ओंकारेश्वर महादेव मंदिर से निकलेगी भव्य कलश यात्रा – हजारों श्रोता बैठकर सुन सकेंगे कथा, तैयारियां जारी
इंदौर, । छावनी अनाज मंडी प्रांगण में इंदौर अनाज तिलहन व्यापारी संघ के तत्वावधान में पहली बार 8 अक्टूबर से वृंदावन के प्रख्यात भागवत भूषण मानस राजहंस डॉ. मनोज मोहन शास्त्री के श्रीमुख से होने वाले भागवत ज्ञान एवं मंगलवार, 17 अक्टूबर को होने वाले महालक्ष्मी महायज्ञ के दिव्य अनुष्ठान हेतु विशाल पांडाल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है। कथा व्यास डॉ. शास्त्री 8 अक्टूबर को सुबह रेल मार्ग से इंदौर आ रहे हैं। अनुष्ठान का शुभारंभ रविवार , 8 अक्टूबर को सुबह 11 बजे छावनी स्थित जगन्नाथ धर्मशाला के सामने ओंकारेश्वर महादेव मंदिर परिसर से कलश यात्रा के साथ होगा। कलश यात्रा छावनी अनाज मंडी प्रांगण स्थित कथा स्थल पहुंचेगी।
इंदौर अनाज-तिलहन व्यापारी संघ के अध्यक्ष संजय अग्रवाल, मंत्री वरुण मंगल एवं राजेश अग्रवाल ‘राजा’ ने बताया कि भागवत कथा के लिए मंडी प्रांगण में करीब 6 हजार वर्गफीट, 8 हजार वर्गफीट एवं 2100 वर्गफीट आकार के तीन भव्य पांडाल का निर्माण किया जा रहा है। आयोजन समिति की मंशा है कि शहर के सभी क्षेत्रों के श्रद्धालु इस कथा श्रवण का पुण्य लाभ उठाएं। इस उद्देश्य से अलग-अलग पांडाल का निर्माण किया गया है, जहां भक्तों की सुविधा के लिए समुचित प्रबंध किए जा रहे हैं। इनमें प्रतिदिन पेयजल, प्राथमिक चिकित्सा, साफ-सफाई, रोशनी, सुरक्षा, अग्निशमन सहित सभी सुरक्षा प्रबंध शामिल हैं। कथा स्थल के पास ही दुपहिया एवं चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था भी की जा रही है। कथा स्थल पर भक्तों की अगवानी के लिए विशेष प्रवेश द्वार भी बनाया गया है। कथा पांडाल में 6 हजार से अधिक श्रोता एक साथ बैठकर कथा श्रवण का पुण्य लाभ उठा सकेंगे। महिला-पुरुषों के लिए पृथक बैठक खंड बनाए गए हैं, वहीं बुजुर्ग एवं दिव्यांग बंधुओं के लिए कुर्सी की व्यवस्था भी रखी गई है। व्यासपीठ का आकार लगभग 2100 फीट रहेगा, जिस पर भागवत के प्रसंगों के अनुरूप सुंदर कलाकृति बनाई जा रही है। समाजसेवी दीनानाथ बंसल, कैलाशचंद्र गोयल एवं श्रीमती सविता प्रहलाददास गोयल विशेष यजमान मनोनीत किए गए हैं। प्रत्येक उत्सव प्रसाद के लिए भी अलग से यजमान मनोनीत किए गए हैं। छावनी क्षेत्र के सभी व्यापारी, ब्रोकर एवं रहवासियों का उत्साहपूर्ण सहयोग मिल रहा है। महालक्ष्मी महायज्ञ मंगलवार, 17 अक्टूबर को सुबह 9.30 बजे जल यात्रा के साथ मंडी प्रांगण में प्रारंभ होगा। यज्ञ की शास्त्रोक्त क्रियाएं श्री श्रीविद्याधाम के आचार्यों द्वारा संपन्न कराई जाएंगी। आयोजन की भव्यता एवं दिव्यता को देखते हुए एक दर्जन से अधिक समितियां गठित की गई हैं। आज शाम महिलाओं की एक वृहद बैठक में इन तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है।
कलश यात्रा-* रविवार 8 अक्टूबर को छावनी टेगौर मार्ग स्थित जगन्नाथ धर्मशाला के सामने ओंकारेश्वर महादेव मंदिर से भव्य कलश यात्रा सुबह 11 बजे प्रारंभ होगी। कलश यात्रा में बैंडबाजे, भजन एवं गरबा मंडलियां, केशरिया दुपट्टे से सज्जित कलश यात्रा मार्ग, केशरिया परिधान में महिलाएं और श्वेत परिधान में पुरुष इस शोभायात्रा में शामिल होंगे। मार्ग में अनेक स्थानों पर कलश यात्रा का परंपरागत स्वागत होगा। ओंकारेश्वर मंदिर से छावनी चौराहा, श्रद्धानंद मार्ग होते हुए राज टाकीज के सामने से कलश यात्रा मंडी प्रांगण स्थित कथा स्थल पहुंचेगी, जहां व्यासपीठ पर विराजित होकर डॉ. मनोज मोहन शास्त्री अपने कथामृत की वर्षा करेंगे।
*कथा के आयोजन -* रविवार 8 अक्टूबर को कलश यात्रा के बाद दोपहर 3 बजे से गणेश पूजन एवं भागवत महात्यम तथा नारद चरित्र के प्रसंग होंगे। इस दिन श्रद्धालु केशरिया परिधान में रहेंगे। सोमवार 9 अक्टूबर को कपिलोपाख्यान एवं ध्रुव चरित्र , मंगलवार 10 अक्टूबर को जड़ भरत चरित्र एवं प्रहलाद चरित्र, नरसिंह अवतार, बुधवार 11 अक्टूबर को बलि वामन प्रसंग एवं श्रीराम और कृष्ण जन्म, गुरुवार 12 अक्टूबर को बाल लीलाएं, गोवर्धन पूजा एवं छप्पन भोग, शुक्रवार 13 अक्टूबर को महारास लीला, उद्धव चरित्र एवं रुक्मणी विवाह, शनिवार 14 अक्टूबर को सुदामा चरित्र, शुकदेव विदाई एवं व्यास पूजन के बाद यज्ञ-हवन के साथ पूर्णाहुति होगी। प्रत्येक दिन भक्तों के लिए परिधान के रंग अलग-अलग रहेंगे जैसे– कृष्ण जन्म के लिए पीला, गोवर्धन पूजा के लिए हरा, रुक्मणी विवाह के लिए लाल चुनरी तथा समापन दिवस पर नीले रंग के परिधान रहेंगे।