शहर विधायक के परो को कतरा गया
“नगगरी निकाय चुनाव में टिकट वितरण को लेकर शहर विधायक से नाराज था संगठन”
रितेश मेहता
रतलाम। शहर के स्वयं भू जनप्रिय नेता शहर विधायक चैतन्य काश्यप के घोर विरोधी ख्यात प्रॉपर्टी व्यवसाई पूर्व निगम अध्यक्ष अशोक पोरवाल को रतलाम विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर नियुक्त कर पार्टी ने कहीं ना कहीं नगर विधायक के पर कतरने का कार्य किया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पोरवाल का नाम जिला अध्यक्ष के पद हेतु लगभग तय था किंतु अत्यधिक दबाव के चलते जिला अध्यक्ष पद पर आसीन नहीं हो सके। लेकिन पार्टी के प्रति निष्ठा और ईमानदारी का इनाम आर डी ए अध्यक्ष पद के रूप में पोरवाल को दिया।
यदि पोरवाल को यह पद नहीं दिया जाता तो आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी और स्वयंभू के विपरीत कार्य कर सकते थे या यूं कहें कि स्वयं विधायक के पद पर अपनी दावेदारी जता भी सकते थे।
विगत 15 सालों में भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर सिंधिया गुट के नए लोगों को पार्टी के विभिन्न पदों पर आसीन कराना और संगठन की उपेक्षा के कारण शहर विधायक को पार्टी की तरफ से मिला झटका। एसा लोगों का मानना है।
शहर में जन चर्चा है कि वर्तमान विधायक ने एल्डरमैन के ऐसे नाम दिए थे जिनका पार्टी से कोई लेना देना नहीं था, और वे पार्टी के पूर्व कार्यकर्ता भी नहीं थे। ऐसे नामों को संगठन ने वापस लौटा दिए हैं।
एक समय भाजपा की शक्ति का केंद्र माने जाने वाला पार्टी का अपना वर्षों से पैलेस रोड स्थित कार्यालय था जो लगभग बंद सा हो गया है। चैतन्य काश्यप के शहर विधायक बनने के बाद स्टेशन रोड स्थित कार्यालय मैं प्रायोजित सम्मान समारोह आयोजित होने लगे। ओर लोकल भाजपा के लिए यही शक्ति का केंद्र होने लगा है। किंतु समय का परिवर्तन ऐसा आया कि अब नए स्वयं भू कार्यालय में मात्र प्रायोजित कार्यक्रमों का ही जमघट होता है।
देखा जाए तो पूर्व समय से वर्तमान में भाजपा की छवि जिले में धूमिल हुई है विकास के नाम पर देखा जाए तो शहर में सड़कों के अलावा दूसरा कोई विकास नजर नहीं आता हां शहर विधायक के करीबी लोगों का विकास जरूर हुआ है और वे ही समितियों में और विभिन्न पदों पर बैठे है
नगरीय निकाय चुनाव में जिस तरह से पार्टी विरोधी लोग हावी थे उससे आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति का अंदाजा संगठन को शायद लग गया था पार्षदो की कार्य प्रणाली और महापौर का अंहकार भी चर्चा का विषय बना हुवा है जिसके चलते पार्टी का ग्राफ तेजी से गिर रहा है यही हाल जीले के विधायको के है। यही कारण है संगठन ने शहर विधायक के पर कतरने का कार्य किया हे आगे देखते है पार्टी में क्या गुल खिलते है।अगला नम्बर भाजपा जिलाध्यक्ष का हो सकता है। जिस पर चौकाने वाला नाम आ सकता है।