हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे, हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्णा कृष्णा हरे हरे,,, अखंड कीर्तन सप्ताह 30 मार्च शाम 4:00 बजे से आरंभ होंगे, स्थान श्री दादा दयालु खेड़ापति हनुमान जी महाराज धाम, थाने के सामने इंदौर अहमदाबाद मार्ग सरदारपुर,

धार्मिक समाचार संकलन-: धर्मेंद्र श्रीवास्तव,
शरणागत श्री दादा दयालु,
शरणागत श्री दादा दयालु,
कलयुग केवल नाम अधारा,
जपत जपत भव सिंधु पारा,
प्रभु राम कृष्ण का भजन एवं कीर्तन भवसागर से पार उतारने वाला है,
वेद और पुराणों में वर्णन है,
कि सतयुग द्वापर त्रेता में हवन एवं पूजन के माध्यम से कठिन भक्ति और तपस्या के माध्यम से ही जीवन को भवसागर से पार उतारा जा सकता है,
किंतु कलयुग ऐसा काल है,
जिसमें भक्तजन श्री राम एवं कृष्ण की सरल भक्ति भजन एवं कीर्तन के माध्यम से नाम जप के माध्यम से मनुष्य अपने जीवन को भवसागर से पार उतार सकते हैं,
मोक्ष एवं जीवन की उन्नति का मार्ग केवल और केवल प्रभु स्मरण राम एवं कृष्ण के भजन एवं कीर्तन के माध्यम से मनुष्य अपने अनेक जन्मो को तार कर पाप की निवृत्ति कर मोक्ष का मार्ग प्राप्त कर सकता है, श्री वृद्धि आरोग्य आयुष्य चिरंजीव होकर धर्म अर्थ काम और मोक्ष चारों प्रवृत्तियों को अपने जीवन में उतार कर लोक कल्याण के कार्य कर राजयोग को प्राप्त कर सकता है,
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता अस बर दीन जानकी माता,
यदि हमें हनुमान जी की कृपा प्राप्त करना है, 🚩 🚩
तो केवल और केवल उनके सम्मुख राम एवं कृष्ण का कीर्तन ही हमें उनकी अपार कृपा के निकट ले जा सकता है,
इसमें कोई संदेह नहीं है,
मध्य प्रदेश दर्शन न्यूज़ पोर्टल से संवाद के दौरान,
श्री दादा दयालु खेड़ापति हनुमान जी महाराज मंदिर व्यवस्थापक प्रथम श्रेणी ठेकेदार द्वारका प्रसाद गोराना ने बताया कि,
यह धार्मिक कार्यक्रम धार जिले के साथ-साथ “मध्य प्रदेश का” धार्मिक स्वाभिमान है,
कीर्तन सप्ताह के आरंभ के साथ जैसे ही अखंड ज्योत को प्रज्वलित किया जाता है,
पूरा माहौल धार्मिकता से ओतप्रोत होकर अपार शांति के साथ साथ भक्ति की ओर मूड जाता है,
मन श्री राम और कृष्ण की भक्ति के हिलोरे लेने लगता है,
और प्रभु भक्ति में लीन हो जाता है,
(उमंग और उल्लास)

माही के जल की तरह मन में हिलोरें लेने लग जाता है,
नगर का वातावरण भक्तिमय हो कर जन जन, हरे रामा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे रामा रामा हरे हरे कीर्तन में रम जाता है,
सप्ताह के अंतिम दिवस शयन आरती के साथ होने वाले महा प्रसादी भंडारे में जो बैंगन एवं आलू की सब्जी बनाई जाती है,
उसका स्वाद देखते ही बनता है,
भक्तजन प्रसादी के रूप में लौंजी का उपयोग बड़े रुचिकर तरीके से करते हैं,
वही झारे के द्वारा बनाए गए भजिए भक्तों को स्वादिष्ट होकर रुचिकर लगते हैं,
लुगदी की महा प्रसादी का सेवन भक्तजन कार्यक्रम संपूर्ण होने के 2 सप्ताह तक करते हैं,
हर कोई श्री दादा दयालु खेड़ापति हनुमान जी के साथ-साथ श्री राम और कृष्ण की भक्ति में रम जाता है,
मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूं,
कि मुझे इस पुनीत कार्य का दायित्व प्राप्त हुआ है,
वही श्री दादा दयालु खेड़ापति हनुमान जी महाराज की कृपा से पूरा नगर भक्तिमय होकर संयुक्त परिवार की तरह दृष्टिपात होता है,
मैं पुनः पुनः आवाहन करता हूं,
🙏 🙏
कि भक्तजन महिला पुरुष बच्चे अधिक से अधिक संख्या में पधार कर इस वर्ष भी भक्ति भाव से भरे इस महान कीर्तन सप्ताह में सम्मिलित होकर अपने जीवन को धन्य बनाएं….
जय श्री राम,
जय श्री दादा दयालु खेड़ापति हनुमान जी महाराज,
🙏 🙏