दशहरा मैदान पर 6 से 14 अक्टूबर तक पहली बार गौ भक्ति महामहोत्सव का दिव्य आयोजन

पथमेड़ा स्थित देश की सबसे बड़ी गौशाला से जुड़ी साध्वी कपिला गोपाल सरस्वती का अग्रवाल समाज द्वारा सम्मान

इंदौर से विनोद गोयल की रिपोर्ट

इंदौर,। शहर में पहली बार 6 से 14 अक्टूबर तक दशहरा मैदान पर गौ भक्ति महामहोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसमें आम नागरिकों और जन-जन के मन में गौ भक्ति और गौ सेवा के प्रति चेतना जागृत करने के उद्देश्य से विभिन्न आयोजन होंगे। देश की सबसे बड़ी पथमेड़ा (राजस्थान) स्थित गौशाला से जुड़ी साध्वी कपिला गोपाल सरस्वती ने कल शाम स्नेह नगर स्थित अग्रसेन भवन पर आयोजित एक बैठक में शहर की सभी प्रमुख संस्थाओं और गौ प्रेमियों को इस महोत्सव में शामिल होने का खुला न्यौता दिया और अपने प्रवचन में बताया कि किस तरह गौ माता का दूध सर्वश्रेष्ठ और सर्वाधिक उपयोगी है

अग्रवाल समाज केन्द्रीय समिति के तत्वावधान में अग्रसेन भवन पर आयोजित एक बैठक में साध्वी कपिला गोपाल सरस्वती दीदी ने पथमेड़ा धाम स्थित गौशाला के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस गौशाला की स्थापना गौ ऋषि स्वामी दत्त शरणानंद ने की थी। यहां अभी 1 लाख 53 हजार गायों का लालन-पालन हो रहा है। पथमेड़ा ट्रस्ट द्वारा 65 गौशालाओं का संचालन पूरे देश में किया जाता है। मध्यप्रदेश में सुसनेर (शाजापुर) स्थित कामधेनु गौ अभ्यारण्य का संचालन भी इसी वर्ष से पथमेड़ा ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। इंदौर 6 से 14 अक्टूबर तक दशहरा मैदान पर गौ माता की कथा का वृहद आयोजन भी होने जा रहा है। इस कथा के माध्यम से जो भी राशि आएगी, उसका उपयोग कथा के खर्च को हटाने के बाद राज्य की गौशालाओं में किया जाएगा।

अग्रसेन भवन पर आयोजित इस बैठक का शुभारंभ साध्वी कपिला गोपाल सरस्वती के साथ केन्द्रीय समिति के पदाधिकारियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। प्रारंभ में केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष राजेश बंसल, पूर्व अध्यक्ष किशोर गोयल, संजय बांकड़ा, गणेश गोयल, राजेश गर्ग, संजय मंगल, मनोज अग्रवाल, राजेश मित्तल आदि ने साध्वीजी का स्वागत किया। संचालन संजय बांकड़ा ने किया और आभार माना राजेश इंजीनियर ने। केन्द्रीय समिति की और से साध्वीजी को सभी पदाधिकारियों ने स्मृति चिन्ह भेंट किया और दशहरा मैदान पर होने वाले महामहोत्सव के निमंत्रण के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए ऐसे दिव्य आयोजन में पूरी निष्ठा से सहभागिता करने का संकल्प व्यक्त किया।

उल्लेखनीय है कि साध्वी कपिला गोपाल सरस्वती कम्प्यूटर इंजीनियरिंग, बीटेक करने के बाद भारी वेतन छोड़कर 20 वर्ष की आयु में सन्यास लेकर गोसेवा के महायज्ञ में जुटी हुई हैं। उन्होंने अब तक पूरे देश में 400 से अधिक गोकथा, गो रामकथा, भागवत कथा, नानीबाई के मायरे की कथाएं की हैं। गो माता की सेवा और रक्षा के लिए उन्होंने 11 वर्ष तक अन्न का त्याग भी किया है। वे पैरों में जूते या चप्पल नहीं पहनती। उनकी वाणी से प्रेरणा लेकर हजारों लोग नशा मुक्त हो चुके हैं। कई निःसंतान दम्पति को संतान का सुख और रोगी व्यक्तियों के शारीरिक कष्ट भी उनके सानिध्य से दूर हुए हैं।