सोया खाद्य प्रसंस्करण एवं उपोत्पाद उपयोग”

इंदौर, मध्य प्रदेश. कृषि विभाग, महाराष्ट्र शासन द्वारा संचालित स्मार्ट परियोजना के अंतर्गत महाराष्ट्र के सांगली जिले की 8 “कृषक उत्पादक संस्थाओं” के कुल 48 सदस्य सोया-कृषकों को भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर के “कृषि व्यवसाय इनक्युबेशन केंद्र” द्वारा  तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम से “सोया खाद्य प्रसंस्करण एवं उपोत्पाद उपयोग” पर प्रशिक्षित किया गया. इसके उद्घाटन सत्र के अवसर पर कृषि उप-संचालक, जिला सांगली के श्री भगवानराव माने, श्री धैर्यशील पाटिल संस्थान के तीनों विभागों के अध्यक्ष डॉ अनीता रानी, डॉ महावीर शर्मा एवं डॉ दुपारे समेत प्रभारी निदेशक डॉ संजय गुप्ता उपस्थित थे. इस अवसर पर इन्कुबेशन केंद्र के प्रभारी डॉ महावीर शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि इन्कुबेशन केंद्र की स्थापना से ही कई राज्यों सोयाबीन बीजोत्पादन, विपरीत मौसम में उपयोगी संस्थान द्वारा विकसित उन्नत कृषि यन्त्र, तथा सूक्ष्मजीव आधारित द्रव्य जीवाणु खाद समेत सोया आधारित खाद्य पदार्थों पर प्रशिक्षण के आयोजन हेतु विभिन्न संस्थानों से अनुरोध किया जा रहा हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सांगली जिले समेत महाराष्ट्र के कई जिलों की कृषक उत्पादक संस्थाओं से जुड़े कृषकों की सोया-आधारित प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्माण हेतु कौशल प्रशिक्षण में रूचि बढ़ रही हैं, तथा इस सन्दर्भ में वरीयता सूचि अनुसार प्रशिक्षण कार्यक्रमों का समन्वयन किया जा रहा हैं.

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सोयाबीन से बने विभिन्न खाद्य पदार्थ जैसे सोया दूध, सोया-छांछ, सोया श्रीखंड, सोया-पनीर, सोया पकौड़े, सोया हलवा, सोया उपमा आदि के साथ साथ सोया आटा आधारित बेकरी पदार्थ बनाने की प्रसंस्करण तकनिकी बाबत प्रदर्शन सहित जानकारी दी गई. इस बाबत संस्थान के वैज्ञानिक डॉ नेहा पाण्डेय,डॉ विनीत कुमार, डॉ बी. यु. दुपारे, डॉ मनोज कुमार श्रीवास्तव, डॉ मृणाल कुचलन, डॉ राकेश कुमार वर्मा ने सम्बंधित विषयों पर तकनिकी व्याख्यान के माध्यम से जानकारी दी. इसमें सोया खाद्य पदार्थों सहित बीजोत्पादन, घरेलु स्तर पर क्रूड आयल आदि विषयों का समावेश किया गया हैं. सोया आधारित इन खाद्य पदार्थों के प्रदर्शन हेतु संस्थान के इन्कुबेशन केंद्र के श्री योगेश सोहनी, श्री अभिषेक भारती, सुश्री सीमा चौहान तथा जयश्री वासुदेवन एवं श्री दीपक की भूमिका महत्वपूर्ण रहीं हैं. इसके समापन समारोह के अवसर पर प्रशिक्षनार्थी कृषकों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।