जल जीवन मिशन, हर घर जल……

लेख-: धर्मेंद्र श्रीवास्तव….

“परियोजना समन्वयक”

“आईएसए”

वसुधा विकास संस्थान धार…

जन सहभागिता से होगा..

स्वच्छ, शुद्ध पेयजल का सपना साकार

5% से 10% अंशदान..

और जलकर, भरकर होगा योजना का सफल संचालन,

(55 लीटर) शुद्ध जल प्रतिदिन प्रति व्यक्ति तक पहुंचाना है शासन का दायित्व…

जल एवं स्वच्छता तदर्थ समिति,

निगरानी समिति की 5 महिलाओं का गठन,

ग्राम पंचायत बॉडी,

स्वयं सहायता समूह,

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता,

आशा कार्यकर्ता ,

उषा सहयोगिनी,

एएनएम,

सभी को मिलकर आगे आना होगा,

अपने कर्तव्य और कर्मठता को प्रबलता से आगे बढ़ाना होगा, (जल निगम एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग)

मिलकर कर रहे जतन…..

(राजोद समूह जल प्रदाय योजना)

पीआईयू इंदौर,

महाप्रबंधक-: श्री जे.पी.गनोतेजी के मार्गदर्शन में..

“आईएसए”

वसुधा संस्थान धार कर रहा सहभागिता से कार्य…

योजना अंतर्गत धार जिले के सरदारपुर एवं बदनावर ब्लॉक के 79 ग्रामों में जन जन के घर तक नलों के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाने का होगा अति महत्वपूर्ण कार्य,

(जल एवं स्वच्छता तदर्थ समिति)

उपरोक्त समिति शासन के निर्देशानुसार इस समिति में ग्राम पंचायत के पदेन सरपंच अध्यक्ष होते हैं ,

एवं ग्राम पंचायत के पदेन सचिव समिति में सचिव होते हैं, 80% महिलाओं की उपस्थिति के साथ 12से 15 सदस्यों की यह समिति बनती है,

इस समिति का दायित्व होता है, कि परियोजना में निर्देशित दायित्व का अनुसरण करते हुए पंचायत एवं ग्राम क्षेत्र में सक्रियता पूर्वक ग्रामीण महिला पुरुषों वरिष्ठ जनों के साथ सहभागिता बढ़ाकर योजना के क्रियान्वयन में मुख्य भूमिका निभाना शासन के निर्देशानुसार आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में स्थानीय योजना का 5% एवं पिछड़े एवं सामान्य बाहुल्य क्षेत्र में 10% अनुदान एवं अंशदान की राशि का संग्रहण करना, योजना के आरंभ हो जाने के साथ शासन के निर्देशानुसार कम से कम ₹60 प्रति माह एवं अधिकतम समिति के द्वारा निर्धारित राशि प्रत्येक माह सक्रियता पूर्वक संग्रह करना एवं राशि के संग्रहण में वाटर मैन और समिति के द्वारा नियुक्त व्यक्तियों को सहयोग प्रदान करना, विभाग के द्वारा सहयोगी संस्था आईएसए को सहयोग प्रदान करना एवं उनके द्वारा आयोजित, की जाने वाली विभिन्न प्रशिक्षण एवं प्रचार प्रसार के कार्यक्रमों में अपनी शतप्रतिशत सहभागिता बनाए रखना,

निगरानी समिति की 5 महिलाओं का गठन की प्रक्रिया.. ….. इसके अंतर्गत गठित महिलाएं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता या ग्राम की सक्रिय महिलाएं सम्मिलित हो सकती है, इसके मूल उद्देश्य महिलाओं को समय-समय पर वाटर टेस्टिंग का प्रशिक्षण लेना है, और उसके पश्चात अपने क्षेत्रों के जल स्रोतों का वर्ष में कम से कम 2 बार जल परीक्षण करना है, पहला वर्षा काल के पूर्व और दूसरा वर्षा काल के पश्चात, शासन के द्वारा दिए गए वाटर टेस्टिंग किट के माध्यम से, इसके साथ साथ और अधिक महत्वपूर्ण कार्य है, शासन के द्वारा घर-घर नलों को पहुंचाने का जो कार्य किया गया है, उसके लिए जो पाइपलाइन ग्राम के विभिन्न मोहल्लों में बिछाई गई है उसकी निगरानी रखना किसी प्रकार से कोई नुकसान तो नहीं पहुंचा रहा है एवं जल एवं स्वच्छता तदर्थ समिति के साथ मिलकर जल कर वसूली एवं अन्य कार्यों में सहभागिता करना समय पर जो व्यक्ति जलकर जमा नहीं कर रहा है ,उसके प्रति उचित कार्यवाही का विधान तैयार करना स्वयं जागरूक होकर ग्रामीणों को पानी के उचित उपयोग एवं उसके संग्रहण को लेकर जनजागृति के कार्य करना, यह एवं अन्य मुख्य दायित्व निगरानी समिति के रहते हैं,

ग्राम पंचायत-: इसकी पूरी बॉडी अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य का निर्वहन कर सकती है, समय-समय पर होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं अन्य आयोजनों जैसे कि विलेज एक्शन प्लान, पी आर ए गतिविधि, जल एवं स्वच्छता तदर्थ समिति गठन, निगरानी समिति गठन, जनसभा, ग्राम सभा, स्कूल रैली, प्रचार प्रसार रथ भ्रमण, वॉल पेंटिंग एवं समस्त गतिविधियों में अपनी सहभागिता कर समस्त ग्रामीण जनों को जागरूक कर योजना को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकती हैं, इसके अंतर्गत सरपंच महोदय, सचिव महोदय एवं समस्त पंचगन अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका मिशन के माध्यम से पंजीकृत स्वयं सहायता समूह अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, अंशदान संग्रहण जन सहयोग की राशि का संग्रहण एवं जलकर की राशि संग्रहण में अपनी महती भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं, आईएसए के माध्यम से दिए जाने वाले प्रशिक्षण को लेकर उनके साथ सहभागिता कर इस योजना का सफल संचालन कर सकते हैं, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सबसे महत्वपूर्ण मैदानी कार्यकर्ताओं की श्रेणी में आते हैं, यह समस्त क्षेत्र में योजना के साथ सहभागिता कर नवाचार कर सकते हैं, और योजना को सफल बनाने में महत्वपूर्ण कड़ी बनकर सामंजस्य स्थापित कर सकते हैं, क्षेत्र में पदस्थ एएनएम स्वच्छता एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्माण कर घर घर नल हर घर जल पहुंचाने में जल की स्वच्छता को लेकर जन-जन को प्रेरित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकती है, भारत सरकार की यह (2024 तक) लक्ष्य गत योजना जिसका मूल उद्देश्य संपूर्ण भारतवर्ष के प्रत्येक ग्रामों में नलों के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाना जिससे देश की लगभग 80% से भी ज्यादा आबादी जो ग्रामों में निवास करती है,

और प्रतिवर्ष वर्षा जल जनित  बीमारियां मुख्य रूप से हैजा, पीलिया, डायरिया, टाइफाइड के साथ- साथ प्रदूषित जल के सेवन से होने वाली 80% बीमारियों से बच सके एवं मुख्य रूप से ग्रामीण महिलाओं का जो समय दिन भर में 3 से चार पैदल यात्रा कर पानी की जुगत में नष्ट हो जाता है,

उसे बचाया जा सके, किशोरी बालिकाओं, जो विद्यालयों में अध्ययनरत है, अपने विद्यालयों में अनुपस्थित रह कर पानी की जुगत में विद्याधन को बीच में ही छोड़ देती है, वह अपनी विद्या को पढ़ाई को पूर्ण करें सरकार की इस परियोजना को लेकर मुख्य उद्देश्य है,

सभी होंगे जागरूक,

सभी की होगी सहभागिता,

तब जाकर पहुंचेगा, सभी के गलों तक अमृत समान शुद्ध पेयजल,

जल जीवन मिशन,

घर घर नल,

हर घर जल,