हमारे सैनिक माइनस 21 डिग्री पर देश की सीमा की रक्षा करते हैं

इंदौर, । गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर रीगल चौराहा स्थित इंडिया गेट पर निर्मित अमर जवान ज्योति एवं दुआ सभागृह भारत माता की जय और वंदे मातरम के उदघोष से गूंजते रहे। संस्था सेवा सुरभि की मेजबानी में भारतीय वायुसेना के शहीद ग्रुप कमांडर वरुणसिंह के पिता के.पी. सिंह, माता उमासिंह एवं सास श्रीमती निर्मलासिंह को जब अतिथियों ने शाल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र और एक लाख रुपए की श्रद्धा निधि सौंपी तो समूचा सभागृह करतल ध्वनि से गूंज उठा। उपस्थित नागरिकों ने भारत माता की जय एवं वंदेमातरम के उदघोष से सभागृह एवं बाद में इंडिया गेट, अमर जवान ज्योति तथा चौराहे को गुंजायमान बनाए रखा। सांसद शंकर लालवानी, महपौर पुष्यमित्र भार्गव, संभगायुक्त डॉ. पवन शर्मा, कलेक्टर इलैया राजा टी., पूर्व कलेक्टर राकेश श्रीवास्तव, समाजसेवी टीकमचंद गर्ग, अरविंद बागड़ी सहित अनेक अतिथियों ने शहीद के परिजनों का सम्मान किया। एक लाख रुपए की श्रद्धा निधि समाजसेवी भरत –कुसुम मोदी की ओर से भेंट की गई।

‘झंडा ऊंचा रहे हमारा ’ अभियान के तहत आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ नन्हीं बालिका अदिति विजयवर्गीय, एमराल्ड स्कूल के बच्चों, रचना पुराणिक शर्मा आदि द्वारा देशभक्ति से प्रेरित गीतों की प्रस्तुति से हुआ। अतिथियों का स्वागत पद्मश्री जनक पलटा, उद्योगपित वीरेन्द्र गोयल, डॉ. मंजू व्यास, दीपक अधिकारी, अतुल शेठ, पंकज कासलीवाल, चांदमल जैन आदि ने किया। शहीद वरूणसिंह के पिता ने कहा कि वरुण ने अपनी लाइन स्वयं चुनी। कक्षा 9वीं में पढ़ते हुए ही उसने भाई से कहा था – एक दिन ऊंचा उड़कर दिखाऊंगा। अपने इसी जज्बे को कायम रखते हुए उसने फाइटर प्लेन उड़ाने का मन पहले से ही बना लिया था। इसरो के गगन यान के लिए भी वरुण ने काफी मेहनत की। वरुण की मां उमासिंह ने कहा कि बच्चा खुद तैयार होता है, हमने तो उसे वातावरण दिया। उसके मन में एक आग थी देश की रक्षा के लिए। वह अंतरमुखी था और बहुत ही अनुशासित एवं संतोषी भी। सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि संस्था सेवा सुरभि ने झंडा ऊंचा रहे हमारा अभियान के माध्यम से इस राष्ट्रीय उत्सव के लिए जो जागरुकता पैदा की है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम होगी। यह एक अनुकरणीय अभियान है। उन्होंने कहा – कौन कितने वर्ष जीता है, यह याद नहीं रहता, लेकिन कैसे जीता है, यह जरूर याद रखा जाता है। कुछ लोग विशिष्ट होते हैं, जो समय को अपने हिसाब से ओढ़ लेते हैं। शहीद वरुणसिंह ऐसे ही जाबांज भारतीय सैन्य अधिकारी हैं।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि हमारे सैनिक माइनस 21 डिग्री पर देश की सीमा की रक्षा करते हैं। कैप्टन वरूण ने भारत मां को अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।कैप्टन के जज्बे से देश के युवाओं को प्रेरणा मिलेगी। सैनिक जो कुछ करते हैं, उसका एक प्रतिशत भी हम लौटाते नहीं। सेवा सुरभि के इस अभियान को हम अगले वर्ष से और बेहतर करेंगे। अभिनंदन पत्र का वाचन संजय पटेल ने किया। इस अवसर पर चित्रकार विजय सोहनी को पूर्व कलेक्टर राकेश श्रीवास्तव एवं श्रीमती वंदिता श्रीवास्तव ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। सोहनी ने शहीद वरूण के चित्र की पेंटिंग उनके माता-पिता को भेंट की। संचालन रंगकर्मी संजय पटेल ने किया एवं आभार माना संस्था के संयोजक ओमप्रकाश नरेड़ा ने। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

दुआ सभागृह में शहीद सैनिक के परिजनों के सम्मान के बाद सभी अतिथि और शहीद वरूणसिंह के परिजन महू के सैन्य बैंड की सुर लहरियों के बीच रीगल चौराहा स्थित इंडिया गेट पहुंचे और अनाम शहीदों के स्मारक ‘अमर जवान ज्योति’ की प्रतिकृति पर पुष्पांजलि समर्पित कर मोमबत्तियां भी रौशन की। रीगल चौराहे पर सांझ ढलते ही शहर के सैकड़ों नागरिकों ने पहुंचकर मोमबत्तियां लगाई। नन्हें मुन्ने बच्चों से लेकर बड़े –बुजुर्गों ने भी देश के लिए शहीद हुए सैनिकों को दीपांजलि समर्पित की। देर रात तक इंडिया गेट पर शहर के गणमान्य नागरिकों, राजनेताओं एवं सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने तिरंगे फहराकर शहीद स्मारक को मोमबत्तियों से गुलजार बनाए रखा। मोबाइल से सैल्फी लेने का क्रम भी देर रात तक चलता रहा।

सुबह स्कूली बच्चों ने समर्पित की पुष्पांजलि – इंडिया गेट और अमर जवान ज्योति की प्रतिकृति पर बुधवार सुबह शहीदों को पुष्पांजलि समर्पित करने के साथ ही स्कूली बच्चों ने अपने-अपने बैंड दल के साथ आकर देशभक्ति से प्रेरित गीतों की प्रस्तुतियां दी। तिरंगा फहराते हुए इन बच्चों की प्रस्तुतियां इतनी दिलकश थी कि राह चलते लोग भी ठिठककर इनके साथ शामिल हो गए।