अखाड़े भी शामिल हुए। उन्होंने अपने पेट पर भारी भरकम पत्थर रखकर उसको घन की चोट देकर टुकड़े टुकड़े करना शामिल है। विभिन्न झांकिओं में लोकनृत्य का प्रदर्शन करते हुए तथा चारों ओर मंगलमय नजारा था जिसमें भारत ही नहीं वल्कि अमेरिका, न्यूजीलैंड से आए श्रद्धालु भी नजर आए। लगभग 75 हजार श्रद्धालुओं ने यह अद्भुत नजारा अपनी आंखों से निहारा। धर्म प्रभावना समिति, सकल जैन समाज एवं विधान संयोजक धर्मेंद्र जैन (सिनकेम), गिरीश जैन (गिन्नी ग्रुप), अशोक-रानी डोसी, नवीन-आनंद गोधा, प्रचार प्रमुख राहुल जैन (स्पोटर््स वल्र्ड) एवं प्रवक्ता अविनाश जैन ने बताया कि रथावर्तन महोत्सव की शुरुआत मध्यप्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, जैन समाज के भामाशाह अशोक पाटनी एवं श्रीमति सुशीला पाटनी के नेतृत्व में प्रात: 8 बजे रथयात्रा की शुरुआत विजय नगर बिजनेस पार्क आईडीए ग्राउंड से 108 श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान के लिए बने आचार्य विद्यासागर सभा मंडप से हुई। इस अवसर पर संघस्थ क्षु. आदर सागर , क्षु समादर सागर, क्षु.चिद्रूपसागर, क्षु.स्वरुप सागर, क्षु.सुभग सागर महाराज के साथ इंदौर शहर के सभी गणमान्य नागरिक चल रहे थे। इस समारोह में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के संघस्थ सभी मुनिराजों के चित्र के साथ एक वृहद झांकी आचार्यश्री के जीवन चरित्र तथा भावना योग पर निकाली गई। जिसमें मुनिश्री के स्वास्थ्य लाभ एवं संम्बोधित श्लोगन लिखे थे। जुलूस का संचालन बाल ब्र.अशोक भैयाजी एवं बाल ब्र.अभय भैयाजी के निर्देशन में प्रारंभ हुआ। 108 रथों का यह चल समारोह अद्भुत था जो कि प्रात: 8 बजे से शुरु हुआ। शोभायात्रा में 108 बेदियों में 108 जिन प्रतिमाओं के समक्ष 108 विशाल मंडल विधान एवं 108 स्वर्ण व रजत रथों की निकली भव्य व दिव्य शोभायात्रा विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। यात्रा में 70 से अधिक महिला भजन मंडली थी जो मार्ग में भजनों की प्रस्तुतियां दे रही। गुरूवर की अगवानी में मार्गों पर रंगोली भी सजाई गई थी। वहीं गुरूवार के आशीर्वाद पाने के लिए भी भक्तों में होड़ सी मची रही। यात्रा विजय नगर चौराहे से एलआईजी चौराहा, पाटनीपुरा चौराहा, भमोरी चौराहा, रसोमा चौराहा होते हुए दोपहर एक बजे कार्यक्रम स्थल पहुंची जहां इसका समापन हुआ।
*गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज हुई शोभायात्रा -*
पॉप
मुनिश्री ने सम्बोधित करते हुए सबसे पहले प्रशासनिक अधिकारियों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि आज के दिन जो कुछ भी घटित हुआ है वह महज एक घटना ही नही। अपितु स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाने वाला एक इतिहास है। मुनिश्री ने कहा कि विधान हर वर्ष होते है और विधान के बाद रथयात्रायें भी होती है। लेकिन108 मंडलीय सिद्धचक्र विधान होना पूरे भारत के इतिहास में श्री सम्मेद शिखर जी के बाद यह दूसरी घटना है। लेकिन इंदौर में 108 रथयात्रा पूरे संसार की पहली रथ यात्रा है जिसने अपना नाम गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज करा लिया। आज की यह रथयात्रा ही नहीं थी बल्कि चारों और आनंद और उल्लास से भरा जनसैलाब था। मुनिश्री ने कहा कि ये जो अंदर की भावना है यह बहुत दुर्लभ होती है। उसे आप लोगों ने वह सब कुछ प्रदर्शित कर दिखाया। आपकी भावना आपकी प्रभावना का प्रमाण बन गई। उन्होंने कहा कि इंदौर के इस चातुर्मास में परम पूज्य गुरुदेव के प्रत्यक्ष आशीर्वाद के अभाव में भी उनका आशीर्वाद हमेशा बना रहा। उन्होंने रहस्य की बात बताते हुए कहा कि रात 1 बजकर चलीस मिनट पर स्वप्न में पूज्य गुरुदेव आए। उन्होंने कहा कि 108 रथों की यात्रा कितनी बजे है तो मैंने कहा 8 बजे और मेरी नींद खुल गई। फिर में नही सोया रथ यात्रा में विलम्ब हो रहा था लेकिन आठ बजे ही उपरोक्त रथयात्रा का शुभारंभ हो गया। मैं यह महसूस करता हूं कि पूज्य गुरुदेव का आशीर्वाद हर पल मेरे साथ है। उनका आशीर्वाद ही हमारी शक्ति है, यह जो कुछ भी है निमित्त हम लोग है काम सब गुरुदेव का ही है।
*मुनिश्री ने सभी को दिया आशीर्वाद -*
मुनिश्री ने कहा कि इंदौर में जिस दिन मेरा प्रवेश हुआ था आप लोगों का उत्साह देखकर मेरे मन में 108 मंडलीय विधान के साथ 108 रथयात्रा निकालने का आया था। जो मैंने सोचा उसे विजय नगर की जैन समाज और उसमें सभी वर्ग के लोग सम्मलित हुए। वह अविस्मरणीय है। उन्होंने धर्म प्रभावना समिति के कार्याध्यक्ष धर्मेंद ्रजैन सिनकेम, रमेश निर्माणा और उनकी टीम के सभी सदस्य तथा सभी नवरत्न तथा विजयनगर के सभी कार्यकर्ताओं ने अपना काम छोड़ा और पूरी टीम लगी रही। उन्होंने विजय नगर की संपूर्ण युवा टीम को दस में से दस नम्वर देते हुए आशीर्वाद दिया। इसके साथ ही अशोक भैया और अभय भैया, अमित जी तथा सुदर्शन जी का नाम उल्लेखित करते हुए आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि जब विशिष्ट पुण्यशाली लोग जुड़ते है तो उनके पुण्य से सभी अनुकूल संयोग अपने आप जुढ़ते जाते है। उन्होंने देश के भामाशाह अशोक पाटनी एवं श्रीमती सुशीला पाटनी (आर के मार्बल) का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि उनके विशेष पुण्य से यह निमित्त बना। मुनिश्री ने अशोक डोसी, नवीन-आनंद गोधा, योगेंद्र सेठी, अमरीस सेठी, मुकेश-विजय पाटोदी, संजय पाटोदी, रमेश निर्वाणा, दिलीप बोगरा, सुरेंद्र प्रीती तथा मुख्य पुण्यार्जक भरत कुसुम मोदी, आकाश कोयला परिवार, सुनील बिलाला, महामंत्री हर्ष जैन तथा एस.के जैन, दिलीप गोधा के साथ आयोजन में भोजन व्यवस्था के लिए गिन्नी परिवार जो कि इस आयोजन में रीड़ की हड्डी बनकर सभी के लिए सुस्वादु भोजन कराया। प्रचार प्रसार के लिये प्रवक्ता अविनाश जैन विद्यावाणी एवं राहुल जैन स्पोट्र्स को भी विशेष आशीर्वाद प्रदान करते हुये कहा कि मंच से सभी का नाम तो उल्लेखित नहीं कर पा रहा हूं सभी कार्यकर्ताओं के सहयोग से ही यह कार्य संपन्न हुआ है। जिसमें जिनेश झांझरी, पवन सिंघई और उनकी टीम ने दिन-रात महनत की उन्होंने धर्म प्रभावना के सभी पदाधिकारियों के साथ सभी नौ रत्न परिवार को आशीर्वाद प्रदान किया तथा मोहता भवन के शरद जोशी एवं विनय छजलानी का उल्लेख करते हुए चल समारोह में भाग लेंने वाले मुंगावली और गंजबासौदा के दिव्यघोष वालों को आशीर्वाद दिया।