मध्यप्रदेश दर्शन न्यूज़ पोर्टल….
धर्म विशेष….
लेख-:
धर्मेंद्र श्रीवास्तव….
(कलयुग पर भारी शिव युग)
धर्म, आस्था, विश्वास की, पराकाष्ठा है, भगवान शिव,
सत्य सनातन धर्म के मूल है, भगवान शिव,
अखिल ब्रह्मांड के आदिदेव है,
भगवान शिव,
सृष्टि के आरंभ से ही सर्वस्व है, भगवान शिव, धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के, जनक है, भगवान शिव,
हर धर्म की मूल जड़ है,
भगवान शिव,
आदि अनादि, हर क्षण, हर पल,
हे भगवान शिव,
नदियों की कलकल धारा,
वायु का तीव्र वेग, स्वर, ध्वनि, सिंहनाद,
हाथी का मदमस्त होना है,
भगवान शिव,
सृष्टि के कर्ता धर्ता हरता है,
भगवान शिव,
शिव रात्रि और नवरात्रि मैं समाई है,
संपूर्ण सृष्टि,
संपूर्ण विश्व में कहीं भी, भौगोलिक, आध्यात्मिक, वैज्ञानिक, दैविक दृष्टि से कहीं भी देखेंगे तो हर धर्म का मूल सार है भगवान शिव,
धर्म ग्रंथों की रचना,
वैदिक मंत्रों श्लोक चौपाई चारों वेद एवं 18 पुराण,
रामायण, रामचरितमानस,
देवी भागवत,
भागवत पुराण,
महाभारत,
अनेक अनेक मूल ग्रंथों,
नदी पुराण जिसके अंतर्गत मूल रूप से स्कंद पुराण का मूल आधार है, भगवान शिव,
समस्त सृष्टि की मूल भावना, आदि दैविक, आदि भौतिक,
समस्त का मूल है,
भगवान शिव,
शृष्टि, समय, सृजन, प्रलय,
गीत संगीत है, शिव,
बेल सिंह नाग का एक आकार है,
भगवान शिव,
“वसुदेव कुटुंबकम, हे भगवान शिव,
देव दैत्य सभी के आराध्य है,
भगवान शिव, शव में शक्ति का संचार है,
भगवान शिव मान, सम्मान व प्रतिष्ठा, वैभव और राजयोग है,
भगवान शिव कर्म फल प्रदाता है,
भगवान शिव,
शिवरात्रि पर चारों प्रहर भगवान शिव की भक्ति एवं विभिन्न द्रव्य से जिसमें मुख्य रूप से मधु, दही, दूध, एवं जलधारा से शिव अभिषेक का विधान है, उपरोक्त विधि से शिव आराधना करने से मनुष्य की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है,
और अंत समय में शिव धाम की प्राप्ति होती है,
हरि अनंत हरि कथा अनंता,
इसी का मूल है,
मुख्य रूप से द्वादश ज्योतिर्लिंग के प्रमाण के साथ अनेक असंख्य शिवलिंग का प्रमाण भारतीय धर्म ग्रंथों में मिलता है, ज्योतिर्लिंग भारत की मुख्य सीमाओं में स्थापित होने के साथ-साथ विश्व की अनेक सीमाओं में होने से यह प्रमाणित होता है, कि शिव अखिल विश्व के देवता है,
शास्त्र प्रमाण अनुसार कलयुग का प्रथम चरण आरंभ हो चुका है,
विश्व के कई देशों में महामारी एवं अन्य आपदाओं के साथ इसका दर्शन हो रहा है,
किंतु भारतवर्ष में शिव आराधना बलवती होकर भक्तजन भगवान शिव की भक्ति में डूब कर शिव युग का आरंभ कर चुके हैं,
शास्त्रों के मूल् में,
मृत्यु लोक के अधिपति भगवान शिव को बताया गया है!
महा शिवरात्रि महापर्व सनातनी हिंदुओं का…… “महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव का श्रंगार पूर्ण मनोरम चित्र “